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अलवर में अब गोशाला पर चला बुलडोजर, वन विभाग की कार्रवाई... 400 से ज्यादा गायें बेघर - etv bharat Rajasthan news

अलवर में बुलडोजर की कार्रवाई थमने का नाम नहीं ले रही है. शनिवार को अब जिले के कठूमर में गोशाला पर भी बुलडोजर (Goshala demolished in Alwar) चलाया गया. वन विभाग की ओर से यह कार्रवाई (forest department action in alwar goshala) की गई है. गोशाला ध्वस्त किए जाने के बाद 400 गोवंशों के सामने रहने का संकट खड़ा हो गया है.

Goshala demolished by bulldozer in Alwar
गोशाला पर चला बुलडोजर
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Published : Apr 23, 2022, 4:06 PM IST

Updated : Apr 23, 2022, 5:28 PM IST

अलवर. जिले में राजगढ़ में मंदिरों पर बुलडोजर चलाने का मामला पहले से विवादों में चल रहा है और अब कठूमर में गोशाला पर भी वन विभाग की ओर से (forest department action in alwar goshala) बुलडोजर चलाकर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई है. इससे मामला और भी गरमा गया है. गोशाला को पूरा तोड़ दिया (Goshala demolished in Alwar) गया है जिससे सैकड़ों गोवंशों के सामने रहने का संकट हो गया है. गोवंशों को कहां ले जाना है इसके लिए वह विभाग और प्रशासन की ओर से कोई इंतजाम भी नहीं किए गए हैं.

कठूमर उपखंड में पिछले एक दशक से चल रही एक मात्र गोशाला को वन विभाग ने अतिक्रमण मानते हुए उसे बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया है. वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हिन्दूवादी संगठनों में रोष व्याप्त है. इस मामले पर सियासत भी गरमाने लगी हैं. जबकि राज्य में सरकार गो सेस यानी (cow-tax) से करोड़ों रुपये कमाती है, इसके बावजूद गोवंश की रहने की व्यवस्था को लेकर कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं.

गोशाला पर चला बुलडोजर

पढ़ें. मास्टर प्लान का चला बुलडोजर, अलवर के राजगढ़ में तीन मंदिर ध्वस्त...कांग्रेस विधायक बोले- भाजपा के 34 पार्षदों की सहमति से हुआ सब

वन विभाग की ओर से कठुमर उपखंड मुख्यालय के मैथना गांव में स्थित एक मात्र हनुमान गोशाला को ध्वस्त कर दिया गया है. विभाग का कहना है कि अवैध कब्जा कर 40 बीघा जमीन में गोशाला बनाई गई था जिसे अब अतिक्रमण मुक्त कराया गया है. कठूमर में गोशाला को ध्वस्त किए जाने से करीब 400 गोवंशों के पास अब रहने का ठौर नहीं रह गया है. हाल ये है लोग भूख-प्यास से व्याकुल हो गए हैं.

लक्ष्मणगढ़ रेंजर्स जतिन सेन ने बताया कि मैथना रूध में स्थित वन विभाग की करीब 14 सौ बीघा जमीन में से करीब 40 बीघा जमीन पर पिछले एक दशक से गोशाला चल रही थी. इसमें 400 छोटे बड़े गोवंशों का पालन पोषण किया जा रहा था. सहायक वन संरक्षक कोर्ट राजगढ़ के वर्ष 2020 के आदेश के अनुपालन में गोशाला के संचालक को दिसंबर 2021 में गोशाला खाली करने और गायों को अनयंत्र स्थानांतरित करने का नोटिस जारी किया गया था, लेकिन गोशाला संचालक ने नोटिस की पालना नहीं की.

पढ़ें.जारी है बुलडोजर पर सियासत, जयपुर में भी पीले पंजे ने कई अवैध निर्माणों को किया जमींदोज!

गुरुवार 21अप्रेल को वन विभाग ने बुलडोज़र चला कर जमीन से गोशाला से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की. इस दौरान वन विभाग का जाब्ता, कठूमर पुलिस, राजस्व विभाग सहित भारी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे. अतिक्रमण हटाने के लिए समय गोशाला संचालक ने दस दिन का समय मांगा, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के चलते उन्हें समय नहीं दिया गया. कठूमर उपखंड अधिकारी रामकिशोर मीणा ने फोन पर बताया कि पिछले दिनों प्रशासन की ओर से कैंप लगाया गया था जिसमें गोशाला स्थापित कर वन भूमि पर अतिक्रमण करने का मामला आया था इसको लेकर विभाग की टीम की ओर से अतिक्रमण हटाया गया. कितनी जगह खाली करवाई गई और गोवंश की क्या वैकल्पिक व्यवस्था की गई. वन विभाग के अधिकारी बता सकते हैं.

अलवर. जिले में राजगढ़ में मंदिरों पर बुलडोजर चलाने का मामला पहले से विवादों में चल रहा है और अब कठूमर में गोशाला पर भी वन विभाग की ओर से (forest department action in alwar goshala) बुलडोजर चलाकर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई है. इससे मामला और भी गरमा गया है. गोशाला को पूरा तोड़ दिया (Goshala demolished in Alwar) गया है जिससे सैकड़ों गोवंशों के सामने रहने का संकट हो गया है. गोवंशों को कहां ले जाना है इसके लिए वह विभाग और प्रशासन की ओर से कोई इंतजाम भी नहीं किए गए हैं.

कठूमर उपखंड में पिछले एक दशक से चल रही एक मात्र गोशाला को वन विभाग ने अतिक्रमण मानते हुए उसे बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया है. वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हिन्दूवादी संगठनों में रोष व्याप्त है. इस मामले पर सियासत भी गरमाने लगी हैं. जबकि राज्य में सरकार गो सेस यानी (cow-tax) से करोड़ों रुपये कमाती है, इसके बावजूद गोवंश की रहने की व्यवस्था को लेकर कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं.

गोशाला पर चला बुलडोजर

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वन विभाग की ओर से कठुमर उपखंड मुख्यालय के मैथना गांव में स्थित एक मात्र हनुमान गोशाला को ध्वस्त कर दिया गया है. विभाग का कहना है कि अवैध कब्जा कर 40 बीघा जमीन में गोशाला बनाई गई था जिसे अब अतिक्रमण मुक्त कराया गया है. कठूमर में गोशाला को ध्वस्त किए जाने से करीब 400 गोवंशों के पास अब रहने का ठौर नहीं रह गया है. हाल ये है लोग भूख-प्यास से व्याकुल हो गए हैं.

लक्ष्मणगढ़ रेंजर्स जतिन सेन ने बताया कि मैथना रूध में स्थित वन विभाग की करीब 14 सौ बीघा जमीन में से करीब 40 बीघा जमीन पर पिछले एक दशक से गोशाला चल रही थी. इसमें 400 छोटे बड़े गोवंशों का पालन पोषण किया जा रहा था. सहायक वन संरक्षक कोर्ट राजगढ़ के वर्ष 2020 के आदेश के अनुपालन में गोशाला के संचालक को दिसंबर 2021 में गोशाला खाली करने और गायों को अनयंत्र स्थानांतरित करने का नोटिस जारी किया गया था, लेकिन गोशाला संचालक ने नोटिस की पालना नहीं की.

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गुरुवार 21अप्रेल को वन विभाग ने बुलडोज़र चला कर जमीन से गोशाला से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की. इस दौरान वन विभाग का जाब्ता, कठूमर पुलिस, राजस्व विभाग सहित भारी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे. अतिक्रमण हटाने के लिए समय गोशाला संचालक ने दस दिन का समय मांगा, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के चलते उन्हें समय नहीं दिया गया. कठूमर उपखंड अधिकारी रामकिशोर मीणा ने फोन पर बताया कि पिछले दिनों प्रशासन की ओर से कैंप लगाया गया था जिसमें गोशाला स्थापित कर वन भूमि पर अतिक्रमण करने का मामला आया था इसको लेकर विभाग की टीम की ओर से अतिक्रमण हटाया गया. कितनी जगह खाली करवाई गई और गोवंश की क्या वैकल्पिक व्यवस्था की गई. वन विभाग के अधिकारी बता सकते हैं.

Last Updated : Apr 23, 2022, 5:28 PM IST
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