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प्रतिष्ठा द्वादशी पर आतिशबाजी के साथ हुई ठाकुर जी की आरती, मंदिरों में सजाई गई विशेष झांकी - RAM MANDIR PRANA PRATISHTHA

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ के मौके पर जयपुर के प्रचीन राम मंदिर में भव्य आतिशबाजी के साथ संध्या आरती की गई.

RAM MANDIR PRANA PRATISHTHA
राम मंदिर में भव्य आतिशबाजी (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 11, 2025, 10:22 PM IST

जयपुर : अयोध्या में भगवान श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ इस बार कैलेंडर वर्ष के बजाय हिंदी पंचांग के अनुसार मनाई गई. यह प्रतिष्ठा द्वादशी के रूप में पौष महीने की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाई गई. इस अवसर पर अयोध्या के श्री राम मंदिर में भव्य आयोजन हुआ. वहीं, भगवान श्री राम के वंशज माने जाने वाले सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा बसाए गए नगर जयपुर के राम मंदिरों में भी उत्साह के साथ प्रतिष्ठा द्वादशी मनाई गई.

जयपुर के प्राचीन श्री रामचंद्र जी मंदिर में भव्य आतिशबाजी के साथ संध्या आरती आयोजित की गई. इस दौरान ठाकुर जी और माता सीता को चांदी-मीना से सजे कमल पुष्प पहनाए गए. हिंदू पंचांग के अनुसार अयोध्या के राम मंदिर में भगवान श्रीरामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा को आज एक साल पूरा हो गया. 11 जनवरी को प्रतिष्ठा द्वादशी के रूप में इसे पूरे उत्साह के साथ मनाया गया.

मंदिरों में सजाई गई विशेष झांकी (ETV Bharat Jaipur)

इसे भी पढ़ें- राम मंदिर से लेकर बदनोर महल की फोटोकॉपी देखनी है तो आइए शिल्पग्राम मोहत्सव ,खाने को मिलेंगे गोहाना का 'जलेबा'

मंदिर में विशेष आयोजन : मंदिर के महंत नरेंद्र तिवाड़ी ने बताया कि पिछले साल 22 जनवरी को रामलला अपने मंदिर में विराजमान हुए थे, जिसे पूरे भारत में एक पर्व के रूप में मनाया गया. इस वर्ष भी प्रतिष्ठा द्वादशी के दिन जयपुर के प्राचीन श्री रामचंद्र जी मंदिर में ठाकुर जी को नवीन पोशाक पहनाई गई. विशेष भोग अर्पित किया गया और हाथों में चांदी-मीना के काम के कमल पुष्प धारण कराए गए. इस दिन को श्रद्धालुओं ने दीपावली जैसा माना और इसे दीप जलाकर मनाया. साथ ही बधाई गीतों का आयोजन हुआ और आतिशबाजी की गई. श्रद्धालुओं का कहना था कि इस प्रकार के दिन भविष्य में और भी आएं.

राम मंदिर में भव्य आतिशबाजी
जयपुर के प्राचीन राम मंदिर में भव्य आतिशबाजी (ETV Bharat Jaipur)

उधर, जयपुर के गुप्त वृंदावन धाम में भगवान कृष्ण और बलराम को विशेष धनुष-बाण के साथ अलंकरण कर अयोध्या के स्वर्णिम अध्याय का उल्लास मनाया गया. इस अवसर पर मंदिर परिसर में हरिनाम संकीर्तन और सुंदरकांड का आयोजन हुआ. इसके अतिरिक्त, नाहरगढ़ पहाड़ियों की तलहटी में स्थित ब्रह्मराम मंदिर और छोटी चौपड़ पर स्थित सीताराम जी मंदिर में भी इस दिन के अवसर पर विशेष आयोजन किए गए.

जयपुर : अयोध्या में भगवान श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ इस बार कैलेंडर वर्ष के बजाय हिंदी पंचांग के अनुसार मनाई गई. यह प्रतिष्ठा द्वादशी के रूप में पौष महीने की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाई गई. इस अवसर पर अयोध्या के श्री राम मंदिर में भव्य आयोजन हुआ. वहीं, भगवान श्री राम के वंशज माने जाने वाले सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा बसाए गए नगर जयपुर के राम मंदिरों में भी उत्साह के साथ प्रतिष्ठा द्वादशी मनाई गई.

जयपुर के प्राचीन श्री रामचंद्र जी मंदिर में भव्य आतिशबाजी के साथ संध्या आरती आयोजित की गई. इस दौरान ठाकुर जी और माता सीता को चांदी-मीना से सजे कमल पुष्प पहनाए गए. हिंदू पंचांग के अनुसार अयोध्या के राम मंदिर में भगवान श्रीरामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा को आज एक साल पूरा हो गया. 11 जनवरी को प्रतिष्ठा द्वादशी के रूप में इसे पूरे उत्साह के साथ मनाया गया.

मंदिरों में सजाई गई विशेष झांकी (ETV Bharat Jaipur)

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मंदिर में विशेष आयोजन : मंदिर के महंत नरेंद्र तिवाड़ी ने बताया कि पिछले साल 22 जनवरी को रामलला अपने मंदिर में विराजमान हुए थे, जिसे पूरे भारत में एक पर्व के रूप में मनाया गया. इस वर्ष भी प्रतिष्ठा द्वादशी के दिन जयपुर के प्राचीन श्री रामचंद्र जी मंदिर में ठाकुर जी को नवीन पोशाक पहनाई गई. विशेष भोग अर्पित किया गया और हाथों में चांदी-मीना के काम के कमल पुष्प धारण कराए गए. इस दिन को श्रद्धालुओं ने दीपावली जैसा माना और इसे दीप जलाकर मनाया. साथ ही बधाई गीतों का आयोजन हुआ और आतिशबाजी की गई. श्रद्धालुओं का कहना था कि इस प्रकार के दिन भविष्य में और भी आएं.

राम मंदिर में भव्य आतिशबाजी
जयपुर के प्राचीन राम मंदिर में भव्य आतिशबाजी (ETV Bharat Jaipur)

उधर, जयपुर के गुप्त वृंदावन धाम में भगवान कृष्ण और बलराम को विशेष धनुष-बाण के साथ अलंकरण कर अयोध्या के स्वर्णिम अध्याय का उल्लास मनाया गया. इस अवसर पर मंदिर परिसर में हरिनाम संकीर्तन और सुंदरकांड का आयोजन हुआ. इसके अतिरिक्त, नाहरगढ़ पहाड़ियों की तलहटी में स्थित ब्रह्मराम मंदिर और छोटी चौपड़ पर स्थित सीताराम जी मंदिर में भी इस दिन के अवसर पर विशेष आयोजन किए गए.

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