मुंबई: राज्य परिवहन निगम मुंबई में स्टेट बसों (ST) और ऑटो-टैक्सी का किराया 14.97 प्रतिशत तक बढाएगा. इनके किराए में यह वृद्धि जल्द ही होने वाली है. यात्रियों ने पहले से ही हो रही महंगाई और अब स्टेट बसों के किराये में वृद्धि पर नाराजगी जताई है. परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि "एसटी किराया वृद्धि हर साल होनी चाहिए. पिछले कई वर्षों से एसटी किराया नहीं बढ़ाया गया था, लेकिन इस साल इसमें वृद्धि कर दी गई है."
परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने कहा कि "स्टेट बसों और ऑटो-टैक्सी किराया में हर साल वृद्धि होनी चाहिए, लेकिन बीते कुछ सालों से वृद्धि नहीं हुई थी. एक फरवरी से टैक्सी और रिक्शा का किराया भी बढ़ जाएगा. मुझे अभी तक इस संबंध में आधिकारिक फाइल प्राप्त नहीं हुई है. हर साल एसटी बसों का किराया बढ़ाना जरूरी है. एसटी बसों को हर दिन 3 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है."
सरनाईक ने आगे कहा कि "इसलिए एसटी बसों को हर महीने 90 करोड़ रुपए का घाटा उठाना पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में हमारे पास किराया बढ़ाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. मैंने प्रधान सचिव से कहा है कि किराया बढ़ाते समय यह वार्षिक गुण-दोष के आधार पर होना चाहिए. टैक्सी और रिक्शा का किराया भी तीन रुपये प्रति किलोमीटर बढ़ जाएगा."
डिपो का आधुनिकीकरण भी किया जाएगा
सरनाईक ने कहा कि "एमएसआरडीसी के पास रणनीतिक स्थान पर 3,340 एकड़ जमीन है. हालांकि कई स्थानों पर शीर्षक स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन राज्य में बस डिपो विकसित करना आवश्यक है. राज्य के सभी डिपो को आधुनिक बनाने की आवश्यकता है."
उन्होंने कहा कि "लेकिन चूंकि राज्य सरकार के पास पर्याप्त धनराशि नहीं है, इसलिए इन परियोजनाओं का आधुनिकीकरण पीपीपी या बीओपी आधार पर करना होगा. कई वर्षों से यात्री यह मांग कर रहे थे कि सभी को अत्याधुनिक बस स्टेशन तक पहुंच मिले." परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने कहा कि "हम यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए इस योजना को लागू कर रहे हैं."
पुरानी योजनाएं नहीं होंगी बंद
उन्होंने कहा कि "जो पुरानी योजनाएं हैं, उन्हें बंद नहीं किया जाएगा. हमारी प्यारी बहनों को दी जाने वाली 50 प्रतिशत छूट यथावत रहेगी. पचास प्रतिशत छूट के बाद एसटी बसों के उत्पादन में वृद्धि हुई है. इन योजनाओं से एसटी बस यात्रियों की संख्या में वृद्धि हुई है. हमें 75 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए मुफ्त यात्रा हेतु अनुदान के रूप में राज्य सरकार से धन प्राप्त होता है."