सीकर. जिले के पलसाना से जुराठड़ा जाने वाली सड़क मार्ग पर रेलवे न्यू कॉलोनी में एक युवक और युवती का शव मिला. जिसके बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गई. इसके बाद मौके पर सीकर से एफएसएल टीम पहुंच कर मामले की तहकीकात की.
बता दे कि रेलव कॉलोनी में किराए के मकान में नांगल भीम निवासी विकास कुमार रहता है. वह निजी स्कूल में कक्षा 12 में पढ़ता है. स्कूल जाते समय उसके मामा शीशराम, जिसकी उम्र 32 है और जैता की ढाणी का रहने वाला है. उसने अपने भांजे को फौन किया कि मैं कमरे पर आ रहा हूं, कमरा खुला छोड़कर जाना. इस पर विकास ने स्कूल जाते समय कमरे का एक तरफ का गेट खुला छोड़कर चला गया.
बताया जा रहा है कि शीशराम सवारी गाड़ी में खाटू श्याम जी, जो लामिया निवासी है. उसकी पुत्री पूजा के साथ विकास के कमरे पर आया था. जब विकास स्कूल से वापस घर आया तो उसने देखा कि उसका मामा शीशराम कमरे की पट्टी में लगी गाटर में रस्सी का फंदा डालकर झुला हुआ था और बिस्तर पर एक लड़की का शव पड़ा था.
इसके बाद विकास ने अपने बड़े मामा बलवीर को घटना की सूचना दी. जिसके बाद बलबीर ने अपने भांजा विकास के किराए के मकान पर पहुंचकर भाई शीशराम को फंदे पर झूला हुआ पाया और लड़की का शव को बिस्तर पर पड़ा देखा. उसके बाद उसने पुलिस को इस घटना की सूचना दी. जिसके बाद सीओ कमल सिंह एफएसएल टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे.
बताया जा रहा है कि मृतक युवती के गले पर खरोंच के निशान पाये गए हैं, जिससे अनुमामन लगाया जा रहा है कि मृतक शीशराम फंदे पर झूलने से पहले युवती का गला घोंटकर हत्या की थी. बताया जा रहा है कि मृतक युवती परिजनों को कॉलेज जाने की बात कह कर घर से निकली थी, जो टीबा वाली जोबनेर कॉलेज में द्वितीय वर्ष की छात्रा थी.
इसके बाद दोनों शवों को पलसाना के राजकीय सामुदायिक अस्पताल ले जाए गए. जहां पर मोर्चरी के अभाव में शवों का पोस्टमार्टम नहीं हो सका. इसके बाद शवों को लेकर जैसे ही सीकर के लिए रवाना होने लगे. तो दोनों पक्षों के लोग अस्पताल पहुंचकर शवों को बिना पोस्टमार्टम कराए ही घर ले जाने की मांग करने लगे.
जिसके बाद पुलिस ने उच्च अधिकारियों से बात कर परिजनों के कहने पर पंचनामा रिपोर्ट तैयार कर दोनों के परिजनों की ओर से पोस्टमार्टम नहीं कराने एवं कोई कार्यवाही नहीं चाहने की बात लिखित में लेकर दोनों के शव को परिजनों को सौंप दिए.
बता दें कि शीशराम के पिता की पहले ही मौत हो चुकी है. शीशराम युवती के पिता की सवारी गाड़ी चलाता था. जो खाटू श्याम जी की एक निजी स्कूल में लगी हुई थी. मृतक शीशराम युवती की मां को अपनी धर्म की बहन बना रखा था और लंबे समय से उनके घर ही रहता था.