बेंगलुरु : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शनिवार को कहा कि वह जिन दो ‘स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट’ (स्पैडेक्स) उपग्रहों को कक्षा में एकीकृत करना चाहता है, उनके बीच वर्तमान में 230 मीटर की दूरी है तथा वे ‘सामान्य’ हालत में हैं.
शुक्रवार शाम उपग्रहों के बीच की दूरी 1.5 किलोमीटर थी. अंतरिक्ष एजेंसी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘सभी सेंसर का मूल्यांकन किया जा रहा है. अंतरिक्ष यान की स्थिति सामान्य है.’’ हालांकि, अंतरिक्ष एजेंसी ने ‘डॉकिंग’ प्रयोगों के संचालन की तारीख के बारे में कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई है, जो उपग्रहों को अंतरिक्ष में एकीकृत करेगा.
SpaDeX Status Update:
— ISRO (@isro) January 11, 2025
Arrested at Inter Satellite Distance (ISD) of 230 m, all sensors are being evaluated. Spacecraft's health is normal.#SPADEX #ISRO
स्पैडेक्स परियोजना पहले ही 7 और 9 जनवरी को ‘डॉकिंग’ प्रयोगों के लिए घोषित दो समय सीमा को चूक गई है. इसरो ने 30 दिसंबर को स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (स्पैडेक्स) मिशन को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजा था.
इसरो के अनुसार, स्पैडेक्स मिशन दो छोटे अंतरिक्ष यान का उपयोग कर अंतरिक्ष में डॉकिंग के लिए एक किफायती प्रौद्योगिकी मिशन है जिसे पीएसएलवी के जरिये लॉन्च किया गया था.
यह प्रौद्योगिकी भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं जैसे चंद्रमा पर भारतीय मिशन, चंद्रमा से नमूने वापस लाना, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (बीएएस) का निर्माण और संचालन आदि के लिए आवश्यक है. इस मिशन के माध्यम से, भारत अंतरिक्ष डॉकिंग प्रौद्योगिकी रखने वाला दुनिया का चौथा देश बनने की ओर अग्रसर है.
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