जयपुर. राजस्थान में बीते साल जुलाई महीने में जो राजनीतिक उठापटक हुई थी, उसके बाद राजस्थान कांग्रेस संगठन के सभी 39 जिला अध्यक्षों और उनकी कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया था. इन कार्यकारिणीयों को भंग हुए अब 9 महीने से ज्यादा का समय हो चुका है लेकिन अब तक कांग्रेस पार्टी की नए जिलाध्यक्षों की खोज पूरी नहीं हो सकी है. हालात ये हैं कि कई बार प्रभारी पदाधिकारियों को बोलने के बावजूद अब तक 9 जिलों के पदाधिकारियों ने तो जिला अध्यक्षों के नामों के पैनल एआईसीसी प्रभारी अजय माकन को नहीं भिजवाए हैं.
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जबकि अजय माकन ने पदाधिकारियों की बैठक में जिला अध्यक्षों के नाम लाने के लिए पदाधिकारियों को कह दिया था. 10 जिलों से अभी नाम नहीं गये हैं.12 जिलों में आगामी पंचायती राज चुनाव के चलते नाम नहीं घोषित किए जाएंगे. ऐसे में अभी केवल 18 जिलों के ही पैनल दिल्ली पहुंचे हैं. राजस्थान में कांग्रेस संगठन के कुल 39 जिला अध्यक्ष और जिला कार्यकारिणी बनती हैं. इनमें से जिन 12 जिलों में अभी पंचायती राज चुनाव पेंडिंग हैं. वहां निवर्तमान जिला अध्यक्ष से ही काम चलाया जाएगा और उन 12 जिलों के पैनल अभी मांगे भी नहीं गए हैं. तो वहीं बाकी बचे 27 जिलों में जहां कांग्रेस पार्टी जल्द से जल्द जिला अध्यक्ष और जिला कार्यकारिणी घोषित करना चाहती है. उनमें से भी 9 जिले ऐसे हैं जहां नामों के पैनल को लेकर एकमत नहीं बन सका है.
जहां अब तक जिला अध्यक्ष के नामों के पैनल पर सहमति नहीं बनी है उन जिलों में सीकर, अजमेर, जोधपुर, नागौर ,सीकर, जयपुर ग्रामीण, राजसमंद, भीलवाड़ा और चूरू शामिल हैं. प्रदेश में अब तक कांग्रेस के 39 जिला अध्यक्ष होते थे. लेकिन अब इस बात की तैयारी चल रही है कि जिलों की संख्या जनसंख्या को देखते हुए बढ़ाई जाए. ऐसे में सबसे पहला परिवर्तन जयपुर शहर में हो सकता है. जहां दो जिला अध्यक्ष बन सकते हैं. एक जयपुर ग्रेटर का और एक जयपुर हेरिटेज का हालांकि इसके लिए राजस्थान कांग्रेस की ओर से एआईसीसी को लिखा जा चुका है लेकिन अंतिम निर्णय एआईसीसी लेगी.