ETV Bharat / state

भरतपुरः डीग उपखंड के गांव में मनाया गया दो दिवसीय शरद पूर्णिमा महोत्सव, महारास का हुआ आयोजन - डीग की ताजा खबर

भरतपुर के डीग में पूंछरी का लौठा मंदिर के समीप महारास का आयोजन किया गया. जिसमें भगवान कृष्ण के महारास का शुभारंभ श्रीगणेश वन्दना और ब्रज वंदना के साथ किया गया. कार्यक्रम के दौरान श्रीराधा कृष्ण नृत्य रास, मयूर नृत्य, गोपिका रास सहित ब्रज रसिया और काम देव लीला का ब्रज के लोक कलाकारों की ओर से मंचन किया गया.

भरतपुर में महारस कार्रक्रम, Maharas program in Bharatpur
दो दिवसीय शरद पूर्णिमा महोत्सव के तहत हुआ महारास का आयोजन
author img

By

Published : Nov 1, 2020, 2:07 PM IST

डीग (भरतपुर). गोवर्धन की सात कोसीय परिक्रमा मार्ग स्थित पूंछरी का लौठा मंदिर के समीप महारास का आयोजन किया गया. यह आयोजन भारतीय कला संस्थान और ब्रज लोक कला मंच के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय शरद पूर्णिमा महोत्सव के अवसर पर रात्रि में आयोजित किया गया. जिसमें भगवान कृष्ण के महारास का शुभारंभ श्रीगणेश वन्दना और ब्रज वंदना के साथ किया गया.

दो दिवसीय शरद पूर्णिमा महोत्सव के तहत हुआ महारास का आयोजन

कार्यक्रम के दौरान श्रीराधा कृष्ण नृत्य रास, मयूर नृत्य, गोपिका रास सहित ब्रज रसिया और काम देव लीला का ब्रज के लोक कलाकारों की ओर से मंचन किया गया. इस अवसर पर भारतीय लोक कला संस्थान के निदेशक अशोक शर्मा की ओर से रात्रि में श्रद्धालुओं को खीर प्रसादी का वितरण किया गया. इस दौरान भारतीय लोक कला संस्थान के संयोजक विष्णु शर्मा ने बताया कि आत्मा का परमात्मा से मिलन ही महारास है.

पढ़ेंः अलवर में जंगल के राजा का बदल रहा भोजन, जंगली जानवरों की जगह पालतू जानवरों का शिकार कर रहे बाघ

शरद पूर्णिमा की रात्रि को भगवान कृष्ण की लीलाओं का अद्भुत नजारा प्रदर्शित करना महारास का चित्रण है. जिसका उद्देश्य ब्रज क्षेत्र में कृष्ण स्थली, कृष्ण लीलाओं और महारास के परम्परागत स्वरूप के चित्रण को प्रस्तुत करना है. उन्होंने बताया कि ब्रज क्षेत्र भगवान कृष्ण भगवान की जन्मस्थली भी है यहां भगवान ने बड़े-बड़े अहंकारी राक्षसों का विनाश किया था और ऋषि मुनियों की धर्म के लिए रक्षा की थी. उसी स्वरूप को महारास के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है.

डीग (भरतपुर). गोवर्धन की सात कोसीय परिक्रमा मार्ग स्थित पूंछरी का लौठा मंदिर के समीप महारास का आयोजन किया गया. यह आयोजन भारतीय कला संस्थान और ब्रज लोक कला मंच के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय शरद पूर्णिमा महोत्सव के अवसर पर रात्रि में आयोजित किया गया. जिसमें भगवान कृष्ण के महारास का शुभारंभ श्रीगणेश वन्दना और ब्रज वंदना के साथ किया गया.

दो दिवसीय शरद पूर्णिमा महोत्सव के तहत हुआ महारास का आयोजन

कार्यक्रम के दौरान श्रीराधा कृष्ण नृत्य रास, मयूर नृत्य, गोपिका रास सहित ब्रज रसिया और काम देव लीला का ब्रज के लोक कलाकारों की ओर से मंचन किया गया. इस अवसर पर भारतीय लोक कला संस्थान के निदेशक अशोक शर्मा की ओर से रात्रि में श्रद्धालुओं को खीर प्रसादी का वितरण किया गया. इस दौरान भारतीय लोक कला संस्थान के संयोजक विष्णु शर्मा ने बताया कि आत्मा का परमात्मा से मिलन ही महारास है.

पढ़ेंः अलवर में जंगल के राजा का बदल रहा भोजन, जंगली जानवरों की जगह पालतू जानवरों का शिकार कर रहे बाघ

शरद पूर्णिमा की रात्रि को भगवान कृष्ण की लीलाओं का अद्भुत नजारा प्रदर्शित करना महारास का चित्रण है. जिसका उद्देश्य ब्रज क्षेत्र में कृष्ण स्थली, कृष्ण लीलाओं और महारास के परम्परागत स्वरूप के चित्रण को प्रस्तुत करना है. उन्होंने बताया कि ब्रज क्षेत्र भगवान कृष्ण भगवान की जन्मस्थली भी है यहां भगवान ने बड़े-बड़े अहंकारी राक्षसों का विनाश किया था और ऋषि मुनियों की धर्म के लिए रक्षा की थी. उसी स्वरूप को महारास के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.