नई दिल्ली: मणिपुर में एन बीरेन सिंह ने रविवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था, जिसके बाद गृह मंत्रालय ने गुरुवार को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया. राष्ट्रपति शासन लागू होते ही मणिपुर की सारी प्रशासनिक और सरकारी शक्तियां केंद्र सरकार के हाथों में आ गई हैं. इसके साथ ही राज्य में गवर्नर के माध्यम से केंद्र सरकार शासन करेगी और कोई मुख्यमंत्री या मंत्रिमंडल नहीं होगा.
बता दें कि संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है. राष्ट्रपति शासन की प्रक्रिया तब शुरू होती है, जब राष्ट्रपति राज्यपाल द्वारा भेजी गई रिपोर्ट से संतुष्ट होते हैं कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई, जिसमें राज्य की सरकार संविधान के प्रावधानों के अनुसार नहीं चल सकती है. इसके बाद राष्ट्रपति इसकी उद्घोषणा जारी करते हैं.
राष्ट्रपति शासन दो महीने तक लागू रह सकता है. इसकी अवधि बढ़ाने के लिए इसके खत्म होने से पहले लोकसभा और राज्यसभा को एक प्रस्ताव के जरिए से मंजूरी दी जाती है. दोनों सदनों से मंजूरी मिल जाती है तो राष्ट्रपति शासन को 6 महीने और बढ़ाया जा सकता है. संसद 6 महीने के विस्तार को तीन साल तक मंजूरी दे सकती है.
भारत में अब तक कितनी बार लगा है राष्ट्रपति शासन?
1950 में संविधान के लागू होने के बाद से देश के कुल 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 134 बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया है. सबसे ज्यादा राष्ट्रपति शासन मणिपुर में लग चुका है. यह 11वां मौका है जब राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया गया है.इसके बाद उत्तर प्रदेश का नंबर आता है, जहां 10 बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया है. उल्लेखनीय है कि मणिपुर से पहले पुडुचेरी में राष्ट्रपति शासन लगाया गया था, जहां 2021 में कांग्रेस सरकार विश्वास मत में विफल रहने के बाद सत्ता से बेदखल हो गई थी.
किन राज्यों में कभी नहीं लगा राष्ट्रपति शासन
आजादी के बाद से अब तक भारत के अधिकतर राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाया जा चुका है. हालांकि, दो राज्य ऐसे हैं, जहां अब तक राष्ट्रपति शासन लागू नहीं किया गया है. ये राज्य छत्तीसगढ़ और तेलंगाना हैं.
पहली बार कहां लगा था राष्ट्रपति शासन
देश में पहली बार 1951 को पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगा था.तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अनुच्छेद-356 का इस्तेमाल पहली बार पंजाब सरकार के खिलाफ किया था. उन्होंने पंजाब की चुनी हुई कम्युनिस्ट सरकार को बर्खास्त कर दिया था.
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