नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को लोकसभा को बताया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल करके गुजरने वाले वाहनों की संख्या और वर्गीकरण की स्वतंत्र रूप से निगरानी करने के लिए हाई-वेल्यू वाले टोल प्लाजा पर ऑडिट कैमरे लगाने पर विचार कर रहा है.
उन्होंने उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में अत्रैला शिव गुलाम शुल्क प्लाजा की एक घटना का भी जिक्र किया, जहां पूरा कैश वसूला गया था, जिसका कुछ हिस्सा शुल्क प्लाजा के टोल मैनेजमेंट सिस्टम सॉफ्टवेयर के माध्यम से नहीं बल्कि एक अनधिकृत हैंडहेल्ड मशीन के माध्यम से संसाधित किया गया था.
उन्होंने कहा, "इस घटना से सीखते हुए एनएचएआई का लक्ष्य अमान्य/गैर फास्टैग वाहनों से केश कलेक्शन प्रक्रिया को मजबूत करना है और शुल्क प्लाजा से गुजरने वाले वाहनों की गिनती पर सख्ती से नजर रखने के लिए अतिरिक्त निगरानी पर विचार किया जा रहा है, ताकि टोल प्लाजा पर प्राप्त रसीदों से उसका मिलान किया जा सके."
डीएमके सांसद दयानिधि मारन के सवाल का जवाब
गडकरी डीएमके सांसद दयानिधि मारन द्वारा राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल कलेक्शन से संबंधित धोखाधड़ी से निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे. मंत्री ने कहा कि एनएचएआई ने घरौंडा, चोर्यासी, नेमिली, अर्बन एक्सटेंशन रोड (UEI) -II और द्वारका एक्सप्रेसवे पर पांच टोल प्लाजा पर फास्टैग और ऑटोमैटिक नंबर प्लेट पहचान (ANPR) बेस्ड टोल कलेक्शन लागू करने के लिए बिड इंवाइट की हैं.
नेशनल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन
उन्होंने बताया कि यह सिस्टम सिर्फ फास्टैग के जरिए यूजर्स फीस कलेक्शन को सक्षम बनाता है. अमान्य/गैर-फास्टैग वाहनों के लिए ई-नोटिस प्रस्तावित हैं, जिससे टोल कलेक्शन प्रोसेस से कैश कलेक्शन समाप्त हो जाता है. अपने जवाब में गडकरी ने यह भी कहा कि 98 प्रतिशत से अधिक यूजर्स फीस कलेक्शन नेशनल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (NETC) कार्यक्रम के तहत फास्टैग के माध्यम से होता है.
सड़क परिवहन ने कहा कि इस लेन-देन में एक ट्रांसपेरेंट प्रोसेस शामिल है, जिसमें काटी गई यूजर फीस (टोल) की जानकारी राजमार्ग यूजर्स को दी जाती है और इसे एक सेंट्रल रिपॉजिटरी में रिकॉर्ड किया जाता है. इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (ETC) सिस्टम को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि कोई भी फास्टैग लेनदेन तीनों हितधारकों - यूजर्स फीस प्लाजा पर अधिग्रहणकर्ता बैंक, एनपीसीआई और जारीकर्ता बैंक की भागीदारी के बिना नहीं हो सकता है.
गडकरी ने कहा कि कैश लेनदेन के लिए भी यूजर्स फीस कलेक्शन करने वाली एजेंसियों को टोल मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से कलेक्शन की प्रक्रिया करने के लिए बाध्य किया जाता है, ताकि एक सेंट्रलाइज रिकॉर्ड बनाए रखा जा सके.
यूजर फीस प्लाजा संचालन की 24X7 निगरानी
उन्होंने बताया कि सरकार ने यूजर फीस प्लाजा संचालन की 24X7 निगरानी करने और यूजर फीस प्लाजा पर होने वाली किसी भी संदिग्ध गतिविधि की केंद्रीय नियंत्रण कक्ष को रिपोर्ट करने के लिए सिस्टम इंटीग्रेटर्स की नियुक्ति की है. हालांकि, सरकार शिकायतों के आधार पर यूजर फीस प्लाजा पर कुछ संभावित धोखाधड़ी वाले संचालन की जांच कर रही है.
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