नई दिल्ली: आज संसद में नया आयकर विधेयक पेश किया गया. ये नया आयकर विधेयक 622 पेज का है. इसका उद्देश्य छह दशक पुराने आयकर अधिनियम 1961 को रिप्लेस करना है. प्रस्तावित कानून को आयकर अधिनियम 2025 कहा जाएगा और इसके अप्रैल 2026 में प्रभावी होने की उम्मीद है. अधिनियमित होने के बाद यह विधेयक छह दशक पुराने आयकर अधिनियम 1961 को रिप्लेस करेगा.
बता दें कि प्रस्तावित कानून आयकर अधिनियम, 1961 में उल्लिखित 'पिछले वर्ष' शब्द को 'टैक्स वर्ष' से बदल देता है. इसके साथ ही यह आकलन वर्ष की अवधारणा को भी समाप्त करता है.
बिल में बड़े अपडेट
- रिपोर्ट में कहा गया है कि नए विधेयक में 'टैक्स वर्ष' की शुरुआत हो सकती है, जो 1 अप्रैल, 2026 से शुरू होने वाली बारह महीने की वित्तीय अवधि को परिभाषित करेगा.
- रिपोर्ट के अनुसार, नया विधेयक अनुपालन को आसान बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगा और नया ढांचा कागजी कार्रवाई को सुव्यवस्थित करेगा, डिजिटल प्लेटफॉर्म को एकीकृत करेगा और करदाताओं पर बोझ कम करने के उद्देश्य से रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रियाओं को सरल करेगा.
- नया विधेयक वेतन पर आयकर कटौती में भत्ते और ग्रेच्युटी के व्यापक विभाजन पर ध्यान केंद्रित करेगा.
नया आयकर विधेयक क्या कहता है?
- धारा 19- वेतन से कटौती
वेतन शीर्षक के अंतर्गत देय आय की गणना नीचे उल्लिखित प्रकृति की कटौती करने के बाद, निर्दिष्ट सीमा तक की जाएगी. - रोजगार पर कर- संविधान के अनुच्छेद 276(2) के अनुसार, करदाता द्वारा रोजगार पर कर के रूप में भुगतान की गई राशि पूरी तरह से काट ली जाएगी.
- मानक कटौती- पुरानी कर व्यवस्था के मामले में कर्मचारियों को 50,000 रुपये या वेतन, जो भी कम हो, के बराबर मानक कटौती का लाभ मिलता है.
हाल ही में हुए बदलाव
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले व्यक्तियों को नई कर व्यवस्था के तहत आयकर का भुगतान करने से छूट दी जाएगी. इसके अलावा नई कर व्यवस्था के तहत वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए यह छूट 75,000 रुपये के मानक कटौती के साथ 12.75 लाख रुपये तक हो सकती है.
इसके अलावा वित्त मंत्री सीतारमण ने नए आयकर स्लैब भी पेश किए.
- 4,00,000 रुपये तक- कोई कर नहीं लगाया जाएगा
- 4,00,001 रुपये से 8,00,000 रुपये तक- कर की दर 5 फीसदी है.
- 8,00,001 से 12,00,000 रुपये तक- कर की दर 10 फीसदी है.
- 12,00,001 रुपये से 16,00,000 रुपये तक- कर की दर 15 फीसदी है.
- 16,00,001 रुपये से 20,00,000 रुपये तक- कर की दर 20 फीसदी है.
- 20,00,001 रुपये से 24,00,000 रुपये तक- कर की दर 25 फीसदी है.
- 24,00,000 रुपये से ऊपर- कर की दर 30 फीसदी है.