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मंदिर में जरूर बनाएं यह 4 शुभ चिन्ह, बुरी शक्तियां रहेंगी कोसों दूर, जीवन में आएंगी खुशियां - BENEFITS OF HOLY SYMBOLS

मंदिर में ओम, स्वास्तिक या दूसरे पवित्र चिह्न बनाने के कई फायदे होते हैं. अगर कुछ गलत हो जाए तो खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.

HOLY SYMBOLS
मंदिर में ओम व स्वास्तिक चिह्न (GETTY IMAGE)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 25, 2025, 11:13 AM IST

हैदराबाद: घर का मंदिर वह पवित्र स्थान है जहां हम अपने आराध्य देवी-देवताओं की पूजा करते हैं. यह न केवल एक पूजनीय स्थान है, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत भी है.

दिल्ली के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य एवं वास्तुविद आचार्य आदित्य झा के अनुसार, घर का मंदिर हमेशा ईशान कोण में होना चाहिए, क्योंकि यह दिशा देवताओं की मानी जाती है और यहीं से शुभ लाभ की प्राप्ति होती है. घर के पूजा स्थल पर कुछ विशेष धार्मिक चिह्न जैसे ॐ, स्वास्तिक और श्री कलश बनाना बहुत शुभ माना जाता है. ये चिह्न न केवल सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं, बल्कि घर में सुख-समृद्धि और शांति भी लाते हैं.

घर में ॐ का चिह्न बनाने के फायदे
ज्योतिषाचार्य का कहना है कि ॐ एक पवित्र ध्वनि और प्रतीक है, जो ब्रह्मांड की ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है. घर के पूजा स्थल पर केसर या चंदन से ॐ का चिह्न बनाने के कई फायदे हैं.

  • एकाग्रता और स्मरण शक्ति में वृद्धि: ॐ का जाप और इस चिह्न का ध्यान करने से एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ती है.
  • तनाव में कमी: घर में ॐ का शुभ संचार होने से तनाव कम होता है और शांति का माहौल बनता है.
  • सकारात्मक ऊर्जा: केसर या चंदन से बना ॐ घर में सकारात्मक ऊर्जा लाता है और नकारात्मकता को दूर करता है.
  • समस्याओं का अंत: यह सामाजिक और पारिवारिक जीवन में चल रही समस्याओं को दूर करने में मदद करता है और तरक्की के रास्ते खोलता है.

घर में स्वास्तिक का चिह्न बनाने के फायदे
स्वास्तिक एक प्राचीन प्रतीक है, जो शुभता, समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक है. घर के पूजा स्थल और मुख्य द्वार के दोनों ओर हल्दी से स्वास्तिक का चिह्न बनाना और उसके नीचे 'शुभ लाभ' लिखना बहुत फायदेमंद होता है.

  • वास्तु दोष का निवारण: स्वास्तिक घर के वास्तु दोषों को दूर करने में मदद करता है.
  • सकारात्मक ऊर्जा: यह घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और नकारात्मक प्रभावों को रोकता है.
  • मां लक्ष्मी की कृपा: स्वास्तिक मां लक्ष्मी की कृपा को आकर्षित करता है, जिससे धन और समृद्धि आती है.
  • करियर में उन्नति: यह चिह्न करियर में तरक्की के योग बनाता है और सफलता प्राप्त करने में मदद करता है.
    • ध्यान रखें: स्वास्तिक का चिह्न बनाते समय यह 9 उंगली लंबा और चौड़ा होना चाहिए.

घर में श्री का चिह्न बनाने के फायदे: श्री का चिह्न माता लक्ष्मी का प्रतीक है और इसे घर के मंदिर में सिंदूर या केसर से बनाना बहुत शुभ माना जाता है:

  • सुख-समृद्धि: श्री का चिह्न बनाने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहती है.
  • धन-धान्य की प्राप्ति: वास्तु के अनुसार, श्री का चिह्न घर में धन-धान्य की कभी कमी नहीं होने देता है.
  • पारिवारिक प्रेम: यह पारिवारिक सदस्यों में आपसी प्रेम और सद्भाव को बढ़ाता है.
  • माता लक्ष्मी का निवास: माना जाता है कि पूजा स्थल पर श्री का चिह्न होने से माता लक्ष्मी स्वयं वहां निवास करती हैं.

घर में मंगल कलश का चिह्न बनाने के फायदे: मंगल कलश एक शुभ प्रतीक है, जो समृद्धि और शुभता का प्रतीक है. घर के पूजा स्थल पर सिंदूर से मंगल कलश का चिह्न बनाने से कई फायदे होते हैं.

  • सकारात्मक ऊर्जा: यह चिह्न घर में सकारात्मक ऊर्जा को बनाए रखता है.
  • शुद्ध वातावरण: यह घर के वातावरण को शुद्ध और सकारात्मक बनाता है.
  • अड़चनों का निवारण: मंगल कलश सभी प्रकार की बाधाओं और अड़चनों को दूर करने में मदद करता है.
  • माता लक्ष्मी का प्रतीक: वास्तु के अनुसार, मंगल कलश माता लक्ष्मी का प्रतीक है और इससे घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है.
  • धन की आवक: यह चिह्न धन की आवक को बढ़ाता है और परिवार के सदस्यों की तरक्की में सहायक होता है.

यह भी पढ़ें- षटतिला एकादशी 2025: जगत के पालनहार की पूजा का दिन, जानें महत्व, व्रत-कथा, पूजा विधि और पारण समय

हैदराबाद: घर का मंदिर वह पवित्र स्थान है जहां हम अपने आराध्य देवी-देवताओं की पूजा करते हैं. यह न केवल एक पूजनीय स्थान है, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत भी है.

दिल्ली के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य एवं वास्तुविद आचार्य आदित्य झा के अनुसार, घर का मंदिर हमेशा ईशान कोण में होना चाहिए, क्योंकि यह दिशा देवताओं की मानी जाती है और यहीं से शुभ लाभ की प्राप्ति होती है. घर के पूजा स्थल पर कुछ विशेष धार्मिक चिह्न जैसे ॐ, स्वास्तिक और श्री कलश बनाना बहुत शुभ माना जाता है. ये चिह्न न केवल सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं, बल्कि घर में सुख-समृद्धि और शांति भी लाते हैं.

घर में ॐ का चिह्न बनाने के फायदे
ज्योतिषाचार्य का कहना है कि ॐ एक पवित्र ध्वनि और प्रतीक है, जो ब्रह्मांड की ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है. घर के पूजा स्थल पर केसर या चंदन से ॐ का चिह्न बनाने के कई फायदे हैं.

  • एकाग्रता और स्मरण शक्ति में वृद्धि: ॐ का जाप और इस चिह्न का ध्यान करने से एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ती है.
  • तनाव में कमी: घर में ॐ का शुभ संचार होने से तनाव कम होता है और शांति का माहौल बनता है.
  • सकारात्मक ऊर्जा: केसर या चंदन से बना ॐ घर में सकारात्मक ऊर्जा लाता है और नकारात्मकता को दूर करता है.
  • समस्याओं का अंत: यह सामाजिक और पारिवारिक जीवन में चल रही समस्याओं को दूर करने में मदद करता है और तरक्की के रास्ते खोलता है.

घर में स्वास्तिक का चिह्न बनाने के फायदे
स्वास्तिक एक प्राचीन प्रतीक है, जो शुभता, समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक है. घर के पूजा स्थल और मुख्य द्वार के दोनों ओर हल्दी से स्वास्तिक का चिह्न बनाना और उसके नीचे 'शुभ लाभ' लिखना बहुत फायदेमंद होता है.

  • वास्तु दोष का निवारण: स्वास्तिक घर के वास्तु दोषों को दूर करने में मदद करता है.
  • सकारात्मक ऊर्जा: यह घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और नकारात्मक प्रभावों को रोकता है.
  • मां लक्ष्मी की कृपा: स्वास्तिक मां लक्ष्मी की कृपा को आकर्षित करता है, जिससे धन और समृद्धि आती है.
  • करियर में उन्नति: यह चिह्न करियर में तरक्की के योग बनाता है और सफलता प्राप्त करने में मदद करता है.
    • ध्यान रखें: स्वास्तिक का चिह्न बनाते समय यह 9 उंगली लंबा और चौड़ा होना चाहिए.

घर में श्री का चिह्न बनाने के फायदे: श्री का चिह्न माता लक्ष्मी का प्रतीक है और इसे घर के मंदिर में सिंदूर या केसर से बनाना बहुत शुभ माना जाता है:

  • सुख-समृद्धि: श्री का चिह्न बनाने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहती है.
  • धन-धान्य की प्राप्ति: वास्तु के अनुसार, श्री का चिह्न घर में धन-धान्य की कभी कमी नहीं होने देता है.
  • पारिवारिक प्रेम: यह पारिवारिक सदस्यों में आपसी प्रेम और सद्भाव को बढ़ाता है.
  • माता लक्ष्मी का निवास: माना जाता है कि पूजा स्थल पर श्री का चिह्न होने से माता लक्ष्मी स्वयं वहां निवास करती हैं.

घर में मंगल कलश का चिह्न बनाने के फायदे: मंगल कलश एक शुभ प्रतीक है, जो समृद्धि और शुभता का प्रतीक है. घर के पूजा स्थल पर सिंदूर से मंगल कलश का चिह्न बनाने से कई फायदे होते हैं.

  • सकारात्मक ऊर्जा: यह चिह्न घर में सकारात्मक ऊर्जा को बनाए रखता है.
  • शुद्ध वातावरण: यह घर के वातावरण को शुद्ध और सकारात्मक बनाता है.
  • अड़चनों का निवारण: मंगल कलश सभी प्रकार की बाधाओं और अड़चनों को दूर करने में मदद करता है.
  • माता लक्ष्मी का प्रतीक: वास्तु के अनुसार, मंगल कलश माता लक्ष्मी का प्रतीक है और इससे घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है.
  • धन की आवक: यह चिह्न धन की आवक को बढ़ाता है और परिवार के सदस्यों की तरक्की में सहायक होता है.

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