नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं. इस बार दिल्ली की सत्ता में 27 साल बाद बीजेपी कबिज होने जा रही है. बीजेपी ने जिस तेवर से चुनाव लड़ा और आम आदमी पार्टी को पटखनी दी, इसके क्या कारण हैं? अब आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल का भविष्य क्या होगा? आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य और अरविंद केजरीवाल के सहयोगी रहे योगेंद्र यादव से ईटीवी भारत संवाददाता आशुतोष झा ने ऐसे सवालों पर विस्तार से जवाब जाने. पढ़िए इंटरव्यू.
बीजेपी के खिलाफ बने माहौल को दिल्ली चुनाव ने बदला?
योगेंद्र यादव ने कहा कि यह चुनाव नतीजा देश और दिल्ली की राजनीति के साथ आम आदमी पार्टी और उसके भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. जो माहौल 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद से ही एक माहौल बना था, उम्मीद थी कि देश में कुछ बदलाव होगा. लोकसभा चुनाव तकनीकी रूप से बीजेपी नहीं हारी थी, लेकिन लोग उसे हारा हुआ मान रहे थे. ऐसा माहौल बनाने में दिल्ली की भूमिका थी.
दिल्ली की राजनीति में बीजेपी को पहली बार इतने सालों बाद मौका मिलने जा रहा है. आम आदमी पार्टी, जिसने ऐसा माहौल बना लिया था कि लगता था कि लेफ्ट फ्रंट की तरह 20-30 साल तक राज कर सकती है, अचानक ध्वस्त हो गई है. दिल्ली की राजनीति का चरित्र बदल रहा है और देश में वैकल्पिक राजनीति का जो नया प्रयोग हुआ उससे आम आदमी पार्टी नाम का एक वाहन क्षतिग्रस्त हुआ है.
क्या आम आदमी पार्टी दोबारा पटरी पर लौट पाएगी?
उन्होंने आगे कहा, आम आदमी पार्टी की हार के बाद बहुत लोग खुश थे. वह लोग जो बीजेपी के साथ नहीं हैं वह लोग भी बहुत खुश हैं. बावजूद इसके कि आम आदमी पार्टी से मेरे कोई संबंध नहीं हैं, जिस तरीके से हमारे कुछ साथियों के साथ व्यवहार किया गया उसे हम भूलते नहीं. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि अपने व्यक्तिगत तकलीफ और खुन्नस को लेकर खुश हो जाया जाए. यह हार सिर्फ आम आदमी पार्टी के लिए नहीं है, यह इस देश में बीजेपी का जो राजनीतिक वर्चस्व बढ़ रहा है उसके खिलाफ जो सब लोग खड़े हैं उसकी हार है जिसमें वे भी शामिल हैं. जहां तक वैकल्पिक राजनीति की बात है ईमानदारी की बात है कि आम आदमी पार्टी ने उसे रास्ते को बहुत पहले छोड़ दिया था.
योगेंद्र यादव मानते हैं कि आम आदमी पार्टी ने वह काम किया जो सामान्य पार्टी कर सकती है. उन्होंने शिक्षा पर फोकस किया, स्वास्थ्य ठीक किया, गरीब लोगों को मुफ्त सुविधाएं दीं, यह बड़ी बात होती है. बीजेपी ने जो वर्ल्ड क्लास सिटी बनाने का नाम दिया, मुझे इस बात से बहुत खुशी नहीं होती है. वर्ल्ड क्लास सिटी कैसे बनते हैं यह सब जानते हैं. यमुना में रिवर फ्रंट बनाने की बात हो रही है जैसे अहमदाबाद में हुआ है. जहां बाहर से पानी आता है. दिल्ली के विकास को सिर्फ चंद लोगों के लिए, सुख-सुविधा और विलास के लिए कर देना यह विकास नहीं है.
वह आए थे राजनीति को बदलने, लेकिन राजनीति ने उन्हें बदल दिया
योगेंद्र यादव मानते हैं, अन्ना आंदोलन से वैकल्पिक राजनीति का जो सपना था वह बहुत पहले टूट चुका था. आम आदमी पार्टी राजनीति को बदलने आई थी, लेकिन राजनीति ने उन्हें बदल दिया. यह बात तो काफी पहले खत्म हो चुकी थी. दिल्ली के लिए, दिल्ली के गरीब के लिए. दिल्ली के आम इंसान के लिए कुछ किया जा सकता है इस संभावना को भी धक्का लगा है. इसके लिए आम आदमी पार्टी का नेतृत्व खुद जिम्मेदार है. वह कहते थे हम सिक्योरिटी नहीं लेंगे, बंगला नहीं लेंगे, इसके बाद इतना बड़ा बंगला बनवाया वह शीशमहल हो या ना हो, लेकिन एक बात तो तय है कि वह 'वह' नहीं है, जिसके सपने आप (आम आदमी पार्टी) देखती थी.
शराब घोटाले में डायरेक्टली मनीष सिसोदिया, अरविंद केजरीवाल इंवॉल्व हो या न हो यह हम नहीं जानते. लेकिन यह तो है कि कुछ तो था शराब नीति में. दाल में काला तो था और कुछ गड़बड़ तो हो रही थी. अगर आप पूरी दुनिया को चोर बोल रहे हो, दुनिया पर उंगली उठा रहे हो तो तीन उंगली आपकी तरफ जो मुड़ती है उसे भी ध्यान से देखना शुरू कर देते. आपके चरित्र पर इस तरह का दाग होगा तो कोई छोड़ेगा नहीं. आम आदमी पार्टी के नेतृत्व ने इस दिशा में काम किया, इसके बाद कोई गुंजाइश नहीं बचती थी. ऐसे में विपक्षी को मौका मिल गया है.
दिल्ली चुनाव बीजेपी के लिए बड़ी जीत क्यों?
योगेंद्र यादव बताते हैं कि बीजेपी की हर जीत बड़ी होती है. भाजपा अपने हर जीत को बड़ी जीत के रूप में पेश करती है. वहीं प्रधानमंत्री के काम को ऐतिहासिक काम के रूप में पेश करती है. यह तो इनकी आदत हो गई है. बीजेपी के लिए यह इसलिए महत्वपूर्ण है कि लोकसभा चुनाव में शुरुआती रुझान उनके पक्ष में नहीं था, लेकिन उन्होंने रिकवरी का सिलसिला बनाए रखा. इसलिए बीजेपी के लिए एक बड़ी जीत है.
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