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नागौर से 1959 को पंचायती राज व्यवस्था हुई थी लागू, 61 साल बाद भी गांधी जी का सपना अधूरा

राजस्थान के हृदय नागौर से 2 अक्टूबर 1959 को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 'स्वराज' के सपने को साकार करने के लिए पूरे देश में लोकतांत्रिक विकेन्द्रीकरण व्यवस्था का शुभारम्भ किया था, लेकिन गांधीजी का सपना 61 साल बाद भी अधूरा है. गांधी ने जब देश की प्रशासनिक व्यवस्था के बारे में सोचा तो उनके मन में सबसे प्रमुख यह बात थी कि देश का शासन गांव के हाथ में होना चाहिए.

Nagaur District Panchayat, Panchayati Raj system in Nagaur
नागौर से 1959 को पंचायती राज व्यवस्था हुई थी लागू
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Published : Apr 25, 2021, 11:46 AM IST

नागौर. देश के तत्कालीन प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने साल 1959 में 2 अक्टूबर यानी गांधी जयंती के दिन नागौर से पंचायती राज व्यवस्था लागू की थी. जिस जगह से उन्होंने यह घोषणा की थी. वहां आज एक चबूतरा बना हुआ है, जो अभी पुलिस लाइन में स्थित है, लेकिन नागौर के लोगों को इस बात की खुशी और गर्व है कि गांव-ढाणी के लोगों को सत्ता में भागीदारी दिलाने वाली इस अहम व्यवस्था के आगाज का गवाह नागौर जिला रहा है.

नागौर से 1959 को पंचायती राज व्यवस्था हुई थी लागू

जिला कलेक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी का मानना है कि यह व्यवस्था लागू होने के बाद गांवों में विकास के काम भी हुए हैं, अब नागौर को विशेष स्थान और पचांयत राज शोध संस्थान के पहचान मिले, उसको लेकर प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजे हैं, जिसका यह वाकई में हकदार है. उनका कहना है कि इस संबंध में एक कार्य योजना भी सरकार को भिजवाई गई है. इस जगह को पंचायतीराज व्यवस्था से जुड़े स्थान के रूप में विकसित किया जा सकता है.

राजस्थान के हृदय नागौर से 2 अक्टूबर 1959 को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 'स्वराज' के सपने को साकार करने के लिए पूरे देश में लोकतांत्रिक विकेन्द्रीकरण व्यवस्था का शुभारम्भ किया था, लेकिन गांधीजी का सपना 61 साल बाद भी अधूरा है. गांधी ने जब देश की प्रशासनिक व्यवस्था के बारे में सोचा तो उनके मन में सबसे प्रमुख यह बात थी कि देश का शासन गांव के हाथ में होना चाहिए.

पढ़ें- पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने किया डीग अस्पताल का औचक निरीक्षण, कमियों को दूर करने के दिए निर्देश

शासन व्यवस्था केन्द्र से गांव की ओर न होकर गांव से केन्द्र की ओर होनी चाहिए. उनका कहना था कि मजबूत भारत तभी बनेगा, जब देश का हर गांव मजबूत बनेगा. बावजूद इसके आज भी 'हर घर को पहुंचा जावे तथा हर आंख से आंसू पौंछा जावे' वाली उस समय की प्रसिद्ध उक्ति फलितार्थ नहीं हो पाई है. कृषि, पशुपालन, पंचायत, सहकारिता, शिक्षा आदि क्षेत्रों में अभूतपूर्व कार्य तो शुरू हुए, लेकिन पूरे नहीं किए जा सके. गांधीजी का सपना था कि भारत में कृषि, पशुपालन व कुटीर उद्योग को महत्व दिया जाए, तीनों ही उपेक्षा की भेंट चढ़ गए.

1986 में एलएम सिंघवी की अध्यक्षता में बनी एलएम सिंघवी कमेटी की रिपोर्ट पर 1992 ने संविधान में 73वां संशोधन करते हुए हर पांच में चुनाव कराए जाने निश्चित किए. ग्राम सभा की बैठकों को अनिवार्य किया गया. ग्राम सभा को सबसे महत्वपूर्ण बताया था, लेकिन आज सबसे ज्यादा उपेक्षा ग्राम सभा की है. हालात यह है कि हर महीने बैठक आयोजित करना तो दूर, साल में अनिवार्य की गई बैठकें भी कागजी हो रही हैं.

पंचायती राज की स्थापना से 6 दिन पूर्व 27 सितम्बर 1959 को लिखमाराम चौधरी नागौर के प्रथम जिला प्रमुख बने थे. पंचायती राज की स्थापना के साथ ही चौधरी को देश के सबसे पहले जिला प्रमुख के रूप में ख्याति मिली थी. इससे पहले चौधरी मूण्डवा पंचायत समिति के प्रधान बने. प्रधान रहते वे करीब 15-20 दिन बाद जिला प्रमुख बन गए और तीन बार निर्विरोध जिला प्रमुख बने. 7 अगस्त 1977 तक वे नागौर के जिला प्रमुख रहे. उन्होंने जीवन भर किसानों को समाज में उचित स्थान दिलाने एवं उन्हें आर्थिक व राजनीतिक शोषण से मुक्ति दिलाने के ध्येय से काम किया.

नागौर जिला परिषद : 61 वर्षों में 9 जिला प्रमुख बने तो 7 बार प्रशासकों ने संभाला काम

क्रमनामजिला प्रमुख/प्रशासककब से कब तक
1लिखमाराम चौधरी जिला प्रमुख27/9/1959 - 7/8/1977
2अर्जुनराम भंडारी प्रशासक 8/8/1977 - 18/5/1978
3धर्म सिंह मीणा प्रशासक 7/6/1978 - 13/7/1978
4पीसी जैन प्रशासक 26/7/1979 - 19/8/1981
5एसपी पैगोरियाप्रशासक 20/8/1981 - 8/1/1982
6भंवराराम सूपकाजिला प्रमुख9/1/1982 - 28/2/1985
7हरिराम बागड़ियाजिला प्रमुख1/3/1985 - 22/7/1988
8हरेन्द्र मिर्धा जिला प्रमुख 23/7/1988 - 26/7/1991
9तपेन्द्र कुमार प्रशासक 27/7/1991 - 6/8/1993
10ललित मेहरा प्रशासक 7/8/1993 - 12/2/1995
11बिन्दू चौधरी जिला प्रमुख 13/2/1995 - 12/2/2000
12जेठमल बरबड़ जिला प्रमुख 13/2/2000 - 11/2/2005
13 बिन्दू चौधरी जिला प्रमुख 12/2/2005 - 11/2/2010
14जेठमल बरबड़जिला प्रमुख13/2/2000 - 11/2/2005
15बिन्दू चौधरी जिला प्रमुख12/2/2005 - 11/2/2010
16बिन्दू चौधरी जिला प्रमुख 12/2/2010 - 6/2/2015
17सुनीता चौधरीजिला प्रमुख 7/2/2015 - 6/2/2020
18जवाहर चौधरी प्रशासक 7.2.2020
19भागीरथ राम जिला प्रमुख वर्तमान

नागौर के प्रथम जिला परिषद बोर्ड में जिला प्रमुख लिखमाराम चौधरी सहित कुल 16 सदस्य थे. इसमें उप प्रमुख रामसिंह कुड़ी के अलावा सदस्य के रूप में नरसाराम, रसीद अहमद, मोहनीदेवी, नाथूराम मिर्धा, रामनिवास मिर्धा, मोतीलाल, गोपाललाल, जेठमल, माणकचंद, किशनलाल, गौरी देवी पूनिया, मथुरादास माथुर, यशवंतराय मेहता का नाम शामिल है.

हर साल देश भर में 24 अप्रैल को 'राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस' मनाया जाता है. ये दिन भारतीय संविधान के 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 के पारित होने का प्रतीक है, जो 24 अप्रैल 1993 से लागू हुआ था. राष्ट्रीय पंचायतीराज दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत साल 2010 से हुई थी.

नागौर. देश के तत्कालीन प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने साल 1959 में 2 अक्टूबर यानी गांधी जयंती के दिन नागौर से पंचायती राज व्यवस्था लागू की थी. जिस जगह से उन्होंने यह घोषणा की थी. वहां आज एक चबूतरा बना हुआ है, जो अभी पुलिस लाइन में स्थित है, लेकिन नागौर के लोगों को इस बात की खुशी और गर्व है कि गांव-ढाणी के लोगों को सत्ता में भागीदारी दिलाने वाली इस अहम व्यवस्था के आगाज का गवाह नागौर जिला रहा है.

नागौर से 1959 को पंचायती राज व्यवस्था हुई थी लागू

जिला कलेक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी का मानना है कि यह व्यवस्था लागू होने के बाद गांवों में विकास के काम भी हुए हैं, अब नागौर को विशेष स्थान और पचांयत राज शोध संस्थान के पहचान मिले, उसको लेकर प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजे हैं, जिसका यह वाकई में हकदार है. उनका कहना है कि इस संबंध में एक कार्य योजना भी सरकार को भिजवाई गई है. इस जगह को पंचायतीराज व्यवस्था से जुड़े स्थान के रूप में विकसित किया जा सकता है.

राजस्थान के हृदय नागौर से 2 अक्टूबर 1959 को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 'स्वराज' के सपने को साकार करने के लिए पूरे देश में लोकतांत्रिक विकेन्द्रीकरण व्यवस्था का शुभारम्भ किया था, लेकिन गांधीजी का सपना 61 साल बाद भी अधूरा है. गांधी ने जब देश की प्रशासनिक व्यवस्था के बारे में सोचा तो उनके मन में सबसे प्रमुख यह बात थी कि देश का शासन गांव के हाथ में होना चाहिए.

पढ़ें- पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने किया डीग अस्पताल का औचक निरीक्षण, कमियों को दूर करने के दिए निर्देश

शासन व्यवस्था केन्द्र से गांव की ओर न होकर गांव से केन्द्र की ओर होनी चाहिए. उनका कहना था कि मजबूत भारत तभी बनेगा, जब देश का हर गांव मजबूत बनेगा. बावजूद इसके आज भी 'हर घर को पहुंचा जावे तथा हर आंख से आंसू पौंछा जावे' वाली उस समय की प्रसिद्ध उक्ति फलितार्थ नहीं हो पाई है. कृषि, पशुपालन, पंचायत, सहकारिता, शिक्षा आदि क्षेत्रों में अभूतपूर्व कार्य तो शुरू हुए, लेकिन पूरे नहीं किए जा सके. गांधीजी का सपना था कि भारत में कृषि, पशुपालन व कुटीर उद्योग को महत्व दिया जाए, तीनों ही उपेक्षा की भेंट चढ़ गए.

1986 में एलएम सिंघवी की अध्यक्षता में बनी एलएम सिंघवी कमेटी की रिपोर्ट पर 1992 ने संविधान में 73वां संशोधन करते हुए हर पांच में चुनाव कराए जाने निश्चित किए. ग्राम सभा की बैठकों को अनिवार्य किया गया. ग्राम सभा को सबसे महत्वपूर्ण बताया था, लेकिन आज सबसे ज्यादा उपेक्षा ग्राम सभा की है. हालात यह है कि हर महीने बैठक आयोजित करना तो दूर, साल में अनिवार्य की गई बैठकें भी कागजी हो रही हैं.

पंचायती राज की स्थापना से 6 दिन पूर्व 27 सितम्बर 1959 को लिखमाराम चौधरी नागौर के प्रथम जिला प्रमुख बने थे. पंचायती राज की स्थापना के साथ ही चौधरी को देश के सबसे पहले जिला प्रमुख के रूप में ख्याति मिली थी. इससे पहले चौधरी मूण्डवा पंचायत समिति के प्रधान बने. प्रधान रहते वे करीब 15-20 दिन बाद जिला प्रमुख बन गए और तीन बार निर्विरोध जिला प्रमुख बने. 7 अगस्त 1977 तक वे नागौर के जिला प्रमुख रहे. उन्होंने जीवन भर किसानों को समाज में उचित स्थान दिलाने एवं उन्हें आर्थिक व राजनीतिक शोषण से मुक्ति दिलाने के ध्येय से काम किया.

नागौर जिला परिषद : 61 वर्षों में 9 जिला प्रमुख बने तो 7 बार प्रशासकों ने संभाला काम

क्रमनामजिला प्रमुख/प्रशासककब से कब तक
1लिखमाराम चौधरी जिला प्रमुख27/9/1959 - 7/8/1977
2अर्जुनराम भंडारी प्रशासक 8/8/1977 - 18/5/1978
3धर्म सिंह मीणा प्रशासक 7/6/1978 - 13/7/1978
4पीसी जैन प्रशासक 26/7/1979 - 19/8/1981
5एसपी पैगोरियाप्रशासक 20/8/1981 - 8/1/1982
6भंवराराम सूपकाजिला प्रमुख9/1/1982 - 28/2/1985
7हरिराम बागड़ियाजिला प्रमुख1/3/1985 - 22/7/1988
8हरेन्द्र मिर्धा जिला प्रमुख 23/7/1988 - 26/7/1991
9तपेन्द्र कुमार प्रशासक 27/7/1991 - 6/8/1993
10ललित मेहरा प्रशासक 7/8/1993 - 12/2/1995
11बिन्दू चौधरी जिला प्रमुख 13/2/1995 - 12/2/2000
12जेठमल बरबड़ जिला प्रमुख 13/2/2000 - 11/2/2005
13 बिन्दू चौधरी जिला प्रमुख 12/2/2005 - 11/2/2010
14जेठमल बरबड़जिला प्रमुख13/2/2000 - 11/2/2005
15बिन्दू चौधरी जिला प्रमुख12/2/2005 - 11/2/2010
16बिन्दू चौधरी जिला प्रमुख 12/2/2010 - 6/2/2015
17सुनीता चौधरीजिला प्रमुख 7/2/2015 - 6/2/2020
18जवाहर चौधरी प्रशासक 7.2.2020
19भागीरथ राम जिला प्रमुख वर्तमान

नागौर के प्रथम जिला परिषद बोर्ड में जिला प्रमुख लिखमाराम चौधरी सहित कुल 16 सदस्य थे. इसमें उप प्रमुख रामसिंह कुड़ी के अलावा सदस्य के रूप में नरसाराम, रसीद अहमद, मोहनीदेवी, नाथूराम मिर्धा, रामनिवास मिर्धा, मोतीलाल, गोपाललाल, जेठमल, माणकचंद, किशनलाल, गौरी देवी पूनिया, मथुरादास माथुर, यशवंतराय मेहता का नाम शामिल है.

हर साल देश भर में 24 अप्रैल को 'राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस' मनाया जाता है. ये दिन भारतीय संविधान के 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 के पारित होने का प्रतीक है, जो 24 अप्रैल 1993 से लागू हुआ था. राष्ट्रीय पंचायतीराज दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत साल 2010 से हुई थी.

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