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कनाडा में हिंदू PM! जस्टिन ट्रूडो की जगह अनीता आनंद बन सकती हैं नई प्रधानमंत्री - TRUDEAU RESIGNS CANADA PM

अनीता के पिता तमिलनाडु से थे और माता पंजाब से थीं. पहली बार 2019 में ओकविले से सांसद चुनी गई थी.

ANITA ANAND IN RACE OF CANADIAN PM
अनीता आनंद (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 7, 2025, 4:30 PM IST

ओटावा: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे की घोषणा के बाद, उनके संभावित उत्तराधिकारी को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं. चर्चा है कि भारतीय मूल की नेता अनीता आनंद प्रधानमंत्री पद की मजबूत दावेदार हैं. ट्रूडो ने लिबरल पार्टी के नेता और प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है, हालांकि, पार्टी के नए नेता चुने जाने तक वह प्रधानमंत्री पद पर बने रहेंगे.

तमिलनाडु और पंंजाब से है नाता
कनाडा की वर्तमान परिवहन और अंदरूनी व्यापार मंत्री अनीता आनंद का जन्म नोवा स्कोटिया के केंटविले में हुआ था. उनके माता-पिता, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं, भारतीय चिकित्सक थे. उनके पिता तमिलनाडु से थे और माता पंजाब से थीं. अनीता की दो बहनें हैं, गीता आनंद जो टोरंटो में वकील हैं, और सोनिया आनंद जो मैकमास्टर यूनिवर्सिटी में चिकित्सक और शोधकर्ता हैं.

पहली बार 2019 सांसद चुनी गई थी अनीता
1985 में ओंटारियो जाने के बाद, अनीता ने अपने पति जॉन के साथ मिलकर ओकविले में अपने चार बच्चों का पालन-पोषण किया. अपने करियर के दौरान उन्होंने कई अहम पदों पर काम किया है. पहली बार 2019 में ओकविले से सांसद चुनी गई अनीता ने 2019 से 2021 तक सार्वजनिक सेवा और खरीद मंत्री के रूप में कार्य किया. इसके बाद वह ट्रेजरी बोर्ड और राष्ट्रीय रक्षा मंत्री भी रहीं. सार्वजनिक सेवा और खरीद मंत्री रहते हुए उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान, कनाडा के लोगों को वैक्सीन, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण और रैपिड टेस्ट मुहैया कराने के लिए महत्वपूर्ण अनुबंध समझौते किए थे. राष्ट्रीय रक्षा मंत्री बनने पर, उन्होंने सेना में यौन दुराचार के प्रति सख्त कदम उठाए. रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान, उन्होंने यूक्रेनी सैनिकों को ट्रेनिंग देने के साथ-साथ कीव को व्यापक सैन्य सहायता भी प्रदान की.

टोरंटो यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर भी रही हैं अनीता
सितंबर 2024 में, अनीता आनंद को ट्रेजरी बोर्ड के अध्यक्ष के साथ-साथ परिवहन मंत्री भी नियुक्त किया गया. राजनीति के साथ-साथ अनीता की पहचान एक विद्वान, वकील और शोधकर्ता के रूप में भी है. उन्होंने टोरंटो यूनिवर्सिटी में कानून की प्रोफेसर रहते हुए, निवेश संरक्षण और कॉर्पोरेट प्रशासन में जेआर किंबर चेयर का पद संभाला. इसके अलावा, वे एसोसिएट डीन और मैसी कॉलेज के गवर्निंग बोर्ड की सदस्य भी रही हैं. अनीता रोटमैन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट में कैपिटल मार्केट्स इंस्टीट्यूट में नीति और अनुसंधान की निदेशक भी रही हैं. उन्होंने येल लॉ स्कूल, क्वीन्स यूनिवर्सिटी और वेस्टर्न यूनिवर्सिटी में भी कानून पढ़ाया है.

अनीता आनंद ने क्वीन्स यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल स्टडीज में बैचलर ऑफ आर्ट्स (ऑनर्स), ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से ज्यूरिसप्रूडेंस में बैचलर ऑफ आर्ट्स (ऑनर्स), डलहौजी यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ लॉ और टोरंटो यूनिवर्सिटी से मास्टर ऑफ लॉ की डिग्री हासिल की है.

यह भी पढ़ें- जस्टिन ट्रूडो का शिक्षक से लेकर प्रधानमंत्री बनने तक का सफर

ओटावा: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे की घोषणा के बाद, उनके संभावित उत्तराधिकारी को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं. चर्चा है कि भारतीय मूल की नेता अनीता आनंद प्रधानमंत्री पद की मजबूत दावेदार हैं. ट्रूडो ने लिबरल पार्टी के नेता और प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है, हालांकि, पार्टी के नए नेता चुने जाने तक वह प्रधानमंत्री पद पर बने रहेंगे.

तमिलनाडु और पंंजाब से है नाता
कनाडा की वर्तमान परिवहन और अंदरूनी व्यापार मंत्री अनीता आनंद का जन्म नोवा स्कोटिया के केंटविले में हुआ था. उनके माता-पिता, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं, भारतीय चिकित्सक थे. उनके पिता तमिलनाडु से थे और माता पंजाब से थीं. अनीता की दो बहनें हैं, गीता आनंद जो टोरंटो में वकील हैं, और सोनिया आनंद जो मैकमास्टर यूनिवर्सिटी में चिकित्सक और शोधकर्ता हैं.

पहली बार 2019 सांसद चुनी गई थी अनीता
1985 में ओंटारियो जाने के बाद, अनीता ने अपने पति जॉन के साथ मिलकर ओकविले में अपने चार बच्चों का पालन-पोषण किया. अपने करियर के दौरान उन्होंने कई अहम पदों पर काम किया है. पहली बार 2019 में ओकविले से सांसद चुनी गई अनीता ने 2019 से 2021 तक सार्वजनिक सेवा और खरीद मंत्री के रूप में कार्य किया. इसके बाद वह ट्रेजरी बोर्ड और राष्ट्रीय रक्षा मंत्री भी रहीं. सार्वजनिक सेवा और खरीद मंत्री रहते हुए उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान, कनाडा के लोगों को वैक्सीन, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण और रैपिड टेस्ट मुहैया कराने के लिए महत्वपूर्ण अनुबंध समझौते किए थे. राष्ट्रीय रक्षा मंत्री बनने पर, उन्होंने सेना में यौन दुराचार के प्रति सख्त कदम उठाए. रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान, उन्होंने यूक्रेनी सैनिकों को ट्रेनिंग देने के साथ-साथ कीव को व्यापक सैन्य सहायता भी प्रदान की.

टोरंटो यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर भी रही हैं अनीता
सितंबर 2024 में, अनीता आनंद को ट्रेजरी बोर्ड के अध्यक्ष के साथ-साथ परिवहन मंत्री भी नियुक्त किया गया. राजनीति के साथ-साथ अनीता की पहचान एक विद्वान, वकील और शोधकर्ता के रूप में भी है. उन्होंने टोरंटो यूनिवर्सिटी में कानून की प्रोफेसर रहते हुए, निवेश संरक्षण और कॉर्पोरेट प्रशासन में जेआर किंबर चेयर का पद संभाला. इसके अलावा, वे एसोसिएट डीन और मैसी कॉलेज के गवर्निंग बोर्ड की सदस्य भी रही हैं. अनीता रोटमैन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट में कैपिटल मार्केट्स इंस्टीट्यूट में नीति और अनुसंधान की निदेशक भी रही हैं. उन्होंने येल लॉ स्कूल, क्वीन्स यूनिवर्सिटी और वेस्टर्न यूनिवर्सिटी में भी कानून पढ़ाया है.

अनीता आनंद ने क्वीन्स यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल स्टडीज में बैचलर ऑफ आर्ट्स (ऑनर्स), ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से ज्यूरिसप्रूडेंस में बैचलर ऑफ आर्ट्स (ऑनर्स), डलहौजी यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ लॉ और टोरंटो यूनिवर्सिटी से मास्टर ऑफ लॉ की डिग्री हासिल की है.

यह भी पढ़ें- जस्टिन ट्रूडो का शिक्षक से लेकर प्रधानमंत्री बनने तक का सफर

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