ETV Bharat / bharat

सिमट रहा नक्सलवाद! छह नक्सली कर्नाटक CM सिद्धारमैया की मौजूदगी में किया सरेंडर - 6 NAXALITES SURRENDER IN BENGALURU

कर्नाटक के बेंगलुरु में छह नक्सली कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया की मौजूदगी में आत्मसमर्पण कर दिया है. जानें क्या बोले नक्सल नेता.

Six Naxalites will surrender in Bengaluru in presence of Chief Minister Siddaramaiah
छह नक्सली कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया की मौजूदगी में आत्मसमर्पण करेंगे (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : 18 hours ago

चिकमगलुरु/बेंगलुरु: कर्नाटक में छह नक्सली आज मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मौजूदगी में बेंगलुरु में सरेंडर कर दिया. नक्सलियों की आत्मसमर्पण प्रक्रिया बेंगलुरु में हुई. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में चिकमगलुरु की मुंडागरु लता, वनजाक्षी, दक्षिण कन्नड़ की सुंदरी, केरल की जीशा, तमिलनाडु की वसंता के और रायचूर के मरप्पा अरोली शामिल हैं.

बता दें कि, कर्नाटक के मलनाड और तटीय क्षेत्रों के जंगलों में ये छह नक्सली सक्रिय थे.सिद्धारमैया ने अपने आधिकारिक आवास कृष्णा में नक्सलियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह कर्नाटक में नक्सल आंदोलन का अंत है.

उन्होंने सभी को भारतीय संविधान की एक प्रति भेंट की. मुख्यमंत्री ने कहा, "राज्य सरकार नक्सलियों के आत्मसमर्पण और पुनर्वास योजना के तहत सभी लाभ प्रदान करेगी और उनके मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए फास्ट-ट्रैक कोर्ट स्थापित करेगी." उन्होंने कहा, "हमारी सरकार ने गरीबों के आर्थिक और सामाजिक उत्थान तथा उनके अधिकारों की सुरक्षा के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं. कांग्रेस की पांच गारंटी इसी उद्देश्य से शुरू की गई थी."

डिप्टी सीएम डी के शिवकुमार, गृह मंत्री जी परमेश्वर और आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के परिवार के सदस्य मौजूद थे. शिवकुमार ने घोषणा की कि छह नक्सलियों के आत्मसमर्पण के साथ ही कर्नाटक नक्सल आंदोलन से मुक्त हो गया है. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में वनजाक्षी, मंडागरू लता, सुंदरी, मारेप्पा अरोली, के वसंत और एन जीशा शामिल हैं.

केरल और तमिलनाडु से क्रमशः जिशा और के वसंत को छोड़कर, शेष चार कर्नाटक के रायचूर, चिकमगलुरु और दक्षिण कन्नड़ जिलों से हैं और कहा जाता है कि वे पिछले दो दशकों से नक्सल आंदोलन में सक्रिय थे.

पहले यह तय था कि छह नक्सली शहर में शांति मंच के तत्वावधान में जिला कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक के समक्ष आत्मसमर्पण करेंगे. हालांकि, सरकार की नक्सल आत्मसमर्पण और पुनर्वास समिति के समक्ष आत्मसमर्पण प्रक्रिया आयोजित करने के इरादे से अंतिम समय में आत्मसमर्पण प्रक्रिया चिकमगलुरु से बेंगलुरु ट्रांसफर कर दी गई है. शांति मंच के एक प्रमुख नेता केएल अशोक ने चिकमगलुरु से बेंगलुरु स्थानांतरित होने की जानकारी दी है. वहीं, दो नक्सली नेताओं ने आत्मसमर्पण के बारे में एक वीडियो के माध्यम से इस पर अपने विचार साझा किए हैं.

नक्सल नेता मरप्पा अरोली ने क्या कहा?
रायचूर जिले के मनवी तालुक के अरोली गांव के नक्सली मरप्पा अरोली ने एक वीडियो के माध्यम से इस बारे में बात की. उन्होंने कहा, "नागरिक अधिकार मंच और पुनर्वास संघ ने भी हमें मुख्यधारा में लाने के लिए कड़ी मेहनत की है. उन्होंने पुनर्वास पैकेज प्रदान करने और हमारी मांगों को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री से बातचीत की है. सीएम ने इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने सीएम से अनुरोध किया कि, उनके गृहनगर के जूनियर प्राइमरी स्कूल, जहां से उन्होंने पढ़ाई की, को पुनर्वास पैकेज का आधा हिस्सा ट्रांसफर कर दिया जाए.

नक्सल नेता मुंडागरू लता
इसी तरह, प्रमुख नक्सल नेता मुंडागरू लता ने भी एक वीडियो जारी किया है. उन्होंने अपनी भविष्य की आकांक्षाओं के बारे में बात की. लता ने चिकमगलुरु पहुंचने से पहले जंगल में आत्मसमर्पण करने के लिए तैयार छह नक्सलियों द्वारा आयोजित एक बैठक के बाद अपनी राय व्यक्त की.

उन्होंने कहा, "कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के छह नक्सलियों ने अपनी आखिरी सांस तक लोगों के लिए लड़ने का फैसला किया है. आयोजकों ने हमें मौजूदा वास्तविकताओं के बारे में आश्वस्त किया है और सरकार के साथ बातचीत करने की कोशिश की है. हम इस उम्मीद के साथ समाज की मुख्यधारा में आ रहे हैं कि राज्य सरकार हमारी मांगें पूरी करेगी."

ये भी पढ़ें: बस बहुत हो गया...हम और बर्दाश्त नहीं करेंगे, बीजापुर नक्सली हमले पर बोले राज्यपाल रमेन डेका

चिकमगलुरु/बेंगलुरु: कर्नाटक में छह नक्सली आज मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मौजूदगी में बेंगलुरु में सरेंडर कर दिया. नक्सलियों की आत्मसमर्पण प्रक्रिया बेंगलुरु में हुई. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में चिकमगलुरु की मुंडागरु लता, वनजाक्षी, दक्षिण कन्नड़ की सुंदरी, केरल की जीशा, तमिलनाडु की वसंता के और रायचूर के मरप्पा अरोली शामिल हैं.

बता दें कि, कर्नाटक के मलनाड और तटीय क्षेत्रों के जंगलों में ये छह नक्सली सक्रिय थे.सिद्धारमैया ने अपने आधिकारिक आवास कृष्णा में नक्सलियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह कर्नाटक में नक्सल आंदोलन का अंत है.

उन्होंने सभी को भारतीय संविधान की एक प्रति भेंट की. मुख्यमंत्री ने कहा, "राज्य सरकार नक्सलियों के आत्मसमर्पण और पुनर्वास योजना के तहत सभी लाभ प्रदान करेगी और उनके मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए फास्ट-ट्रैक कोर्ट स्थापित करेगी." उन्होंने कहा, "हमारी सरकार ने गरीबों के आर्थिक और सामाजिक उत्थान तथा उनके अधिकारों की सुरक्षा के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं. कांग्रेस की पांच गारंटी इसी उद्देश्य से शुरू की गई थी."

डिप्टी सीएम डी के शिवकुमार, गृह मंत्री जी परमेश्वर और आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के परिवार के सदस्य मौजूद थे. शिवकुमार ने घोषणा की कि छह नक्सलियों के आत्मसमर्पण के साथ ही कर्नाटक नक्सल आंदोलन से मुक्त हो गया है. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में वनजाक्षी, मंडागरू लता, सुंदरी, मारेप्पा अरोली, के वसंत और एन जीशा शामिल हैं.

केरल और तमिलनाडु से क्रमशः जिशा और के वसंत को छोड़कर, शेष चार कर्नाटक के रायचूर, चिकमगलुरु और दक्षिण कन्नड़ जिलों से हैं और कहा जाता है कि वे पिछले दो दशकों से नक्सल आंदोलन में सक्रिय थे.

पहले यह तय था कि छह नक्सली शहर में शांति मंच के तत्वावधान में जिला कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक के समक्ष आत्मसमर्पण करेंगे. हालांकि, सरकार की नक्सल आत्मसमर्पण और पुनर्वास समिति के समक्ष आत्मसमर्पण प्रक्रिया आयोजित करने के इरादे से अंतिम समय में आत्मसमर्पण प्रक्रिया चिकमगलुरु से बेंगलुरु ट्रांसफर कर दी गई है. शांति मंच के एक प्रमुख नेता केएल अशोक ने चिकमगलुरु से बेंगलुरु स्थानांतरित होने की जानकारी दी है. वहीं, दो नक्सली नेताओं ने आत्मसमर्पण के बारे में एक वीडियो के माध्यम से इस पर अपने विचार साझा किए हैं.

नक्सल नेता मरप्पा अरोली ने क्या कहा?
रायचूर जिले के मनवी तालुक के अरोली गांव के नक्सली मरप्पा अरोली ने एक वीडियो के माध्यम से इस बारे में बात की. उन्होंने कहा, "नागरिक अधिकार मंच और पुनर्वास संघ ने भी हमें मुख्यधारा में लाने के लिए कड़ी मेहनत की है. उन्होंने पुनर्वास पैकेज प्रदान करने और हमारी मांगों को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री से बातचीत की है. सीएम ने इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने सीएम से अनुरोध किया कि, उनके गृहनगर के जूनियर प्राइमरी स्कूल, जहां से उन्होंने पढ़ाई की, को पुनर्वास पैकेज का आधा हिस्सा ट्रांसफर कर दिया जाए.

नक्सल नेता मुंडागरू लता
इसी तरह, प्रमुख नक्सल नेता मुंडागरू लता ने भी एक वीडियो जारी किया है. उन्होंने अपनी भविष्य की आकांक्षाओं के बारे में बात की. लता ने चिकमगलुरु पहुंचने से पहले जंगल में आत्मसमर्पण करने के लिए तैयार छह नक्सलियों द्वारा आयोजित एक बैठक के बाद अपनी राय व्यक्त की.

उन्होंने कहा, "कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के छह नक्सलियों ने अपनी आखिरी सांस तक लोगों के लिए लड़ने का फैसला किया है. आयोजकों ने हमें मौजूदा वास्तविकताओं के बारे में आश्वस्त किया है और सरकार के साथ बातचीत करने की कोशिश की है. हम इस उम्मीद के साथ समाज की मुख्यधारा में आ रहे हैं कि राज्य सरकार हमारी मांगें पूरी करेगी."

ये भी पढ़ें: बस बहुत हो गया...हम और बर्दाश्त नहीं करेंगे, बीजापुर नक्सली हमले पर बोले राज्यपाल रमेन डेका

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.