जयपुर : प्रदेश की भाजपा सरकार सभी संभागों में एक आदर्श वेद विद्यालय खोलेगी. इसकी शुरुआत शिक्षा मंत्री ने अपने विधानसभा क्षेत्र से कर दी है. हालांकि, अभी विद्यालय के लिए सिर्फ जमीन आवंटित हुई है. वहीं, वर्तमान में प्रदेश में विभिन्न समिति और ट्रस्ट की ओर से संचालित आवासीय वेद विद्यालयों में अध्ययन भी शुरू कर दिया गया है, ताकि भवन निर्माण के साथ ही यहां शिक्षा सत्र शुरू किया जा सके.
प्रदेश में 39 आवासीय वेद वेदाश्रम : प्रदेश में त्रेता युग-द्वापर युग की गुरु शिष्य परंपरा को साकार करने के लिए आदर्श वेद विद्यालय खोलने की राज्य सरकार की बजट घोषणा को धरातल पर उतारा जा रहा है. राज्य सरकार ने आदर्श वेद विद्यालय भवन निर्माण के लिए रामगंज मंडी विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत चेचट के सालेडा कलां रोड पर 15 बीघा जमीन आवंटित की है. आगामी शिक्षा सत्र में यहां विद्यालय का संचालन भी शुरू होगा. आदर्श वेद विद्यालय शुरू होने के बाद छात्रों को भविष्य की नई दिशा भी मिलेगी. हालांकि, अभी भी प्रदेश में 39 आवासीय वेद वेदाश्रम (वेद विद्यालय) संचालित किए जा रहे हैं. ये सभी वेद विद्यालय किसी न किसी समिति या ट्रस्ट की ओर से संचालित किया जा रहे हैं, जिन्हें राजस्थान संस्कृत अकादमी से भी अनुदान मिलता है.
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वर्तमान में 32 विद्यार्थी अध्यनरत हैं : जयपुर के पं. राधेलाल चौबे, वेद विद्यालय वेद अध्यापक पवन कुमार शर्मा ने बताया कि ये विद्यालय 2017 से चल रहा है. अब तक यहां से तीन बैच निकल चुके हैं. सभी विद्यार्थी आगे अपना अध्ययन कर रहे हैं. कुछ पूजा-पाठ में जुटे हुए हैं, कुछ शास्त्री और उपाध्याय का अध्ययन कर रहे हैं. वर्तमान में यहां 32 विद्यार्थी अध्यनरत हैं. ये एक आवासीय विद्यालय है, जहां बच्चों के खाने-पीने और रहने की व्यवस्था है. एक्टिविटीज की अगर बात करें तो यहां सुबह 5 बजे से उठने से रात 9:30 बजे सोने तक का पूरा शेड्यूल है. इसमें सुबह-शाम वंदना, वेद विद्यालय, सामान्य विद्यालय, खेलकूद, कंप्यूटर क्लास भी शामिल हैं. वहीं, सिलेबस में यहां यजुर्वेद का अध्ययन कराया जाता है. इसके अलावा याज्ञवल्क्य शिक्षा, पंचांग, नित्य कर्म, सोलह संस्कार, मंडल, हवन आदि का ज्ञान भी दिया जाता है.
5 वर्षीय वेद अध्ययन प्रमाण पत्र दिया जाता है : वेद अध्यापक ने बताया कि यहां पढ़ने वाले छात्र सामान्य छात्रों से एक कदम आगे हैं. यहां से पढ़ा हुआ छात्र धर्मगुरु, पंडित, शास्त्री, आचार्य बन सकता है. अन्य प्रतियोगिता परीक्षा में भी भाग ले सकता है. इस स्कूल की मान्यता राजस्थान संस्कृत अकादमी से है. यहां से छात्र को 5 वर्षीय वेद अध्ययन प्रमाण पत्र दिया जाता है. श्री नरवर आश्रम सेवा समिति मंदिर श्री खोले के हनुमान जी की ओर से संचालित है. यहां सिर्फ सरकार से छात्रवृत्ति और अध्यापक वेतन के रूप में ही अनुदान आता है.
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10 बच्चों से ये वेद विद्यालय शुरू हुआ : नरवर आश्रम सेवा समिति के महामंत्री बृजमोहन शर्मा ने बताया कि 10 बच्चों से ये वेद विद्यालय शुरू हुआ था. यहां छात्रों को सभी सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. छात्रों को बाहर प्राइवेट स्कूल में भी पढ़ाया जाता है, ताकि उनकी इंग्लिश, मैथ्स, साइंस विषय के ज्ञान के साथ सर्वांगीण विकास हो सके. ये पूरी तरह नि:शुल्क व्यवस्था है. हालांकि, अब राज्य सरकार ने बजट में सभी संभाग स्तर पर आदर्श वेद विद्यालय खोलने की घोषणा की है, ताकि बच्चे अपने पूजा, संस्कार आदि में निपुण हों. इससे आने वाले समय में छात्रों को रोजगार भी मिलेगा. पहले गुरुकुल चलते थे, जिसमें भगवान राम, भगवान कृष्ण ने भी अपनी शिक्षा ग्रहण की. इस परंपरा का निर्वहन करते हुए ये वेद विद्यालय खोलने की एक पहल की जा रही है. इससे छात्र यहां से अध्ययन करके अपने पैरों पर खड़ा होकर के ही निकलेगा.
सभी संभाग स्तर पर खोले जाएंगे वेद विद्यालय : इस संबंध में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि नई पीढ़ी को वेदों का ज्ञान होना बहुत आवश्यक है, क्योंकि वेद हमारी पुरानी परंपरा और ज्ञान का भंडार है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी फैसला लिया है कि सभी संभाग स्तर पर वेद विद्यालय खोले जाएं. इसी कड़ी में वेद विद्यालय खोलने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है. कोई जीव विज्ञान पढ़ता है तो कोई गणित और कला पढ़ता है. इसी तरह से वेदों का ज्ञान होना भी बहुत आवश्यक है.
बहरहाल, आज के समय में शिक्षा हर व्यक्ति के जीवन का महत्वपूर्ण अंग है. आज माता-पिता अपने बच्चों को इंग्लिश मीडियम स्कूलों में भेज रहे हैं, लेकिन जिस तरह सनातन संस्कृति और वेद अध्ययन को लेकर लोगों में रुचि बढ़ रही है. ऐसे में राज्य सरकार की ओर से यदि आदर्श वेद विद्यालय खोलने की बजट घोषणा को जल्द धरातल पर उतारा जाता है, तो युवा वेदों को पढ़कर भी अपने सपनों को साकार कर सकेंगे.