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ठोस कचरा निस्तारण की समस्या के लिए कमेटी के समक्ष रखें पक्ष : राजस्थान हाईकोर्ट - Rajasthan High Court

राजस्थान हाईकोर्ट ने जयपुर शहर के विद्याधर नगर में कचरा डिपो के खिलाफ दायर याचिको को निस्तारित करते हुए कहा है कि इससे जुड़ी समस्या है तो एनजीटी की ओर से गठित कमेटी के समक्ष पक्ष रखिए...

राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा ठोस कचरा निस्तारण की समस्या के लिए कमेटी के समक्ष रखें पक्ष
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Published : Jun 10, 2019, 8:29 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने शहर के विद्याधर नगर में कचरा डिपो बनाने के खिलाफ दायर याचिका को निस्तारित कर दिया है. अदालत ने कहा है कि यदि ठोस कचरा निस्तारण से जुड़ी समस्या है तो इसके लिए एनजीटी की ओर से गठित कमेटी के समक्ष पक्ष रखा जाए. न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश हरिनारायण गठाला अन्य की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

जनहित याचिका में अधिवक्ता प्रेमचंद देवंदा ने अदालत को बताया कि नगर निगम की ओर से विद्याधर नगर की परशुराम सर्किल के पास करीब 31 वार्डों का कचरा एकत्रित कर डाला जा रहा है. जिसके चलते क्षेत्र में बीमारियां फैल रही हैं. जिसके जवाब में निगम की ओर से कहा गया कि घर घर से कचरा एकत्रित करने के बाद कुछ घंटों के लिए ही कचरा यहां रखा जाता है. इसके बाद यहां से पूरा कचरा हटाकर आबादी से दूर डिपो में भेज दिया जाता है.

प्रदूषण बोर्ड की ओर से कहा गया कि अदालती आदेश की पालना में मौके का निरीक्षण किया गया है. वहां अब कचरा नहीं डाला जा रहा है. वहीं एनजीटी ने ठोस कचरा निस्तारण नियम, 2016 के प्रावधानों की पालना के लिए जस्टिस दीपक माहेश्वरी की कमेटी का गठन किया है. सभी पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कचरा निस्तारण की समस्या होने पर कमेटी के समक्ष अपना पक्ष रखने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने शहर के विद्याधर नगर में कचरा डिपो बनाने के खिलाफ दायर याचिका को निस्तारित कर दिया है. अदालत ने कहा है कि यदि ठोस कचरा निस्तारण से जुड़ी समस्या है तो इसके लिए एनजीटी की ओर से गठित कमेटी के समक्ष पक्ष रखा जाए. न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश हरिनारायण गठाला अन्य की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

जनहित याचिका में अधिवक्ता प्रेमचंद देवंदा ने अदालत को बताया कि नगर निगम की ओर से विद्याधर नगर की परशुराम सर्किल के पास करीब 31 वार्डों का कचरा एकत्रित कर डाला जा रहा है. जिसके चलते क्षेत्र में बीमारियां फैल रही हैं. जिसके जवाब में निगम की ओर से कहा गया कि घर घर से कचरा एकत्रित करने के बाद कुछ घंटों के लिए ही कचरा यहां रखा जाता है. इसके बाद यहां से पूरा कचरा हटाकर आबादी से दूर डिपो में भेज दिया जाता है.

प्रदूषण बोर्ड की ओर से कहा गया कि अदालती आदेश की पालना में मौके का निरीक्षण किया गया है. वहां अब कचरा नहीं डाला जा रहा है. वहीं एनजीटी ने ठोस कचरा निस्तारण नियम, 2016 के प्रावधानों की पालना के लिए जस्टिस दीपक माहेश्वरी की कमेटी का गठन किया है. सभी पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कचरा निस्तारण की समस्या होने पर कमेटी के समक्ष अपना पक्ष रखने को कहा है.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने शहर के विद्याधर नगर में कचरा डिपो बनाने के खिलाफ दायर याचिका को निस्तारित कर दिया है। अदालत ने कहा है कि यदि ठोस कचरा निस्तारण से जुड़ी समस्या है तो इसके लिए एनजीटी की ओर से गठित कमेटी के समक्ष पक्ष रखा जाए। न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश हरिनारायण गठाला अन्य की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।


Body:जनहित याचिका में अधिवक्ता प्रेमचंद देवंदा ने अदालत को बताया कि नगर निगम की ओर से विद्याधर नगर की परशुराम सर्किल के पास करीब 31 वार्डों का कचरा एकत्रित कर डाला जा रहा है। जिसके चलते क्षेत्र में बीमारियां फैल रही हैं। जिसके जवाब में निगम की ओर से कहा गया कि घर घर से कचरा एकत्रित करने के बाद कुछ घंटों के लिए ही कचरा यहां रखा जाता है। इसके बाद यहां से पूरा कचरा हटाकर आबादी से दूर डिपो में भेज दिया जाता है। प्रदूषण बोर्ड की ओर से कहा गया कि अदालती आदेश की पालना में मौके का निरीक्षण किया गया है। वहां अब कचरा नहीं डाला जा रहा है। वहीं एनजीटी ने ठोस कचरा निस्तारण नियम, 2016 के प्रावधानों की पालना के लिए जस्टिस दीपक माहेश्वरी की कमेटी का गठन किया है। सभी पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कचरा निस्तारण की समस्या होने पर कमेटी के समक्ष अपना पक्ष रखने को कहा है।


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