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भारत से पंगा ट्रूडो को पड़ा महंगा, कर सकते हैं इस्तीफे का ऐलान - TRUDEAU RESIGN

कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो 48 घंटे के भीतर इस्तीफे का ऐलान कर सकते हैं. कथित तौर पर वह पार्टी के भीतर समर्थन खो चुके हैं.

Justin Trudeau
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 6, 2025, 9:47 AM IST

ओटावा: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे की घोषणा को लेकर चर्चा तेज हो गई है. कहा जा रहा है कि अपनी ही पार्टी के भीतर कथित रूप से असंतोष बढ़ गया है. सांसद उनके इस्तीफे के लेकर दबाव बना रहे हैं. इस बीच सोमवार को लिबरल पार्टी के नेता के रूप में वह इस्तीफे की घोषणा कर सकते हैं.

खबर है कि बुधवार को होने वाली पार्टी की एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय की बैठक से पहले वह इस्तीफे की यह घोषणा कर सकते हैं. ट्रूडो के बारे में कहा जा रहा है कि वह पार्टी बैठक से पहले घोषणा करने के महत्व को समझते हैं. वह चाहते हैं कि यह धारणा न बने कि उन्हें उनके सांसदों ने बाहर कर दिया.

हालांकि इस पर कोई स्पष्टता नहीं है कि ट्रूडो तुरंत पद छोड़ देंगे या उत्तराधिकारी चुने जाने तक प्रधानमंत्री के रूप में काम करना जारी रखेंगे. द ग्लोब एंड मेल की रिपोर्ट के अनुसार लिबरल पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी इस सप्ताह बैठक करने की योजना बना रही है. ये संभवतः कॉकस सत्र के बाद होगी. राष्ट्रीय कार्यकारिणी नेतृत्व के मुद्दों पर निर्णय लेती है.

उल्लेखनीय रूप से ट्रूडो के लिबरल पार्टी की बुधवार को बैठक होगी, क्योंकि सांसद उनसे इस्तीफा देने की मांग कर रहे हैं. रेडियो कनाडा की एक रिपोर्ट के अनुसार सांसदों को 27 जनवरी को ओटावा लौटना है और तीनों मुख्य विपक्षी दलों का कहना है कि वे पहले अवसर पर सरकार को गिराने की योजना बना रहे हैं.

कनाडा में हाल के महीनों में राजनीतिक उथल-पुथल देखने को मिली. इससे पहले 16 दिसंबर को कनाडा की अर्थव्यवस्था पर बयान से कुछ घंटे पहले पूर्व उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने कैबिनेट से अपने इस्तीफे की घोषणा की थी. फ्रीलैंड ने ट्रूडो को पत्र लिखकर कहा कि सरकार में सेवा करना, कनाडाई लोगों के लिए काम करना मेरे जीवन का सम्मान रहा है. फ्रीलैंड ने कहा कि साथ मिलकर हमने बहुत कुछ हासिल किया है.

पत्र में आगे कहा, 'विचार करने के बाद मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि मेरे लिए मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना ही एकमात्र ईमानदार और व्यवहार्य रास्ता है. प्रभावी होने के लिए एक मंत्री को प्रधानमंत्री की ओर से और उनके पूर्ण विश्वास के साथ बोलना चाहिए. अपने निर्णय में आपने स्पष्ट कर दिया है कि अब मुझे उस विश्वास का भरोसा नहीं है और मेरे पास वह अधिकार नहीं है जो इसके साथ आता है. पिछले कुछ हफ्तों से आप और मैं कनाडा के लिए आगे के सर्वोत्तम मार्ग के बारे में असहमत हैं.'

ये भी पढ़ें- कनाडा ने भारतीय उच्चायोग पर लगाया खालिस्तान आंदोलन से जुड़े लोगों को वीजा न देने का आरोप

ओटावा: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे की घोषणा को लेकर चर्चा तेज हो गई है. कहा जा रहा है कि अपनी ही पार्टी के भीतर कथित रूप से असंतोष बढ़ गया है. सांसद उनके इस्तीफे के लेकर दबाव बना रहे हैं. इस बीच सोमवार को लिबरल पार्टी के नेता के रूप में वह इस्तीफे की घोषणा कर सकते हैं.

खबर है कि बुधवार को होने वाली पार्टी की एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय की बैठक से पहले वह इस्तीफे की यह घोषणा कर सकते हैं. ट्रूडो के बारे में कहा जा रहा है कि वह पार्टी बैठक से पहले घोषणा करने के महत्व को समझते हैं. वह चाहते हैं कि यह धारणा न बने कि उन्हें उनके सांसदों ने बाहर कर दिया.

हालांकि इस पर कोई स्पष्टता नहीं है कि ट्रूडो तुरंत पद छोड़ देंगे या उत्तराधिकारी चुने जाने तक प्रधानमंत्री के रूप में काम करना जारी रखेंगे. द ग्लोब एंड मेल की रिपोर्ट के अनुसार लिबरल पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी इस सप्ताह बैठक करने की योजना बना रही है. ये संभवतः कॉकस सत्र के बाद होगी. राष्ट्रीय कार्यकारिणी नेतृत्व के मुद्दों पर निर्णय लेती है.

उल्लेखनीय रूप से ट्रूडो के लिबरल पार्टी की बुधवार को बैठक होगी, क्योंकि सांसद उनसे इस्तीफा देने की मांग कर रहे हैं. रेडियो कनाडा की एक रिपोर्ट के अनुसार सांसदों को 27 जनवरी को ओटावा लौटना है और तीनों मुख्य विपक्षी दलों का कहना है कि वे पहले अवसर पर सरकार को गिराने की योजना बना रहे हैं.

कनाडा में हाल के महीनों में राजनीतिक उथल-पुथल देखने को मिली. इससे पहले 16 दिसंबर को कनाडा की अर्थव्यवस्था पर बयान से कुछ घंटे पहले पूर्व उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने कैबिनेट से अपने इस्तीफे की घोषणा की थी. फ्रीलैंड ने ट्रूडो को पत्र लिखकर कहा कि सरकार में सेवा करना, कनाडाई लोगों के लिए काम करना मेरे जीवन का सम्मान रहा है. फ्रीलैंड ने कहा कि साथ मिलकर हमने बहुत कुछ हासिल किया है.

पत्र में आगे कहा, 'विचार करने के बाद मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि मेरे लिए मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना ही एकमात्र ईमानदार और व्यवहार्य रास्ता है. प्रभावी होने के लिए एक मंत्री को प्रधानमंत्री की ओर से और उनके पूर्ण विश्वास के साथ बोलना चाहिए. अपने निर्णय में आपने स्पष्ट कर दिया है कि अब मुझे उस विश्वास का भरोसा नहीं है और मेरे पास वह अधिकार नहीं है जो इसके साथ आता है. पिछले कुछ हफ्तों से आप और मैं कनाडा के लिए आगे के सर्वोत्तम मार्ग के बारे में असहमत हैं.'

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