धौलपुर (बसेड़ी). सरमथुरा उपखण्ड के आंगई पंचायत के अन्तर्गत भवनपुरा गांव की 12 वर्षीय पुष्पा व लखनवाई रोज की तरह पार्वती नदी किनारे घूमने गई थी. इसी दौरान पुष्पा को प्यास लगी तो नदी पर पानी पीने चली गई. जैसे ही पुष्पा नदी में पानी पीने लगी कि अचानक पैर फिसल गया और वह पानी में गिर गई. पुष्पा को पानी में गिरते देख लखनवाई ने उसे बचाने की कोशिश की. पुष्पा को बचाने के लिए वह भी नदी में कूद गई. जबकि लखनवाई तैरना भी नहीं जानती थी. जैसे ही लखनवाई नदी में कूदी तो दोनों किशोरियां गहरे पानी में चली गई. पानी में डूबने से दोनों की मौत हो गई. मृतका पुष्पा के पिता जगदीश कुशवाह ने बताया कि पुष्पा व लखनवाई आपस में सहेली थीं. जो कभी अकेली कहीं नहीं जाती थी. हादसे से गांव के लोग बिल्कुल अनजान थे. लेकिन नदी किनारे चप्पल पड़ी देख हादसा होने की आशंका जताई. ग्रामीणों ने पड़ताल की तो पता चला कि कुछ देर पहले पुष्पा व लखनवाई घूम रही थी.
ग्रामीणों ने दोनों किशोरियों को गांव में तलाश किया तो कोई जानकारी नहीं मिली. सूचना मिलते ही मृतका पुष्पा के पिता ने नदी पर पहुंचकर चप्पलों को देख पुष्टि की. लेकिन दोनों किशोरियों के बारे में कोई जानकारी नहीं दे सका. ग्रामीणों ने नदी में कूद कर किशोरियों की तलाश की तो दोनों किशोरियों के शव नदी में मिले. ग्रामीणों ने नदी से दोनों शवों को निकालकर परिजनों के सुपुर्द कर दिया. हादसे का पता चलते ही गांव में माहौल गमगीन हो गया. मृतका के परिजनों ने दोनों किशोरियों का अंतिम संस्कार कर दिया.
बेटी का अंतिम बार भी मुंह नहीं देख पाया पिता अमरलाल
पार्वती नदी में डूबने से लखनवाई की मौत के बाद घर पर सिर्फ मां ही मौजूद थीं. लखनवाई के पिता अमरलाल दक्षिण भारत में मजदूरी करते हैं. वहीं भाई धौलपुर में रहकर पढ़ाई करता है. हादसे के दौरान दोनों ही व्यक्ति घर पर मौजूद नहीं थे. हादसे की सूचना ग्रामीणों द्वारा अमरलाल व भाई को दी गई. उसके बाद भाई ने शाम को गांव पहुंचकर बहन का अंतिम संस्कार किया. शिक्षक कमलसिंह ने बताया कि अमरलाल के बड़े बेटे की एक साल पूर्व सर्पदंश के कारण मौत हो चुकी थी. ग्रामीण पीड़ित परिवार को ढांढ़स बंधा रहे है.