कोटा. देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा का आयोजन 7 मई को हो गया था. इसके बाद लाखों की संख्या में विद्यार्थियों को रिकॉर्डेड रिस्पांस शीट और आंसर की का इंतजार है. विद्यार्थी परीक्षा के बाद 2 सप्ताह से इंतजार कर रहे हैं. देशभर के लगभग सभी कोचिंग संस्थानों ने भी अपनी आंसर की जारी की है. जिनके अनुसार विद्यार्थियों ने अपने प्रश्न पत्र के जरिए मिलान तो किया है, लेकिन फिर भी सभी विद्यार्थियों को रिकॉर्डेड रिस्पॉन्स शीट का भी इंतजार है.
एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा का मानना है कि मेडिकल काउंसलिंग को समय से करवाने और मेडिकल एजुकेशन का सेशन समय से शुरू होना चाहिए. इसीलिए नीट यूजी 2023 एग्जाम की परीक्षा के बाद की पूरी प्रक्रिया समय से होना जरूरी है. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को इस पर पूरी तरह से फोकस होकर काम करना चाहिए. आपको बता दें कि नीट यूजी 2023 की परीक्षा में 20.87 लाख विद्यार्थी रजिस्टर्ड हुए थे. इनमें से करीब 97 फ़ीसदी विद्यार्थियों ने परीक्षा दी है. ऐसे में करीब 20.25 लाख विद्यार्थियों ने परीक्षा दी. जबकि वर्तमान में देश भर में मेडिकल की सीटें 105000 के आसपास है. यह बढ़कर 107000 के आसपास हो सकती हैं.
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आपत्ति दर्ज कराने के बाद जारी होता है रिजल्टः रिकॉर्डेड रिस्पांस शीट, आंसर की और प्रश्न पत्र जारी होने के बाद इन पर आपत्ति मांगी जाती है. इस पर विद्यार्थी अपनी आपत्तियां दर्ज कराते हैं. इन आपत्तियों पर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के एक्सपर्ट निर्णय करते हैं. जिनमें कुछ प्रश्नों को हटाया जाता है या फिर बोनस अंक की घोषणा की जाती है. जिसके बाद में फाइनल आंसर की जारी की जाती है. जिसके आधार पर ही परिणाम जारी होता है. इसमें ऑल इंडिया रैंक जारी होगी.
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रिजल्ट में आसपास रहने वाले विद्यार्थियों को ज्यादा इंतजारः नीट यूजी 2023 में कई विद्यार्थी ऐसे हैं, जिनमें कुछ अंक से सरकारी मेडिकल सीट प्राप्त करने से चूक जाते हैं. ऐसे विद्यार्थियों को रिकॉर्डेड रिस्पोंस शीट और आंसर की का बेताबी से इंतजार है. वे अपने नम्बरों को जोड़ सकते हैं. नंबर का आंकलन कम रहने पर अगले साल की तैयारी में जुट जाते हैं. ऐसे में इन विद्यार्थियों को अन्य विद्यार्थियों से ज्यादा इंतजार है.