मेटाबॉलिज्म में गड़बड़ी या कमजोरी कई प्रकार की शारीरिक और मानसिक समस्याओं का कारण बन सकती हैं. इसलिए जरूरी हैं कि मेटाबॉलिज्म को हेल्दी बनाए रखने के लिए आहार और जीवनशैली में अनुशासन के साथ नियमित व्यायाम की आदत को अपनाया जाए. इस खबर विशेषज्ञों से जानिए कि कैसे खराब मेटाबॉलिज्म में कमजोरी कई तरह के स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है...
मेटाबॉलिज्म में कमजोरी बन सकती हैं कई समस्याओं का कारण
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी और असंतुलित जीवनशैली के कारण मेटाबॉलिज्म, यानी शरीर के ऊर्जा बनाने की प्रक्रिया धीमी होती जा रही है. गौरतलब हैं कि मेटाबॉलिज्म का सीधा संबंध हमारे खानपान, व्यायाम और नींद के पैटर्न से है. आज लोग ज्यादातर समय बैठे रहते हैं, प्रोसेस्ड फूड खाते हैं, और पर्याप्त नींद नहीं लेते. इसके अलावा तनाव, उम्र बढ़ना और हार्मोनल असंतुलन भी मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देते हैं. जब मेटाबॉलिज्म धीमा होता है, तो शरीर में फैट तेजी से जमा होने लगता है, जिससे मोटापा, थकान और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं.
मेटाबॉलिज्म कम होने के प्रभाव व कारण
लखनऊ के विकास क्लिनिक के चिकित्सक डॉ. सुरेन्द्र सिंह बताते हैं कि मेटाबॉलिज्म हमारे शरीर की वो प्रक्रिया है, जो खाने को ऊर्जा में बदलती है. यह हमारे जीने, सोचने, हिलने-डुलने और सांस लेने के लिए जरूरी ऊर्जा देता है. जब मेटाबॉलिज्म सही तरीके से काम करता है, तो शरीर स्वस्थ रहता है. लेकिन जब इसमें गड़बड़ी होती है या मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, तो इससे कई प्रकार की शारीरिक और मानसिक समस्याएं होने लगती हैं जैसे मोटापा, मधुमेह, हृदय रोग आदि. मेटाबॉलिज्म कमजोर होने से कई अन्य आम समस्याएं भी परेशान कर सकती हैं जैसे आप बिना काम किए भी थकावट महसूस कर सकते हैं, वजन बढ़ सकता है, पाचन समस्याएं जैसे कब्ज, एसिडिटी और पेट फूलने जैसी समस्याएं हो सकती हैं. या फिर कई लोगों को इसके चलते त्वचा और बालों से जुड़ी समस्याएं भी परेशान कर सकती हैं. इसके अलावा इस अवस्था में तनाव बढ़ने के साथ नींद में कमी, एकाग्रता में कमी तथा व्यवहार में चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएं भी परेशान कर सकती हैं.
वह बताते हैं कि मेटाबॉलिज्म कमजोर होने के कई कारण हो सकते हैं. जिनमें से कुछ बेहद आम कारण इस प्रकार हैं.
गलत खानपान: फास्ट फूड और अत्यधिक शक्कर का सेवन मेटाबॉलिज्म पर बुरा असर डालता है.
नींद की कमी: पर्याप्त नींद न लेने से शरीर में ऊर्जा का संतुलन बिगड़ जाता है.
तनाव: तनाव हार्मोन (कोर्टिसोल) मेटाबॉलिज्म को धीमा कर सकता है.
बैठे रहने की आदत: लंबे समय तक बैठे रहने से शरीर की कैलोरी बर्न करने की क्षमता कम हो जाती है.
उम्र बढ़ना: उम्र के साथ मांसपेशियों की मात्रा घटती है, जिससे मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है.
थायरॉयड समस्या: थायरॉयड हार्मोन की कमी भी इसका कारण बन सकती है.
आनुवंशिक कारण: परिवार में पहले से यह समस्या होने पर भी मेटाबॉलिज्म कमजोर हो सकता, आदि.
मेटाबॉलिज्म बढ़ाने वाले व्यायाम
इंदौर की स्पोर्ट्स कोच तथा फिटनेस एक्सपर्ट राखी सिंह बताती हैं कि मेटाबॉलिज्म को स्वस्थ रखने या बेहतर बनाने में नियमित रूप से व सही व्यायाम का अभ्यास काफी लाभकारी हो सकता है. जो व्यायाम मेटाबॉलिज्म को स्वस्थ बनाने में मददगार हो सकते हैं उनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
कार्डियो व्यायाम
वह बताती है कि कार्डियो व्यायाम जैसे दौड़ना, साइकिल चलाना, तैराकी, और तेज़ वॉक जैसे व्यायाम मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाने में काफी लाभकारी हो सकते हैं. कार्डियो व्यायाम दरअसल दिल की धड़कन को तेज करते हैं, जिससे शरीर तेजी से कैलोरी बर्न करता है. प्रतिदिन 30-40 मिनट तक इनका अभ्यास और भी कई तरीकों से शरीर को लाभ पहुंचा सकता है.
हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (HIIT)
हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग जैसे एक मिनट तेज़ दौड़ना और फिर एक मिनट आराम करना जैसे व्यायाम भी कम समय में मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करते है. सप्ताह में 3 से 4 बार इनका अभ्यास किया जा सकता है.
वेट ट्रेनिंग
हफ्ते में कम से कम 3 बार वेट ट्रेनिंग जैसे डंबल उठाना, पुश-अप्स, और प्लांक का अभ्यास भी मांसपेशियों को मजबूत करता है और शरीर की ऊर्जा खपत को बढ़ाता है.
योग और प्राणायाम
प्रतिदिन योग विशेषकर सूर्य नमस्कार, भस्त्रिका और कपालभाति का अभ्यास भी ना केवल शरीर को लचीला बनाता है, बल्कि तनाव कम करके मेटाबॉलिज्म को भी बेहतर बनाने में मदद करता है.
मेटाबॉलिज्म सुधारने के अन्य उपाय
डॉ. सुरेन्द्र सिंह बताते हैं कि सही आदतें अपनाकर आप ना सिर्फ अपने मेटाबॉलिज्म को सुधार सकते हैं, बल्कि एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी सकते हैं. मेटाबॉलिज्म को बढ़ाना मुश्किल नहीं है, लेकिन इसके लिए नियमितता और अनुशासन की आवश्यकता है. नियमित व्यायाम के अलावा कुछ अन्य बातों का पालन करने से भी मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती हैं. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
- संतुलित आहार जिसमें प्रोटीन, फाइबर और हरी सब्जियां भरपूर मात्रा में हों, ज्यादा खाएं.
- शारीरिक रूप से सक्रिय रहे और रोजाना कम से कम 30 मिनट की वॉक या योग करें.
- रोजाना 7-8 घंटे की नींद लें.
- तनाव कम करें. इसके लिए ध्यान और मेडिटेशन का अभ्यास फायदेमंद हो सकता है.
- दिनभर में 8-10 गिलास पानी पीना मेटाबॉलिज्म को एक्टिव रखता है.
- लक्षण नजर आने पर थायराइड की जांच करवाएं तथा यदि समस्या है तो इलाज के साथ चिकित्सक के अन्य निर्देशों का भी पालन करें.
(डिस्क्लेमर: इस रिपोर्ट में आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी सामान्य जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान करते हैं. आपको इसके बारे में विस्तार से जानना चाहिए और इस विधि या प्रक्रिया को अपनाने से पहले अपने निजी चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए.)