जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार 17 दिसंबर को अपने कार्यकाल के 2 वर्ष पूरे करने जा रही है. ऐसे में अपने 2 साल के कार्यकाल को लेकर प्रदेश के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि बीते 2 साल में कोविड-19 संक्रमण सरकार और चिकित्सा विभाग के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण रहा है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने दावा किया है कि सरकार और चिकित्सा विभाग ने बड़े ही शानदार तरीके से कोविड-19 संक्रमण को लेकर काम किया है और समय रहते इस महामारी पर लगाम लगाना संभव हो सका.
चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि प्रदेश में जब पहला कोविड-19 संक्रमण का मामला सामने आया तो सरकार के पास इसी तरह की कोई तैयारी नहीं थी, लेकिन बीते 9 महीने में सरकार की ओर से काफी बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर लिया गया है.
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प्रदेश में पहले कोविड-19 जांच के लिए किसी भी तरह की कोई लैब सरकार के पास नहीं थी, लेकिन मौजूदा समय में प्रदेश में 50 सरकारी और प्राइवेट क्षेत्र की लैब काम कर रही है जहां कोविड-19 जांचें की जा रही है. इसके अलावा बीते 9 महीने में सरकार की ओर से प्रत्येक जिले में डेडिकेटेड कोविड-19 हॉस्पिटल भी तैयार किए गए हैं, जहां सिर्फ कोविड-19 संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा रहा है.
दरें की कम...
रघु शर्मा ने बताया कि प्रदेश में कोविड-19 की जांच सरकारी अस्पतालों और लैब में निशुल्क की जा रही है, लेकिन कोविड-19 के शुरुआती चरण में यह जांच प्राइवेट लैब में करीब 5000 रुपए तक की जा रही थी. प्रदेश की गहलोत सरकार ने बीते 9 महीने में इन प्राइवेट लैब में जांच की दरों को काफी कम किया है और हाल ही में सरकार ने एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि प्रदेश में अब कोविड-19 जांच 700 रुपए में की जाएगी, जिससे आमजन को काफी राहत भी मिली है.
पोस्ट कोविड क्लीनिक...
चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण से पीड़ित व्यक्ति के लिए सरकार की ओर से डेडिकेटेड कोविड-19 सेंटर खोले गए, लेकिन जब मरीजों में कोरोना संक्रमण ठीक हो गया तो मरीज कई गंभीर बीमारियों से घिर गया. ऐसे में इस तरह के मरीजों के इलाज के लिए सरकार की ओर से पोस्ट कोविड क्लीनिक खोले गए हैं, जहां गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों का इलाज किया जा रहा है.