हैदराबाद: हर साल बेस्ट सेलिंग कार का सेहरा Maruti Suzuki की किसी कार के सिर पर सजता है, लेकिन 40 साल में पहली बार ऐसा हुआ है, जब यह उपलब्धि मारुति सुजुकी हासिल नहीं कर पाई है और इस बार टाटा मोटर्स ने बाजी मारी है. Tata Motors की सब-कॉम्पैक्ट एसयूवी Tata Punch ने मारुति सुज़ुकी की Wagon-R और Swift को पछाड़ दिया है और 2024 की सबसे ज्यादा बिकने वाली कार बन गई है.
जानकारी के अनुसार Tata Motors ने साल 2024 में Tata Punch की 2.02 लाख से ज़्यादा यूनिट्स भारतीय बाजार में बेचीं, और इस बिक्री के साथ इसने Maruti Wagon-R को पछाड़ दिया है. साल 2024 में Maruti Suzuki Wagon-R के 1.91 लाख यूनिट्स घरेलू बाजार में बेचे गए. 2024 में देश में सबसे ज़्यादा बिकने वाली पांच कारों में से तीन एसयूवी थीं.
साल 2021 में लॉन्च हुई Tata Punch
कैलेंडर वर्ष 2024 के परफॉर्मेंस की समीक्षा करते हुए, टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड और टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड के एमडी शैलेश चंद्रा ने कहा कि "एसयूवी सेगमेंट में मजबूत वृद्धि और उत्सर्जन-अनुकूल पावरट्रेन के लिए निरंतर आकर्षण के साथ पीवी उद्योग की बिक्री मात्रा 4.3 मिलियन यूनिट तक पहुंचने की उम्मीद है."
Tata Punch को साल 2021 में भारतीय बाजार में लॉन्च किया गया था. इस कार ने अपने एसयूवी सिल्हूट, अपराइट स्टांस, 190 मिमी ग्राउंड क्लीयरेंस और 3.8 मीटर के फुटप्रिंट में कमांडिंग ड्राइवर पोजीशन के साथ, सब-4 मीटर एसयूवी श्रेणी में एक बिल्कुल नया सब-सेगमेंट बनाया.
फुटप्रिंट के आधार पर, यह सेगमेंट Maruti Swift जैसी हैचबैक के संभावित खरीदारों के लिए एक बेस्ट विकल्प बन रहा है. इन फीचर्स के साथ, Tata Punch ने एक महीने में 10,000 से ज्यादा यूनिट बेचना शुरू कर दिया और 2022 में 10वीं सबसे अधिक बिकने वाली कार बन गई.
फ़ुटप्रिंट, फ़ीचर और कीमत के मामले में Hyundai Exter और Tata Punch बराबर हैं, साथ ही Hyundai और Tata Motors की बिक्री फ़ुटप्रिंट भी लगभग समान है. हालांकि, Hyundai Exter 2024 में टाटा पंच की आधी बिक्री भी नहीं दे सकी है.
Maruti Suzuki की बिक्री क्यों हुई कम
भारतीय बाजार में ग्राहकों का रुख प्रीमियम कारों की ओर बढ़ रहा है, जिसके चलते देश की सबसे बड़ी किफ़ायती कार निर्माता कंपनी Maruti Suzuki के लिए यह एक परीक्षा के तौर पर साबित हो रहा है. कंपनी के पास सीमित SUV विकल्प है, जो खास तौर पर 10 लाख रुपये से ज़्यादा कीमत पर उपलब्ध हैं, और ऐसे में मारुति सुज़ुकी की बाज़ार हिस्सेदारी प्रभावित हो रही है.
महामारी के बाद गिरी Maruti Suzuki की बाजार हिस्सेदारी
महामारी से पहले साल 2018 में, भारतीय ऑटो उद्योग ने 33.49 लाख कारों की बिक्री के साथ अपना अब तक का सबसे अच्छा साल बिताया था. Maruti Suzuki ने भारतीय बाज़ार में 52 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ सबसे ज्यादा कारों की बिक्री की थी. और सबसे ज़्यादा बिकने वाली टॉप-5 कारें भी मारुति सुजुकी के पोर्टफोलियो से थी.
वहीं साल 2024 में, जब भारतीय ऑटो उद्योग महामारी के बाद पूरी तरह से उबर गया है, तो कारों की बिक्री लगभग 42.86 लाख यूनिट्स के एक नये शिखर पर पहुंच गई. लेकिन बिक्री कुल बिक्री बढ़ने के बावजूद Maruti Suzuki की बाजार हिस्सेदारी न केवल 41 प्रतिशत तक गिर गई, बल्कि भारत की सबसे अधिक बिकने वाली कार का गौरव भी कंपनी ने खो दिया.
भारत की बेस्ट सेलिंग कार का इतिहास
देश की आजादी के बाद के युग में, हिंदुस्तान मोटर्स की एम्बेसडर ने लगभग तीन दशकों तक भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाली कार के तौर पर पहचान बनाई, जबकि दूसरे स्थान पर Premier Padmini का बब्जा रहा. लेकिन 1985 में Suzuki की आधुनिक, विश्वसनीय और किफायती पेशकश Maruti 800 ने आने वाले कई सालों तक सबसे ज़्यादा बिकने वाली कार का ताज अपने नाम कर लिया.
अगले चार दशकों में Maruti Suzuki का दबदबा रहा, जो लगातार मज़बूत होती गई, तब भी जब 90 के दशक के बाद उदारीकरण के दौर में बाज़ार दूसरे विदेशी प्रतिद्वंद्वियों के लिए खुल गए थे. Maruti 800 के बाद, इसकी उत्तराधिकारी Alto 13 वर्षों तक सर्वाधिक बिक्री वाली कार रही, जिसने 2011 में 3,11,367 यूनिट की सर्वाधिक बिक्री दर्ज की. यह एक कैलेंडर वर्ष में भारतीय उद्योग में किसी भी कार द्वारा की गई अब तक की सर्वाधिक बिक्री थी.
हालांकि, साल 2018 के बाद, बदलते नियमों के कारण चीजें तेजी से बदलने लगीं, जैसे, BS IV से BS VI में परिवर्तन, और एयरबैग को अनिवार्य करने की मांग. Dzire से लेकर Swift प्रीमियम हैचबैक और टॉल-बॉय Wagon-R तक कई मारुति उत्पादों के बीच नंबर एक का स्थान बदलता रहा.