जयपुर. देश की धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर जयपुर शहर में जयपुर डायलॉग - 2023 का दो दिवसीय वार्षिक साहित्य का महाकुंभ शनिवार से शुरू होगा. जयपुर डायलॉग के आठवें संस्करण में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त 60 से अधिक नामचीन साहित्यकार, विचारक, आलोचक, विषय विशेषज्ञ,विश्लेषक और टिप्पणीकार विभिन्न विषयों पर खुलकर संवाद करेंगे.
जयपुर डायलॉग में मुख्य रूप से सुधांशु त्रिवेदी, मंसूर हल्लाज, शहजाद पूनावाला,आरती टिक्कू, प्रतिक बोराडे, अंबर जैदी और तुफैल चतुर्वेदी सहित दो दर्जन से अधिक वक्ता श्रोताओं से रूबरू होंगे. साथ ही कला, शिक्षा,साहित्य, राजनीति, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मुद्दों को जीवंत करेंगे.
दो दिन होगा साहित्य मंथनः जयपुर डायलॉग फोरम के चेयरमैन संजय दीक्षित ने बताया कि यह एक प्रकार का वैचारिक स्वतंत्रता का आयोजन है. इस बार के सम्मेलन की थीम 'भारत एक चौराहे' पर होगी. साहित्य का कुंभ कहे जाने वाले दो दिवसीय इस आयोजन में देश में चल रही एक ही तरह की विचारधारा से अलग हटकर वैचारिक स्वतंत्रता और राष्ट्रवाद को एक अलग तरह से रेखांकित करना इसका उद्देश्य है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान कायम कर चुका जयपुर डायलॉग का यह वार्षिक आयोजन अब डिजिटल फुटप्रिंट पर भी है. दीक्षित ने बताया कि राष्ट्रवादियों के इस महाआयोजन में राष्ट्रीय विचारक सुधांशु त्रिवेदी, मंसूर हल्लाज, शहजाद पूनावाला, अभिजीत चावडे, विक्रम संपत, आनंद रंगनाथन, मीनाक्षी जैन, प्रतिक बोराडे और अनुज घर जैसे विचारक और विषय विशेषज्ञ शिरकत करेंगे. जयपुर डायलॉग के अध्यक्ष सुनील कोठारी व सचिव पंकज जोशी ने बताया कि कोरोना काल में लगातार 2 साल तक आयोजन से श्रोता अतिथियों से भौतिक रूप से रूबरू नहीं हो पाए थे. इस दौरान जयपुर डायलॉग वर्चुअल आयोजित किया गया था .
60 से अधिक नामचीन वक्ताः संजय दीक्षित ने बताया कि विकास और विनाश में विचारों का बड़ा महत्व है. विचारों को पतवार देने के साथ ही विकास की यात्रा को आगे बढ़ाने की सोच पर आधारित इस आयोजन में कई नवीन आयाम जुड़ने जा रहे हैं. बीते 7 वर्ष के काल में भी विचारों की इस कड़ी को निरंतर आगे बढ़ाया गया. बता दें की जयपुर डायलॉग का आयोजन 4 और 5 नवंबर को होटल क्लार्क्स आमेर में सुबह 10 बजे से शाम 8 बजे तक विभिन्न सत्रों में किया जाएगा. कार्यक्रम का शुभारंभ 4 नवंबर शनिवार को सुबह 9.30 बजे से होगा. जिसमे देश के ज्वलंत मुद्दों पर एक मंच से विभिन्न विचारधाराएं रू-ब-रू होंगी. साथ ही आयोजन में शामिल श्रोता भी विभिन्न मुद्दों पर वक्ताओं से संवाद कर पाएंगे. दो दिवसीय आयोजन में 15 सत्रों में देश-विदेश से 60 से अधिक नामचीन वक्ता भाग लेंगे.