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क्या आपको अलग-अलग बैंकों में FD खोलना चाहिए? जानें क्या है नियम - FIXED DEPOSIT

एक से ज्यादा FD रखने से कई फायदे होते हैं. अलग-अलग मैच्योरिटी वाली FD को खोलने से नियमित रूप से पैसे मिलते रहते हैं.

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क्या आपको अलग-अलग बैंकों में FD खोलना चाहिए? (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 6, 2025, 9:37 AM IST

नई दिल्ली: रिस्क से बचने वाले निवेशकों, खासकर वरिष्ठ नागरिकों के लिए सबसे लोकप्रिय निवेश विकल्प फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) है. इसमें उन्हें अधिक ब्याज भी मिलता है. एफडी सुरक्षा, सुनिश्चित रिटर्न और लचीलापन प्रदान करती है.

ऐसे में लोगों कई लोगों के मन में सवाल आता है कि क्या वह एक से ज्यादा एफडी अकाउंट खोल सकते हैं. या एक व्यक्ति कितने अकाउंट ओपन कर सकता है, तो इसका जवाब काफी आसान है. दरअसल, FD अकाउंट खोलने की कोई सीमा नहीं है.हालांकि, कई FD को मैनेज करने के लिए सावधानीपूर्वक योजना बनाने की आवश्यकता होती है.

कई FD क्यों खोलें?
एक से ज्यादा FD रखने से कई फायदे होते हैं. अलग-अलग मैच्योरिटी वाली FD को अलग-अलग समय पर खोलने से नियमित रूप से पैसे मिलते रहते हैं. आप अलग-अलग टारगेट, जैसे कि शिक्षा, यात्रा या इमरजेंसी के लिए पैसे आवंटित कर सकते हैं.

इसके अलावा अलग-अलग बैंक अलग-अलग ब्याज दर देते हैं. कई FD खोलने से आप ज्यादा से ज्यादा रिटर्न पा सकते हैं. याद रहे कि कुछ FD, जैसे कि टैक्स-सेविंग फिक्स डिपोजिट, आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत कटौती के लिए योग्य होती हैं.

कई FD खोलने से पहले ध्यान रखने योग्य बातें
कई FD खोलने से पहले आपको कुछ बातों का ख्याल रखना होता है. एफडी अकाउंट ओपन करने से पहले समझें कि आप निवेश क्यों कर रहे हैं. अगर आप छोटी अवधि के लक्ष्य के लिए बचत कर रहे हैं, तो कम अवधि वाली FD चुनें. लंबी अवधि के उद्देश्यों के लिए, लंबी अवधि चुनें.

फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने बैंकबाज़ार.कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी के हवाले से बताया कि विभिन्न बैंकों की ओर से दी जा रही ब्याज दरें चेक करें, क्योंकि ब्याज दरों में एक छोटा सा अंतर भी आपके रिटर्न को काफी हद तक प्रभावित कर सकता है, खासकर बड़ी रकम के लिए. अलग-अलग अवधि वाली FD चुनें. यह रणनीति सुनिश्चित करती है कि आपको समय से पहले FD तोड़े बिना जरूरत पड़ने पर लिक्विडिटी मिलती रहे.

FD पर अर्जित ब्याज पर टैक्स लगता है. अगर ब्याज एक वित्तीय वर्ष में 40,000 रुपये (वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50,000 रुपये) से अधिक है, तो बैंक सोर्स पर टैक्स डिडेकट(TDS) करता है. इस सीमा को अनावश्यक रूप से पार करने से बचने के लिए अपने निवेश की योजना बनाएं.

बैंक समय से पहले निकासी पर जुर्माना लगाते हैं. ऐसे में अगर आपके पास कई FD हैं, तो आप दूसरों को प्रभावित किए बिना एक से निकासी कर सकते हैं. सुनिश्चित करें कि आप हर FD के लिए एक लाभार्थी को नामांकित करें. इससे आपके परिवार के लिए अप्रत्याशित घटनाओं के मामले में धन का दावा करना आसान हो जाता है.

कई FD कैसे मैनेज करें?
कई FD खोलना आसान है, लेकिन उन्हें प्रभावी ढंग से मैनेज करना बहुत जरूरी है.इन्हें बेहतर ढंग से मैनेज करने के लिए खाता संख्या, जमा राशि, ब्याज दर और मैच्योरिटी डेट जैसी डिटेल पर नजर रखें. स्प्रेडशीट या ऐप का उपयोग करके इस प्रक्रिया को सरल बनाया जा सकता है.सभी FD को एक ही समय पर मैच्योर होने से बचें. मैच्योरिटी डेट को अलग-अलग रखने से निरंतर लिक्विडिटी सुनिश्चित होती है.

अगर आपको तुरंत पैसे की जरूरत नहीं है, तो ऑटो-रिन्यूअल का विकल्प चुनें. इससे आपका पैसा बिना किसी मैन्युअल हस्तक्षेप के निवेशित रहता है. मैच्योरिटी पर, अपनी जरूरतों का फिर से आकलन करें. अगर आपको अब पैसे की जरूरत नहीं है, तो नए FD या किसी दूसरे निवेश विकल्प में फिर से निवेश करने पर विचार करें.

क्या आपको अलग-अलग बैंकों में FD खोलना चाहिए?
आप अलग-अलग बैंकों में FD खोल सकते हैं. ऐसा करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है.डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) प्रत्येक बैंक में 5 लाख रुपये तक की जमा राशि का बीमा करता है. बैंकों में FD को विभाजित करने से अधिक कवरेज सुनिश्चित होता है.

इसके अलावा अलग-अलग बैंक अलग-अलग ब्याज दरें देते हैं. कई बैंकों में FD खोलने से आपको सबसे अच्छे सौदे हासिल करने में मदद मिलती है. बैंकों में विविधता लाने से किसी एक बैंक के वित्तीय संकट का सामना करने का जोखिम कम हो जाता है.

नोट: (यह जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है. इसे किसी भी निवेश सलाह के रूप में नहीं मानें. पाठको को सुझाव है कि वे पैसे से संबंधित कोई भी निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से परामर्श करें.)

यह भी पढ़ें- सिर्फ 2000 रुपये के SIP से बन जाएंगे लखपति, जल्दी समझें कैसे

नई दिल्ली: रिस्क से बचने वाले निवेशकों, खासकर वरिष्ठ नागरिकों के लिए सबसे लोकप्रिय निवेश विकल्प फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) है. इसमें उन्हें अधिक ब्याज भी मिलता है. एफडी सुरक्षा, सुनिश्चित रिटर्न और लचीलापन प्रदान करती है.

ऐसे में लोगों कई लोगों के मन में सवाल आता है कि क्या वह एक से ज्यादा एफडी अकाउंट खोल सकते हैं. या एक व्यक्ति कितने अकाउंट ओपन कर सकता है, तो इसका जवाब काफी आसान है. दरअसल, FD अकाउंट खोलने की कोई सीमा नहीं है.हालांकि, कई FD को मैनेज करने के लिए सावधानीपूर्वक योजना बनाने की आवश्यकता होती है.

कई FD क्यों खोलें?
एक से ज्यादा FD रखने से कई फायदे होते हैं. अलग-अलग मैच्योरिटी वाली FD को अलग-अलग समय पर खोलने से नियमित रूप से पैसे मिलते रहते हैं. आप अलग-अलग टारगेट, जैसे कि शिक्षा, यात्रा या इमरजेंसी के लिए पैसे आवंटित कर सकते हैं.

इसके अलावा अलग-अलग बैंक अलग-अलग ब्याज दर देते हैं. कई FD खोलने से आप ज्यादा से ज्यादा रिटर्न पा सकते हैं. याद रहे कि कुछ FD, जैसे कि टैक्स-सेविंग फिक्स डिपोजिट, आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत कटौती के लिए योग्य होती हैं.

कई FD खोलने से पहले ध्यान रखने योग्य बातें
कई FD खोलने से पहले आपको कुछ बातों का ख्याल रखना होता है. एफडी अकाउंट ओपन करने से पहले समझें कि आप निवेश क्यों कर रहे हैं. अगर आप छोटी अवधि के लक्ष्य के लिए बचत कर रहे हैं, तो कम अवधि वाली FD चुनें. लंबी अवधि के उद्देश्यों के लिए, लंबी अवधि चुनें.

फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने बैंकबाज़ार.कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी के हवाले से बताया कि विभिन्न बैंकों की ओर से दी जा रही ब्याज दरें चेक करें, क्योंकि ब्याज दरों में एक छोटा सा अंतर भी आपके रिटर्न को काफी हद तक प्रभावित कर सकता है, खासकर बड़ी रकम के लिए. अलग-अलग अवधि वाली FD चुनें. यह रणनीति सुनिश्चित करती है कि आपको समय से पहले FD तोड़े बिना जरूरत पड़ने पर लिक्विडिटी मिलती रहे.

FD पर अर्जित ब्याज पर टैक्स लगता है. अगर ब्याज एक वित्तीय वर्ष में 40,000 रुपये (वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50,000 रुपये) से अधिक है, तो बैंक सोर्स पर टैक्स डिडेकट(TDS) करता है. इस सीमा को अनावश्यक रूप से पार करने से बचने के लिए अपने निवेश की योजना बनाएं.

बैंक समय से पहले निकासी पर जुर्माना लगाते हैं. ऐसे में अगर आपके पास कई FD हैं, तो आप दूसरों को प्रभावित किए बिना एक से निकासी कर सकते हैं. सुनिश्चित करें कि आप हर FD के लिए एक लाभार्थी को नामांकित करें. इससे आपके परिवार के लिए अप्रत्याशित घटनाओं के मामले में धन का दावा करना आसान हो जाता है.

कई FD कैसे मैनेज करें?
कई FD खोलना आसान है, लेकिन उन्हें प्रभावी ढंग से मैनेज करना बहुत जरूरी है.इन्हें बेहतर ढंग से मैनेज करने के लिए खाता संख्या, जमा राशि, ब्याज दर और मैच्योरिटी डेट जैसी डिटेल पर नजर रखें. स्प्रेडशीट या ऐप का उपयोग करके इस प्रक्रिया को सरल बनाया जा सकता है.सभी FD को एक ही समय पर मैच्योर होने से बचें. मैच्योरिटी डेट को अलग-अलग रखने से निरंतर लिक्विडिटी सुनिश्चित होती है.

अगर आपको तुरंत पैसे की जरूरत नहीं है, तो ऑटो-रिन्यूअल का विकल्प चुनें. इससे आपका पैसा बिना किसी मैन्युअल हस्तक्षेप के निवेशित रहता है. मैच्योरिटी पर, अपनी जरूरतों का फिर से आकलन करें. अगर आपको अब पैसे की जरूरत नहीं है, तो नए FD या किसी दूसरे निवेश विकल्प में फिर से निवेश करने पर विचार करें.

क्या आपको अलग-अलग बैंकों में FD खोलना चाहिए?
आप अलग-अलग बैंकों में FD खोल सकते हैं. ऐसा करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है.डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) प्रत्येक बैंक में 5 लाख रुपये तक की जमा राशि का बीमा करता है. बैंकों में FD को विभाजित करने से अधिक कवरेज सुनिश्चित होता है.

इसके अलावा अलग-अलग बैंक अलग-अलग ब्याज दरें देते हैं. कई बैंकों में FD खोलने से आपको सबसे अच्छे सौदे हासिल करने में मदद मिलती है. बैंकों में विविधता लाने से किसी एक बैंक के वित्तीय संकट का सामना करने का जोखिम कम हो जाता है.

नोट: (यह जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है. इसे किसी भी निवेश सलाह के रूप में नहीं मानें. पाठको को सुझाव है कि वे पैसे से संबंधित कोई भी निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से परामर्श करें.)

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