जयपुर. प्रदेश के कारागृहों में बंदियों के पास मोबाइल या अन्य प्रतिबंधित सामग्री पाए जाने पर अब कैदियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा. इसके साथ ही उसका तत्काल अन्य कारागृह में स्थानांतरण कर दिया जाएगा. प्रदेश की सभी जेल शत-प्रतिशत ऑनलाइन है. वहीं, राजस्थान देश का एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां साल 2005 के बाद समस्त बंदियों के रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध है.
गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित सिंह की अध्यक्षता में सचिवालय में कारागार विभाग की समीक्षा बैठक हुई. इस बैठक में रोहित कुमार सिंह ने समस्त कारागृहों में मोबाइल सिमकार्ड और अन्य प्रतिबंधित सामग्री की रोकथाम के लिए सघन तलाशी अभियान संचालित करने के निर्देश दिए है. उन्होंने तलाशी की वीडियो रिकॉर्डिंग करने और संवेदनशील सारा ग्रुप पर स्टाफ को एक अवधि के बाद अनेक को स्थानांतरित करने के निर्देश दिए.
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महानिदेशक जेल बीएल सोनी में बताया कि प्रदेश में 10 केंद्रीय कारागृह, एक उच्च सुरक्षा कारागृह और 40 खुला बंदी मिलाकर कुल 145 कारागृह संचालित किए जा रहे हैं. प्रदेश में 105 कारागृह की ग्रुप क्षमता 21 हजार 525 और 40 बंदी खुला शिविर क्षमता 1432 है.
वर्तमान समय में प्रदेश में कुल 20 हजार 248 बंदी है. वहीं, कारागृह की सुरक्षा लिए 487 जेल प्रहरी कार्यरत है. साथ ही कारागृह की बाहरी सुरक्षा के लिए आरएसी के 781 जवान तैनात है. इस बैठक में महानिदेशक जेल बीएल सोनी सहित वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारीगण मौजूद रहे.