नई दिल्ली: इनकमट टैक्स डिपार्टमेंट ने चेतावनी दी है कि इनकमट टैक्स रिटर्न में विदेश में स्थित संपत्ति या विदेश में अर्जित आय का खुलासा न करने पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है. एंटी ब्लैक मनी लॉ के तहत 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है. आयकर विभाग ने अनुपालन-सह-जागरूकता अभियान के तहत करदाताओं के लिए सार्वजनिक परामर्श पत्र जारी किया है. इसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि करदाता इस साल आकलन वर्ष 2024-25 के लिए अपने आयकर रिटर्न (आईटीआर) में ऐसी जानकारी दर्ज करें और किसी भी तरह की जानकारी न छिपाएं.
कंसल्टेंसी लेटर में दी गई जानकारी
कंसल्टेंसी लेटर में स्पष्ट किया गया है कि भारत के कर निवासी के लिए पिछले साल कुछ महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखना जरूरी है. इसके तहत अगर वे टैक्स से जुड़ी किसी गतिविधि में शामिल रहे हैं तो भारत में उन पर टैक्स देनदारी बनेगी और इसे आईटीआर में शामिल करना जरूरी है। जानिए इसमें क्या-क्या शामिल है-
- विदेशी संपत्ति- आय का खुलासा न करने पर लगेगा जुर्माना
- विदेशी परिसंपत्तियों में बैंक खाता, नकद मूल्य बीमा अनुबंध या वार्षिक अनुबंध, किसी इकाई या व्यवसाय में वित्तीय हित, अचल संपत्ति, इक्विटी और लोन हित, ट्रस्ट जिसमें व्यक्ति ट्रस्टी है, सेटलर का लाभार्थी, हस्ताक्षर प्राधिकार वाले खाते, संरक्षक खाता, विदेश में रखी गई कोई पूंजीगत लाभ वाली परिसंपत्ति आदि शामिल हैं.
कैसे भेजी जाएगी जानकारी?
सीबीडीटी ने कहा था कि अभियान के तहत वह सबसे पहले उन निवासी करदाताओं को एसएमएस और ईमेल भेजेगा, जिन्होंने आकलन वर्ष 2024-25 के लिए अपना आईटीआर पहले ही दाखिल कर दिया है. यह ऐसे करदाताओं को भेजा जाएगा, जिनकी पहचान द्विपक्षीय और बहुपक्षीय समझौतों के तहत प्राप्त सूचनाओं के जरिए की गई है.
विदेशी संपत्तियों की जानकारी छिपाना अपराध
आयकर विभाग ने कहा कि इस मानदंड के तहत आने वाले करदाताओं को अपने आईटीआर में अनिवार्य रूप से विदेशी संपत्ति-विदेशी संपत्ति (एफए) या विदेशी स्रोत से आय (एफएसआई) अनुसूची भरनी होगी. ऐसे लोगों की आय उनकी कर योग्य सीमा से कम हो सकती है या विदेश में संपत्ति घोषित स्रोतों से अर्जित की गई है. आईटीआर में विदेशी संपत्ति/आय का खुलासा नहीं करने पर काला धन और कर अधिरोपण अधिनियम, 2015 के तहत 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.