जयपुर. विधानसभा बजट सत्र के प्रश्नकाल में गुरुवार को उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने प्रासंगिक कानूनों को लेकर सवाल उठाया. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने इसका जवाब तो दिया, लेकिन इस बीच दोनों में कुछ सवाल जवाब भी हुए. राठौड़ अपने ही सवालों में उलझे तो विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि आज राजेन्द्र राठौड़ आपकी तैयारी पूरी नहीं है.
अप्रासंगिक कानून होंगे समाप्त : गहलोत सरकार राज्य में लागू 133 अप्रासंगिक कानूनों को निरस्त करने जा रही है. इसके लिए इसी विधानसभा सत्र में विधेयक लाने की पूरी तैयारी भी है. कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल ने आज विधानसभा सत्र में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में ये जानकारी दी. उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के सवाल के जवाब में धारीवाल ने कहा कि 5 सितंबर 2020 को मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक में विशिष्ठ शासन सचिव (विधि) की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एक अन्य समिति के गठन का निर्णय लिया गया. इसके बाद 21 दिसंबर 2020 को इस समिति का गठन हुआ. इस समिति पर कानूनी पेचीदगियों का अध्ययन कर अप्रासंगिक कानूनों के संबंध में अनुशंसा करना था.
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धारीवाल ने बताया कि इस समिति ने सरकार को 650 मौजूदा कानूनों की समीक्षा करते हुए 296 कानून की पहचान की और इन्हें निरस्त करने की अनुशंसा की, लेकिन प्रशासनिक विभागों ने अब तक इनमें से 133 कानूनों को निरस्त करने का अनुमोदन किया है. इस लिहाज से अब सरकार 133 अप्रासंगिक कानून को निरस्त करने के लिए इसी सत्र विधेयक लाने जा रही है. इसपर राजेंद्र राठौड़ ने फिर से सवाल किया तो विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि राजेन्द्र राठौड़ आज आपकी तैयारी अधूरी है, उन्होंने सवाल का जवाब पहले ही दे दिया है.
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शिलान्यास में विधायकों का नाम क्यों नहीं ? : विधानसभा में विधायकों के विकास कार्यों की जानकारी और शिलान्यास लोकार्पण समारोह में पट्टिका पर स्थानीय विधायकों के नाम नहीं होने को लेकर सवाल किया गया. सिवाना से विधायक हमीर सिंह भायल ने पूछा कि जो आदेश 15 मार्च 2022 को जारी किया गया था, उसकी पालना हो रही है ? अगर पालना नहीं हो रही है तो जो कर्मचारी लापरवाह हैं उनके खिलाफ कोई कार्रवाई अब तक हुई ? इसके जवाब में आपदा प्रबंधन सहायक मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने जवाब देते हुए कहा कि विधानसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में कमेटी बनी थी और उस कमेटी के निर्देश के हिसाब से परिपत्र जारी किया गया था. इस संबंध में 2021 में 20 शिकायतें आई थीं, जिसमें से 17 का निस्तारण हो गया. 2022 में 21 शिकायतें आईं जिनमें से 13 का निस्तारण हो गया. जो शेष है वो प्रक्रियाधीन हैं.
अध्यक्ष का सवाल, मंत्री ने कहा जानकारी नहीं : गोविंद राम ने बताया कि अगर किसी भी सांसद-विधायक की कोई शिकायत है तो उसको 15 दिन में निस्तारित करने के लिए नियम बनाए गए हैं. संबंधित अधिकारियों और नोडल विभाग को इसकी जिम्मेदारी दी गई है. कोई भी कर्मचारी या अधिकारी इसमें लापरवाही बरतते हैं तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. इसपर विधानसभा अध्यक्ष खड़े हुए और उन्होंने मंत्री से पूछा कि क्या अब तक किसी भी अधिकारी खिलाफ कार्रवाई हुई है. इस पर मंत्री ने जानकारी नहीं होने की बात कही. उन्होंने कहा कि किसके खिलाफ कार्रवाई हुई, इसकी जानकारी सदन को उपलब्ध कराएंगे. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस तरह की शिकायत आ रही हैं, जो अधिकारी हैं उनको नियम पालना करने के लिए निर्देश दीजिए, अभी भी आदेश की पालना नहीं हो रही है.