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अनक्लेम्ड फंड और सिक्योरिटी को लेकर SEBI ने जारी किया नया आदेश, जानें किन्हें मिलेंगे 500 करोड़ - UNCLAIMED SHARE

सेबी ने स्टॉक ब्रोकरों के पास पड़े बिना दावे वाले फंड और प्रतिभूतियों से निपटने के लिए एक संशोधित रूपरेखा प्रस्तावित की है.

SEBI
प्रतीकात्मक फोटो (Getty Image)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 13, 2025, 2:20 PM IST

मुंबई: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने ट्रेडिंग सदस्यों (टीएम) के पास पड़े दावा न किए गए पैसे और प्रतिभूतियों के प्रबंधन के लिए एक नई प्रणाली का प्रस्ताव दिया है.

सेबी के आंकड़ों के अनुसार 31 जनवरी, 2025 तक बिना दावे वाले फंड का कुल मूल्य लगभग 323 करोड़ रुपये और बिना दावे वाली सिक्योरिटी का कुल मूल्य लगभग 182 करोड़ रुपये था. सेबी का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि ये सिक्योरिटी सही मालिकों को वापस कर दी जाएं.

सेबी ने कहा कि अगर सामान्य कारोबारी प्रक्रिया के दौरान ग्राहक के बैंक खाते या डीमैट खाते में पैसे या सिक्योरिटी जमा नहीं हो पाती हैं या ग्राहक से संपर्क नहीं हो पाता है, तो ऐसे ग्राहक खातों को तुरंत 'इंक्वायरी स्टेटस' में डाल दिया जाना चाहिए.

इसमें कहा गया है कि ग्राहक की सिक्योरिटी जो 'इंक्वायरी स्टेटस' में हैं या 30 दिनों से अधिक की अवधि के लिए ट्रेडिंग सदस्य के पास पड़ी हैं, उन्हें 'अनक्लेम्ड सिक्योरिटी' कहा जाना चाहिए.

दावा न किए गए फंड और सिक्योरिटी क्या हैं?
गलत डिटेल्स या इनएक्टिव के कारण ग्राहक के बैंक या डीमैट खाते में जमा न किए जा सकने वाले फंड या सिक्योरिटी दावा न किए गए के रूप में वर्गीकृत की जाएंगी. जिन ग्राहकों से 30 दिनों के भीतर संपर्क नहीं किया जा सकता, उनकी संपत्ति को दावा न किए गए के रूप में टैग किया जाएगा.

दावा न की गई संपत्तियों का क्या होगा?

अनक्लेम फंड

  • 30 दिनों के भीतर- फंड को सावधि जमा (एफडी) या ओवरनाइट लिक्विड योजनाओं में रखा जाएगा.
  • 1 साल के बाद- फंड को एक निर्दिष्ट स्टॉक एक्सचेंज (डीएसई) में ट्रांसफर कर दिया जाएगा.
  • 3 साल के बाद- फंड को निवेशक सुरक्षा निधि (आईपीएफ) में ट्रांसफर कर दिया जाएगा.

दावा न की गई सिक्योरिटी

  • 7 दिनों के भीतर- सिक्योरिटी को निर्दिष्ट स्टॉक एक्सचेंज के तहत एक विशेष खाते में गिरवी रखा जाएगा.
  • अगर 3 वर्षों तक दावा न किया जाए- सिक्योरिटी को निवेशक दावों के लिए एक विशेष श्रेणी के तहत रखा जाएगा.

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मुंबई: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने ट्रेडिंग सदस्यों (टीएम) के पास पड़े दावा न किए गए पैसे और प्रतिभूतियों के प्रबंधन के लिए एक नई प्रणाली का प्रस्ताव दिया है.

सेबी के आंकड़ों के अनुसार 31 जनवरी, 2025 तक बिना दावे वाले फंड का कुल मूल्य लगभग 323 करोड़ रुपये और बिना दावे वाली सिक्योरिटी का कुल मूल्य लगभग 182 करोड़ रुपये था. सेबी का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि ये सिक्योरिटी सही मालिकों को वापस कर दी जाएं.

सेबी ने कहा कि अगर सामान्य कारोबारी प्रक्रिया के दौरान ग्राहक के बैंक खाते या डीमैट खाते में पैसे या सिक्योरिटी जमा नहीं हो पाती हैं या ग्राहक से संपर्क नहीं हो पाता है, तो ऐसे ग्राहक खातों को तुरंत 'इंक्वायरी स्टेटस' में डाल दिया जाना चाहिए.

इसमें कहा गया है कि ग्राहक की सिक्योरिटी जो 'इंक्वायरी स्टेटस' में हैं या 30 दिनों से अधिक की अवधि के लिए ट्रेडिंग सदस्य के पास पड़ी हैं, उन्हें 'अनक्लेम्ड सिक्योरिटी' कहा जाना चाहिए.

दावा न किए गए फंड और सिक्योरिटी क्या हैं?
गलत डिटेल्स या इनएक्टिव के कारण ग्राहक के बैंक या डीमैट खाते में जमा न किए जा सकने वाले फंड या सिक्योरिटी दावा न किए गए के रूप में वर्गीकृत की जाएंगी. जिन ग्राहकों से 30 दिनों के भीतर संपर्क नहीं किया जा सकता, उनकी संपत्ति को दावा न किए गए के रूप में टैग किया जाएगा.

दावा न की गई संपत्तियों का क्या होगा?

अनक्लेम फंड

  • 30 दिनों के भीतर- फंड को सावधि जमा (एफडी) या ओवरनाइट लिक्विड योजनाओं में रखा जाएगा.
  • 1 साल के बाद- फंड को एक निर्दिष्ट स्टॉक एक्सचेंज (डीएसई) में ट्रांसफर कर दिया जाएगा.
  • 3 साल के बाद- फंड को निवेशक सुरक्षा निधि (आईपीएफ) में ट्रांसफर कर दिया जाएगा.

दावा न की गई सिक्योरिटी

  • 7 दिनों के भीतर- सिक्योरिटी को निर्दिष्ट स्टॉक एक्सचेंज के तहत एक विशेष खाते में गिरवी रखा जाएगा.
  • अगर 3 वर्षों तक दावा न किया जाए- सिक्योरिटी को निवेशक दावों के लिए एक विशेष श्रेणी के तहत रखा जाएगा.

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