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राज्य सरकार प्रदेश को पानी के क्षेत्र में पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध : सीएम भजनलाल - WATER VISION 2047

मुख्यमंत्री भजनलाल ने जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक में कहा कि प्रदेश को पानी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं.

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (ETV bharat Udaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 18, 2025, 11:45 AM IST

उदयपुर : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोमवार को उदयपुर स्थित एक निजी होटल में जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक ली. इस दौरान उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार प्रदेश को पानी के क्षेत्र में पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. इस दिशा सरकार की ओर से एक वर्ष के कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं. साथ ही अभूतपूर्व कार्य किए गए हैं.

सीएम ने ली बैठक : सीएम ने कहा कि राज्य के विकास में पानी का विशेष महत्व है. प्रदेश की 8 करोड़ जनता को पर्याप्त मात्रा में पेयजल और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार जुटी है. इसके लिए सरकार की ओर से जल स्रोतों का विकास कर उनकी जल संग्रहण क्षमता बढ़ाने सहित कई कदम उठाए हैं.

पढे़ं. वाटर विजन 2047 : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जल मंत्री सम्मेलन के प्रतिभागियों के सम्मान में दिया रात्रि भोज

राम जलसेतु लिंक परियोजना पर तेजी से काम : मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की 40 प्रतिशत आबादी की पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए राम जलसेतु लिंक परियोजना पर तेजी से काम किया जा रहा है. साथ ही शेखावाटी क्षेत्र में यमुना का पानी लाने के लिए एक एमओयू किया गया है. उदयपुर में देवास योजना के माध्यम से पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है. इसके साथ ही माही बांध से बांसवाड़ा-डूंगरपुर को पेयजल एवं सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करवाने की योजना प्रारंभ की गई है.

सीएम ने बारिश के दौरान घग्गर नदी में पानी की अधिक आवक होने पर पानी बहकर नहीं जाने को लेकर अधिकारियों को प्रभावी योजना बनाने को लेकर निर्देश दिए हैं. नदी में जब भी पानी की अधिक आवक हो, उसका इस्तेमाल पेयजल और सिंचाई के लिए किया जाए. मुख्यमंत्री ने पंजाब सीमा क्षेत्र में इंदिरा गांधी नहर के पक्कीकरण के शेष काम को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही उन्होंने जवाई डैम, माही डैम, देवास प्रोजेक्ट, यमुना जल समझौता आदि के कार्यों की समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. इस दौरान अधिकारियों ने नक्शे के माध्यम से मुख्यमंत्री को घग्गर नदी के प्रवाह मार्ग के बारे में विस्तृत जानकारी दी.

पढ़ें. 'हिंदी केवल भाषा नहीं, यह हमारी संस्कृति, सोच और विचारों को सशक्त करती है' : सीएम भजनलाल

श्रीगंगानगर में किसानों का धरना समाप्त : बैठक में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना के पहले चरण के कास्तकारों की ओर से सिंचाई के लिए अतिरिक्त पानी सहित अन्य मांगों को लेकर श्रीगंगानगर जिले के घड़‌साना उपखण्ड कार्यालय के समक्ष संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से जारी धरना समाप्त हो गया है. साथ ही टोल नाका 13 एमडी पर जारी चक्का जाम जिला प्रशासन और किसानों के बीच वार्ता में समझौता होने के बाद समाप्त हो गया है.

बैठक में बताया गया कि इस वर्ष हिमाचल प्रदेश में बारिश की कमी के कारण पोंग बांध में जल संग्रहण कम होने और रणजीत सागर बांध में नगण्य आवक के कारण इंदिरा गांधी नहर परियोजना से पानी लेने वाले किसानों को गत सालों की तरह सिंचाई जल उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं था. फिर भी राज्य सरकार के प्रयासों से राजस्थान के हिस्से के 20 मई तक निर्धारित पानी को जनवरी माह के अंत तक प्राप्त कर किसानों को सिंचाई के लिए उपलब्ध करवाया गया. जिला प्रशासन की ओर से संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया गया कि पर्याप्त पानी उपलब्ध करवाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे.

प्रदेश के 40 हजार गांवों में हो रहे कार्य : बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर जन भागीदारी से जल संचय का अभियान शुरू किया गया है. इसके तहत प्रदेश के 40 हजार गांवों में जल संचय के काम किए जा रहे हैं. गांवों में उपलब्ध पेयजल के पारंपरिक स्रोतों कुएं, तालाब, बावड़ी, नदी आदि के संरक्षण के लिए सहभागिता से काम करना चाहिए, ताकि हम इस पीढ़ी और आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करा सकें.

उदयपुर : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोमवार को उदयपुर स्थित एक निजी होटल में जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक ली. इस दौरान उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार प्रदेश को पानी के क्षेत्र में पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. इस दिशा सरकार की ओर से एक वर्ष के कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं. साथ ही अभूतपूर्व कार्य किए गए हैं.

सीएम ने ली बैठक : सीएम ने कहा कि राज्य के विकास में पानी का विशेष महत्व है. प्रदेश की 8 करोड़ जनता को पर्याप्त मात्रा में पेयजल और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार जुटी है. इसके लिए सरकार की ओर से जल स्रोतों का विकास कर उनकी जल संग्रहण क्षमता बढ़ाने सहित कई कदम उठाए हैं.

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राम जलसेतु लिंक परियोजना पर तेजी से काम : मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की 40 प्रतिशत आबादी की पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए राम जलसेतु लिंक परियोजना पर तेजी से काम किया जा रहा है. साथ ही शेखावाटी क्षेत्र में यमुना का पानी लाने के लिए एक एमओयू किया गया है. उदयपुर में देवास योजना के माध्यम से पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है. इसके साथ ही माही बांध से बांसवाड़ा-डूंगरपुर को पेयजल एवं सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करवाने की योजना प्रारंभ की गई है.

सीएम ने बारिश के दौरान घग्गर नदी में पानी की अधिक आवक होने पर पानी बहकर नहीं जाने को लेकर अधिकारियों को प्रभावी योजना बनाने को लेकर निर्देश दिए हैं. नदी में जब भी पानी की अधिक आवक हो, उसका इस्तेमाल पेयजल और सिंचाई के लिए किया जाए. मुख्यमंत्री ने पंजाब सीमा क्षेत्र में इंदिरा गांधी नहर के पक्कीकरण के शेष काम को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही उन्होंने जवाई डैम, माही डैम, देवास प्रोजेक्ट, यमुना जल समझौता आदि के कार्यों की समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. इस दौरान अधिकारियों ने नक्शे के माध्यम से मुख्यमंत्री को घग्गर नदी के प्रवाह मार्ग के बारे में विस्तृत जानकारी दी.

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श्रीगंगानगर में किसानों का धरना समाप्त : बैठक में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना के पहले चरण के कास्तकारों की ओर से सिंचाई के लिए अतिरिक्त पानी सहित अन्य मांगों को लेकर श्रीगंगानगर जिले के घड़‌साना उपखण्ड कार्यालय के समक्ष संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से जारी धरना समाप्त हो गया है. साथ ही टोल नाका 13 एमडी पर जारी चक्का जाम जिला प्रशासन और किसानों के बीच वार्ता में समझौता होने के बाद समाप्त हो गया है.

बैठक में बताया गया कि इस वर्ष हिमाचल प्रदेश में बारिश की कमी के कारण पोंग बांध में जल संग्रहण कम होने और रणजीत सागर बांध में नगण्य आवक के कारण इंदिरा गांधी नहर परियोजना से पानी लेने वाले किसानों को गत सालों की तरह सिंचाई जल उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं था. फिर भी राज्य सरकार के प्रयासों से राजस्थान के हिस्से के 20 मई तक निर्धारित पानी को जनवरी माह के अंत तक प्राप्त कर किसानों को सिंचाई के लिए उपलब्ध करवाया गया. जिला प्रशासन की ओर से संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया गया कि पर्याप्त पानी उपलब्ध करवाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे.

प्रदेश के 40 हजार गांवों में हो रहे कार्य : बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर जन भागीदारी से जल संचय का अभियान शुरू किया गया है. इसके तहत प्रदेश के 40 हजार गांवों में जल संचय के काम किए जा रहे हैं. गांवों में उपलब्ध पेयजल के पारंपरिक स्रोतों कुएं, तालाब, बावड़ी, नदी आदि के संरक्षण के लिए सहभागिता से काम करना चाहिए, ताकि हम इस पीढ़ी और आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करा सकें.

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