हाफलोंग: असम के दीमा हसाओ जिले में एक कोयला खदान में अचानक पानी भर जाने से कम से कम 9 मजदूर सोमवार सुबह से फंसे हुए हैं. यह घटना पहाड़ी दीमा हसाओ जिले के उमरंगसू के तीन किलो इलाके में स्थित एक कोयला खदान में हुई. माना जा रहा है कि खदान के अंदर तीन मजदूरों के शव पहले ही मिल चुके हैं, लेकिन फिलहाल उन्हें निकाला नहीं जा सका है.
बारिश से बचाव कार्य प्रभावित
मंगलवार शाम को हुई भारी बारिश के बाद उमरंगसो की कोयला खदान में फंसे खनिकों के लिए बचाव कार्य मंगलवार को प्रभावित हुआ.असम के दीमा हसाओ जिले के उमरंगसू में कोयला खदान में फंसे नौ खनिकों के लिए कई प्रयासों के बावजूद मंगलवार को बचाव अभियान को दिन भर के लिए रोक दिया गया. अभी तक लापता खनिकों का कोई सुराग नहीं मिल पाया है.
सेना, असम राइफल्स, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें पहले से ही बचाव अभियान चला रही हैं, इसके अलावा भारतीय नौसेना के 12 कर्मियों की एक टीम बचावकर्मियों की सहायता के लिए मंगलवार शाम को विशाखापत्तनम से कोयला खदान स्थल पर पहुंच चुकी थी.
हालांकि, खदान के अंदर पानी का स्तर बहुत अधिक होने के कारण बचावकर्मी कोई सफलता हासिल करने में विफल रहे। एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा, "बाढ़ग्रस्त खदान से पानी बाहर निकालने के प्रयास जारी हैं." उमरंगसू इलाके में भारी बारिश के बाद मंगलवार शाम को बचाव कार्य और प्रभावित हुआ, जिससे बाढ़ग्रस्त खदान में पानी का स्तर बढ़ गया.
बचावकर्मियों ने मंगलवार को बाढ़ग्रस्त खदान में घुसने के कम से कम दस बार प्रयास किए थे, लेकिन जलस्तर अधिक होने के कारण वे असफल रहे. एनडीआरएफ अधिकारियों ने बताया कि बारिश के कारण आज बचाव कार्य स्थगित करना पड़ा. हालांकि, कल सुबह बचाव अभियान फिर से शुरू होगा. भारतीय नौसेना के गोताखोर भी कई गहरे गोताखोरी उपकरणों के साथ मौके पर पहुंच गए हैं और उन्होंने पूरी खदान की प्रारंभिक रेकी की है.
#WATCH | Indian Army, Assam Rifles, NDRF, SDRF teams and other agencies are engaged in the rescue operations to rescue 9 people who were trapped in a coal mine at 3 Kilo, Umrangso area in Assam's Dima Hasao district since yesterday. pic.twitter.com/bG2qajZmAO
— ANI (@ANI) January 7, 2025
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, मंगलवार को बचाव अभियान शुरू करने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की 30 टीमें और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की आठ टीमें मौके पर पहुंच गई हैं. असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा के आदेश के अनुसार, दीमा हसाओ के जिला आयुक्त, सीमांत कुमार दास और पुलिस अधीक्षक, मयंक कुमार झा भी राहत अभियान में तेजी लाने के लिए उमरंगसो पहुंच गए हैं.
I also spoke to Hon’ble Union Coal Minister, Shri @kishanreddybjp seeking assistance for our rescue operation in Umrangsu. He has promptly issued directions to @CoalIndiaHQ to extend full support to the Assam government in this mission. My sincere gratitude to him for his swift…
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) January 7, 2025
हिमंत बिस्वा सरमा ने एक्स पर एक पोस्ट कर कहा, मैंने उमरंगसू में हमारे बचाव अभियान के लिए सहायता हेतु माननीय केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी से भी बात की उन्होंने तुरंत निर्देश जारी किए हैं कि वे इस मिशन में असम सरकार को पूर्ण सहयोग प्रदान करेंगे.
बचाव प्रयासों को और मजबूत करने के लिए भारतीय नौसेना के गोताखोरों की मदद मांगी गई है. विशाखापत्तनम से नौसेना के गोताखोर बचाव अभियान में सहायता करने के लिए पहले ही रवाना हो चुके हैं और उनके जल्द ही मौके पर पहुंचने की उम्मीद है. बचाव दल के अनुसार खदान के अंदर पानी का स्तर लगभग 100 फीट तक बढ़ गया है. मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने इस स्थिति के बारे में एक्स (पूर्व में ट्विटर) के माध्यम से जानकारी दी.
फ़िलहाल, नौ मजदूरों के फंसे होने की सूचना मिली है, जिनके नाम इस प्रकार हैं:
- गंगा बहादुर श्रेष्ठ (38), उदयपुर, नेपाल
- हुसैन अली (30), दलगांव
- जाकिर हुसैन (38), दलगांव
- सर्पा बर्मन (46), गोसाईगांव
- मुस्तफा शेख (44), दलगांव
- खुशी मोहन रॉय (57), फकीराग्राम
- संजीत सरकार (35), जलपाईगुड़ी, पश्चिम बंगाल
- लिजान मगर (26), उमरांगसो, दीमा हसाओ
- शरत गायरी (37), बतासीपुर, सोनितपुर
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने फंसे हुए मजदूरों की पहचान उजागर करने के लिए सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल किया है ताकि उनकी तलाश व बचाव कार्य में मदद मिल सके. स्थानीय रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार सुबह 27 मजदूर खदान के अंदर गए थे. पानी के तेज बहाव के कारण, कुछ मजदूर तो बाहर निकलने में सफल रहे, लेकिन खदान तेजी से पानी में डूब गई. इससे, कई मजदूर खदान में ही फंस गए.
यह कोयला खदान असम-मेघालय सीमा के पास, उमरंगसो पुलिस थाने से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित है. करीब 300 फीट गहरी इस खदान में पहले ही 100 फीट के कीरीब पानी भर चुका है, जिससे बचाव कार्य और भी मुश्किल हो गया है. बचाव दल फंसे हुए मजदूरों तक पहुंचने और उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए सभी प्रयास कर रहे हैं.
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