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ऑस्ट्रेलियाई नागरिक पति को कोर्ट ने 1.20 लाख रुपए प्रति माह भरण पोषण देने का आदेश दिया - ORDER FOR MAINTENANCE

जोधपुर कोर्ट ने घरेलू हिंसा के मामले में पति को पत्नी और बच्चों के लिए 1.20 लाख रुपये मासिक भरण पोषण देने का आदेश दिया.

भरण पोषण देने का आदेश
भरण पोषण देने का आदेश (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 11, 2025, 10:56 PM IST

जोधपुर : जिले के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या तीन महेंद्र शर्मा ने घरेलू हिंसा के एक मामले में एक पति को उसकी पत्नी और दो नाबालिग बच्चों के लिए 1 लाख 20 हजार रुपए प्रतिमाह अंतरिम भरण पोषण देने का आदेश दिया है. यह मामला प्रार्थिया पत्नी द्वारा घरेलू हिंसा से संरक्षण अधिनियम की धारा 12 और 23 के तहत दायर किए गए परिवाद पर आधारित था.

पत्नी ने कोर्ट में कहा कि उसकी शादी 2008 में जोधपुर निवासी ऑस्ट्रेलियाई नागरिक से हिंदू रीति रिवाज से हुई थी और उनके दो बच्चे भी हैं. विवाह के बाद पति और ससुराल वालों ने दहेज और अन्य कारणों से पत्नी को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया. पति की ओर से इस मामले में कोई जवाब नहीं दिया गया. पत्नी ने कोर्ट में यह भी बताया कि उसके पति का कई देशों में व्यापार है और उनकी मासिक आय लाखों रुपए है.

इसे भी पढ़ें- कोर्ट का आदेश- पत्नी के साथ घरेलू हिंसा नहीं करे पति ,भरण-पोषण के लिए हर महीने 60 हजार रुपए भी दे - Judicial Magistrate ordered

घरेलू हिंसा नहीं करने का आदेश : इस जानकारी को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने दोनों पक्षों के आर्थिक स्थिति और पति की भुगतान क्षमता को देखा और आदेश दिया कि वह हर महीने 10 तारीख तक 1.20 लाख रुपए पत्नी और बच्चों को भरण पोषण के रूप में प्रदान करे. इसके साथ ही कोर्ट ने पति को पत्नी और बच्चों के साथ घरेलू हिंसा नहीं करने का आदेश भी दिया.

जोधपुर : जिले के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या तीन महेंद्र शर्मा ने घरेलू हिंसा के एक मामले में एक पति को उसकी पत्नी और दो नाबालिग बच्चों के लिए 1 लाख 20 हजार रुपए प्रतिमाह अंतरिम भरण पोषण देने का आदेश दिया है. यह मामला प्रार्थिया पत्नी द्वारा घरेलू हिंसा से संरक्षण अधिनियम की धारा 12 और 23 के तहत दायर किए गए परिवाद पर आधारित था.

पत्नी ने कोर्ट में कहा कि उसकी शादी 2008 में जोधपुर निवासी ऑस्ट्रेलियाई नागरिक से हिंदू रीति रिवाज से हुई थी और उनके दो बच्चे भी हैं. विवाह के बाद पति और ससुराल वालों ने दहेज और अन्य कारणों से पत्नी को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया. पति की ओर से इस मामले में कोई जवाब नहीं दिया गया. पत्नी ने कोर्ट में यह भी बताया कि उसके पति का कई देशों में व्यापार है और उनकी मासिक आय लाखों रुपए है.

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घरेलू हिंसा नहीं करने का आदेश : इस जानकारी को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने दोनों पक्षों के आर्थिक स्थिति और पति की भुगतान क्षमता को देखा और आदेश दिया कि वह हर महीने 10 तारीख तक 1.20 लाख रुपए पत्नी और बच्चों को भरण पोषण के रूप में प्रदान करे. इसके साथ ही कोर्ट ने पति को पत्नी और बच्चों के साथ घरेलू हिंसा नहीं करने का आदेश भी दिया.

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