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अलवर के सामान्य जनाना और शिशु अस्पताल में डॉक्टरों ने किया कार्य बहिष्कार, मरीज परेशान

अलवर के जनाना अस्पताल में डॉक्टर पर हुए हमले के विरोध में सामान्य अस्पताल, जनाना अस्पताल और शिशु अस्पताल के डॉक्टरों ने कार्य बहिष्कार कर दिया. इससे अस्पताल में आपातकालीन सेवाएं भी प्रभावित हुई. दूर-दराज के गांवों और शहरों से आने वाले मरीज इलाज के लिए घंटों धक्के खाते रहे. लेकिन उनकी किसी ने सुध नहीं ली.

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Published : Sep 24, 2019, 6:36 PM IST

alwar news, अलवर की खबर, आपातकालीन सेवाएं

अलवर. जिले के जनाना अस्पताल में एक महिला ने डॉक्टर पर हमला कर दिया. कुछ देर तक अस्पताल में हंगामा हुआ और मामले की लिखित शिकायत पुलिस को दी गई. तनाव बढ़ता देख जनाना अस्पताल में पुलिस तैनात की गई. इस घटना के विरोध में सामान्य अस्पताल, जनाना अस्पताल और शिशु अस्पताल के डॉक्टरों ने कार्य बहिष्कार करते हुए.

वहीं, आईएमए हॉल में एक बैठक की. इसमें डॉक्टरों ने अपना विरोध जताते हुए विभिन्न मांगे रखी. तो वहीं मामले की सूचना मिलते ही एडीएम सिटी उत्तम सिंह शेखावत मौके पर पहुंचे. कुछ देर बाद एडिशनल एसपी पुष्पेंद्र विश्नोई भी अस्पताल पहुंचे.

अस्पताल में डॉक्टरों ने किया कार्य बहिष्कार

पढ़ें- श्रीगंगानगर में हाईकोर्ट के फैसले के बाद निपटा CMHO विवाद

बता दें कि डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार से तीनों ही अस्पताल में हजारों मरीज परेशान होते रहे. आपातकालीन सेवाएं भी तीनों अस्पताल में प्रभावित हुई मरीजों को इलाज के लिए खासा परेशान होना पड़ा तो वहीं गंभीर मरीजों की हालत ज्यादा खराब थी. वहीं, जिले में इलाज के लिए भरतपुर, दौसा, हरियाणा, मेवात से लोग आते हैं. अस्पताल में प्रतिदिन 4000 से अधिक मरीजों की ओपीडी रहती है. वहीं इन दिनों मौसमी बीमारियों का प्रभाव बढ़ रहा है. वार्ड फुल है तो ओपीडी में भी हालत खराब रहती है.

ऐसे में मरीज को इलाज की सख्त आवश्यकता होती है. डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार से अस्पताल के आउटडोर से लेकर वार्डों में हजारों मरीज परेशान होते रहे. इन सबके बीच डॉक्टर अपनी मीटिंग और बैठकों में व्यस्त रहे. इससे मरीजों को खासी परेशानी उठानी पड़ी. डॉक्टर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अड़े रहे.

अलवर. जिले के जनाना अस्पताल में एक महिला ने डॉक्टर पर हमला कर दिया. कुछ देर तक अस्पताल में हंगामा हुआ और मामले की लिखित शिकायत पुलिस को दी गई. तनाव बढ़ता देख जनाना अस्पताल में पुलिस तैनात की गई. इस घटना के विरोध में सामान्य अस्पताल, जनाना अस्पताल और शिशु अस्पताल के डॉक्टरों ने कार्य बहिष्कार करते हुए.

वहीं, आईएमए हॉल में एक बैठक की. इसमें डॉक्टरों ने अपना विरोध जताते हुए विभिन्न मांगे रखी. तो वहीं मामले की सूचना मिलते ही एडीएम सिटी उत्तम सिंह शेखावत मौके पर पहुंचे. कुछ देर बाद एडिशनल एसपी पुष्पेंद्र विश्नोई भी अस्पताल पहुंचे.

अस्पताल में डॉक्टरों ने किया कार्य बहिष्कार

पढ़ें- श्रीगंगानगर में हाईकोर्ट के फैसले के बाद निपटा CMHO विवाद

बता दें कि डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार से तीनों ही अस्पताल में हजारों मरीज परेशान होते रहे. आपातकालीन सेवाएं भी तीनों अस्पताल में प्रभावित हुई मरीजों को इलाज के लिए खासा परेशान होना पड़ा तो वहीं गंभीर मरीजों की हालत ज्यादा खराब थी. वहीं, जिले में इलाज के लिए भरतपुर, दौसा, हरियाणा, मेवात से लोग आते हैं. अस्पताल में प्रतिदिन 4000 से अधिक मरीजों की ओपीडी रहती है. वहीं इन दिनों मौसमी बीमारियों का प्रभाव बढ़ रहा है. वार्ड फुल है तो ओपीडी में भी हालत खराब रहती है.

ऐसे में मरीज को इलाज की सख्त आवश्यकता होती है. डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार से अस्पताल के आउटडोर से लेकर वार्डों में हजारों मरीज परेशान होते रहे. इन सबके बीच डॉक्टर अपनी मीटिंग और बैठकों में व्यस्त रहे. इससे मरीजों को खासी परेशानी उठानी पड़ी. डॉक्टर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अड़े रहे.

Intro:अलवर।
अलवर के जनाना अस्पताल में डॉक्टर पर हुए हमले के विरोध में सामान्य अस्पताल जनाना अस्पताल व शिशु अस्पताल के डॉक्टरों ने कार्य बहिष्कार कर दिया। इससे अस्पताल में आपातकालीन सेवाएं भी प्रभावित हुई। दूरदराज के गांवों व शहरों से आने वाले मरीज इलाज के लिए घंटों धक्के खाते रहे। लेकिन उनकी किसी ने सुध नहीं ली।


Body:अलवर के जनाना अस्पताल में एक महिला ने डॉक्टर पर हमला कर दिया। कुछ देर तक अस्पताल में हंगामा हुआ व मामले की लिखित शिकायत पुलिस को दी गई। तनाव बढ़ता देख जनाना अस्पताल में पुलिस तैनात की गई। इस घटना के विरोध में सामान्य अस्पताल, जनाना अस्पताल व शिशु अस्पताल के डॉक्टरों ने कार्य बहिष्कार करते हुए। आईएमए हॉल में एक बैठक की। इसमें डॉक्टरों ने अपना विरोध जताते हुए विभिन्न मांगे रखी। तो वही मामले की सूचना मिलते ही एडीएम सिटी उत्तम सिंह शेखावत मौके पर पहुंचे कुछ देर बाद एडिशनल एसपी पुष्पेंद्र विश्नोई भी अस्पताल पहुंचे। वहीं डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार से तीनों ही अस्पताल में हजारों मरीज परेशान होते रहे। आपातकालीन सेवाएं भी तीनों अस्पताल में प्रभावित हुई मरीजों को इलाज के लिए खासा परेशान होना पड़ा तो वहीं गंभीर मरीजों की हालत ज्यादा खराब थी।


Conclusion:अलवर में इलाज के लिए अलवर के अलावा भरतपुर दौसा हरियाणा मेवात से आते हैं। अस्पताल में प्रतिदिन 4000 से अधिक मरीजों की ओपीडी रहती है। तो वहीं इन दिनों मौसमी बीमारियों का प्रभाव बढ़ रहा है। वार्ड फुल है तो वही ओपीडी में भी हालत खराब रहती है। ऐसे में मरीज को इलाज की सख्त आवश्यकता होती है। डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार से अस्पताल के आउटडोर से लेकर वार्डों में हजारों मरीज परेशान होते रहे। इन सबके बीच डॉक्टर अपनी मीटिंग व बैठकों में व्यस्त रहे। इससे मरीजों को खासी परेशानी उठानी पड़ी। डॉक्टर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अड़े रहे।

बाइट- परेशान मरीज व उनके परिजन
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