जोधपुर. गुर्जर सहित पांच जातियों को आरक्षण प्रदान करने वाले एमबीसी आरक्षण विधेयक को चुनौती देने वाली याचिका पर राजस्थान उच्च न्यायालय में सोमवार को समयाभाव के चलते सुनवाई टल गई थी.आपको बता दें कि मुख्यन्यायाधीश एस रविंद्र भट्ट और न्यायाधीश पीएस भाटी की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आधे घंटे का समय दिया था. लेकिन याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिनव शर्मा ने कहा कि उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए अधिक समय चाहिए.
इसी पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वे इस मामले की लगातार सुनवाई करना चाहते हैं लेकिन 1 अगस्त से खंडपीठ के जस्टिस पीएस भाटी जयपुर बैठेंगे. ऐसे में वे कोशिश करेंगे कि वे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई कर सके.
इसको मद्देनजर रखकर मुख्यन्यायाधीश ने आईटी विभाग के अधिकारी को कोर्ट में बुलाकर वीडियो कांफ्रेंसिंग की संभावना पर बात की.
उन्होंने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं से बात कर के यह तय किया कि 1 और 2 अगस्त को सुनवाई होगी,अगर आवश्यकता पड़ी तो 3 अगस्त को वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई करेंगे. याचिकाकर्ता डॉ अरविंद शर्मा की ओर से अधिवक्ता डॉ अभिनव शर्मा मौजूद रहे. वहीं राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता एम एस सिंघवी के साथ अतिरिक्त महाधिवक्ता सत्येन्द्र राघव पक्ष रखने के लिए मौजूद रहे.
आपको बता दें कि गुर्जर आरक्षण के चलते राज्य सरकार ने 13 फरवरी को विधानसभा में आरक्षण विधेयक पेश कर गुर्जर सहित 5 जातियों को एमबीसी के तहत आरक्षण प्रदान किया.