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देवगुरु बृहस्पति करेंगे राशि परिवर्तन... इन राशियों की होने वाली है मौज, बरसेगा धन ही धन! - TRANSITS OF DEVGURU JUPITER 2025

साल 2025 में गुरु का गोचर बहुत ही खास होने वाला है. ज्योतिषाचार्य से जानते हैं कि गुरु के गोचर का क्या सकारात्मक प्रभाव होगा?

देवगुरु बृहस्पति करेंगे राशि परिवर्तन
देवगुरु बृहस्पति करेंगे राशि परिवर्तन (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 13, 2025, 1:18 PM IST

हैदराबाद: वैदिक ज्योतिष शास्त्र में गुरु ग्रह का विशेष महत्व है. गुरु को शुभ, अच्छा फल देने वाला और सौम्य ग्रह माना जाता है. ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र के अनुसार, देवगुरु बृहस्पति को धनु और मीन राशियों का स्वामित्व प्राप्त है, जबकि कर्क राशि में वे उच्च के होते हैं. गुरु ग्रह जातक के जीवन में विवाह, शिक्षा, संतान, धन, धर्म और करियर जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को प्रभावित करते हैं.

ज्योतिषाचार्य के अनुसार, शनिदेव के बाद गुरु ग्रह दूसरे ऐसे ग्रह हैं जिनकी चाल सबसे धीमी होती है. गुरु ग्रह प्रत्येक राशि में लगभग 13 महीनों तक रहते हैं, जिसके बाद वे दूसरी राशि में गोचर करते हैं. देवगुरु बृहस्पति कर्क राशि में उच्च के और मकर राशि में नीच के माने जाते हैं. साल 2025 में गुरु ग्रह राशि परिवर्तन करने वाले हैं.

वर्ष 2025 में गुरु ग्रह की चाल इस प्रकार रहेगी

  • 15 मई, 2025: गुरु ग्रह मिथुन राशि में गोचर करेंगे.
  • 19 अक्टूबर, 2025: गुरु ग्रह कर्क राशि में गोचर करेंगे और अपनी उच्च अवस्था में होंगे.
  • 11 नवंबर, 2025: गुरु ग्रह कर्क राशि में वक्री हो जाएंगे.
  • 04 दिसंबर, 2025: गुरु ग्रह वक्री अवस्था में ही मिथुन राशि में पुनः गोचर करेंगे.
  • 09 जून, 2025: गुरु अस्त हो जाएंगे.
  • 09 जुलाई, 2025: गुरु उदय हो जाएंगे.

गुरु के गोचर का राशियों पर प्रभाव
साल 2025 में गुरु के गोचर का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा. गुरु के कर्क राशि में उच्च के होने से कुछ राशियों को विशेष लाभ मिलेगा. गुरु के गोचर का सभी राशियों पर किस प्रकार प्रभाव पड़ेगा, इसका ज्योतिषीय विश्लेषण नीचे दिया गया है.

मेष राशि
मेष राशि, जो कि राशिचक्र की प्रथम राशि है, के लिए गुरु नवम (भाग्य और धर्म का भाव) और द्वादश (व्यय का भाव) भावों के स्वामी होते हैं. वर्ष 2025 में गुरु का गोचर आपकी राशि से तृतीय भाव में होगा, जो कि साहस और पराक्रम का प्रतिनिधित्व करता है. इस गोचर के दौरान, बृहस्पति तृतीय भाव में स्थित होकर सप्तम, नवम और एकादश भावों पर अपनी शुभ दृष्टि डालेंगे. वर्ष 2025 में गुरु के इस राशि परिवर्तन का मेष राशि के जातकों पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा. आपके भाग्य में वृद्धि की प्रबल संभावना है और धार्मिक यात्राओं की संख्या बढ़ेगी. व्यापार में उन्नति और धन लाभ के भी शुभ संकेत हैं. देवगुरु बृहस्पति की शुभ दृष्टि से व्यापार में प्रगति, वैवाहिक जीवन में सुख-शांति, कार्यों में सफलता और आय में वृद्धि के योग बनेंगे. समाज में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा. इसके अतिरिक्त, अविवाहित लोगों के लिए 2025 में विवाह होने की संभावना है.

वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए 2025 में बृहस्पति का गोचर उल्लेखनीय प्रगति प्राप्त करने में सहायक होगा. नौकरी और व्यवसाय में उन्नति के अवसर मिलने की उम्मीद है, साथ ही वित्तीय लाभ भी होगा. वृषभ राशि के लिए 8वें और 11वें भाव पर शासन करने वाला बृहस्पति 2025 में मिथुन राशि में प्रवेश करेगा और आपके दूसरे भाव (धन का भाव) में प्रवेश करेगा. दूसरा भाव वित्त, वाणी, परिवार और संचित धन से संबंधित है. 2025 में मिथुन राशि में बृहस्पति के प्रवेश के साथ, यह वृषभ राशि के लिए दूसरे भाव में स्थित होगा और अपनी दृष्टि से 6वें, 8वें और 10वें भाव को प्रभावित करेगा. यह गोचर पैतृक संपत्ति, अचानक वित्तीय लाभ और व्यवसाय में अच्छा मुनाफा ला सकता है. वैवाहिक जीवन में खुशी और बच्चों की खुशी की उम्मीद करें. हालांकि, 2025 में, आपको धन संचय करने में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.

मिथुन राशि
साल 2025 मिथुन राशि वालों के लिए देवगुरु बृहस्पति के गोचर के कारण अत्यंत शुभ रहने की संभावना है. गुरु का यह गोचर मिथुन राशि के जातकों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा. जो दंपति संतान प्राप्ति की कामना कर रहे हैं, उनकी इच्छा पूरी हो सकती है. लग्न भाव में गुरु का गोचर आपके विचारों और व्यक्तित्व को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा. गुरु की दृष्टि पंचम भाव पर होने से छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलता मिलेगी. सप्तम भाव पर गुरु की दृष्टि दांपत्य जीवन में खुशियां लाएगी. पूरे वर्ष भाग्य आपके साथ रहेगा, जिससे रुके हुए काम पूरे होंगे. विवाह इच्छुक जातकों के लिए 2025 में विवाह होने की प्रबल संभावना है. धन संबंधी परेशानियां दूर होंगी. नौकरी के अच्छे अवसर मिलेंगे और व्यापार में लाभ और तरक्की के योग बनेंगे.

कर्क राशि
साल 2025 में गुरु ग्रह का गोचर कर्क राशि के जातकों के लिए बारहवें भाव में होगा. वैदिक ज्योतिष के अनुसार, गुरु कर्क राशि के लिए छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं. कुंडली का बारहवां भाव व्यय, हानि और आध्यात्मिकता को दर्शाता है. जब देवगुरु बृहस्पति मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे, तो उनकी शुभ दृष्टि आपके चौथे, छठे और आठवें भाव पर पड़ेगी. साल 2025 में गुरु के बारहवें भाव में गोचर के कारण धर्म और कर्म के प्रति आपकी रुचि बढ़ेगी. आप धार्मिक गतिविधियों में खुलकर दान करेंगे और धार्मिक यात्राएं करने की भी संभावना है. इसके अतिरिक्त, परिवार में सुख-सुविधाएं बढ़ेंगी और आपको शुभ समाचार प्राप्त हो सकते हैं. भाग्य का साथ मिलेगा, शिक्षा अच्छी रहेगी, घर में शांति बनी रहेगी और वैवाहिक जीवन सुखमय रहेगा.

सिंह राशि
सिंह राशि, जो राशिचक्र की पांचवीं राशि है, के जातकों के लिए गुरु, पंचम और अष्टम भाव के स्वामी हैं. साल 2025 में गुरु का मिथुन राशि में गोचर होने से यह सिंह राशि के एकादश भाव में प्रवेश करेंगे. एकादश भाव इच्छापूर्ति और आय का प्रतिनिधित्व करता है. इस गोचर के परिणामस्वरूप, सिंह राशि वालों के लिए जीवन में सफलता मिलने की प्रबल संभावना है.

कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए साल 2025 कार्यक्षेत्र में चतुराई से काम लेने का समय है. कन्या राशि के लिए गुरु चौथे और सप्तम भाव के स्वामी हैं. साल 2025 में मिथुन राशि में गोचर करते हुए गुरु कन्या राशि के दशम भाव में प्रवेश करेंगे. दशम भाव कर्म का प्रतीक है, इसलिए कन्या राशि के जातकों को अपने कार्यक्षेत्र में कुछ छोटी-मोटी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.

तुला राशि
2025 में गुरु का मिथुन राशि में गोचर आपके नवम भाव (भाग्य भाव) में होगा. तुला राशि के लोगों के लिए, गुरु तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं. गुरु का नवम भाव में गोचर भाग्य में वृद्धि करेगा और आपको धार्मिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित करेगा. आपको अपने प्रयासों में अच्छी सफलता मिलने की संभावना है.

वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों के लिए वर्ष 2025 में गुरु का गोचर अनुकूल नहीं रहने की संभावना है. कार्यस्थल पर कुछ बाधाएं आ सकती हैं. वृश्चिक राशि के लिए गुरु दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं, और 2025 में मिथुन राशि में गोचर करते हुए यह आपके आठवें भाव में स्थित होंगे. यह गोचर आपके लिए शुभ फलदायी नहीं कहा जा सकता है. संभावित है कि बने बनाए काम भी अटक जाएं या बिगड़ जाएं.

धनु राशि
धनु राशि में जन्म लेने वालों के लिए, देव गुरु बृहस्पति पहले और चौथे भाव पर शासन करते हैं. 2025 में, बृहस्पति मिथुन राशि में गोचर करेगा और आपके सातवें भाव में विराजमान होगा. इस स्थिति से, बृहस्पति आपके ग्यारहवें, पहले और तीसरे भाव पर अपनी शुभ दृष्टि डालेगा. बृहस्पति का सातवें भाव में गोचर धनु राशि वालों के लिए सौभाग्य की अवधि का संकेत देता है. जन्म कुंडली का सातवां भाव साझेदारी और जीवनसाथी का प्रतिनिधित्व करता है. इसलिए, संयुक्त व्यवसाय में शामिल लोग 2025 में बृहस्पति से महत्वपूर्ण लाभ की उम्मीद कर सकते हैं. इसके अलावा, अविवाहित व्यक्ति खुद को विवाह के बंधन में बंधते हुए पा सकते हैं. 2025 में बृहस्पति का गोचर धनु राशि के जातकों के जीवन में मिठास और समृद्धि लाएगा. आय में वृद्धि के संकेत हैं. कुल मिलाकर, बृहस्पति का प्रभाव धनु राशि वालों के लिए अत्यधिक शुभ साबित होगा.

मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए, वर्ष 2025 में बृहस्पति का गोचर मिश्रित परिणाम लेकर आएगा. तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी बृहस्पति, जिन्हें देवगुरु बृहस्पति के नाम से भी जाना जाता है, आपकी राशि से छठे भाव में गोचर करेंगे. छठे भाव में यह गोचर आपके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, जिससे वर्ष के कुछ महीनों में स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां हो सकती हैं. हालांकि, सकारात्मक पक्ष यह है कि आपको अनुकूल नौकरी के प्रस्ताव मिल सकते हैं. खर्चों में भी वृद्धि होने की संभावना है. आप अपने जीवनसाथी से मजबूत सहयोग की उम्मीद कर सकते हैं. अविवाहित व्यक्तियों को विवाह के अवसर मिल सकते हैं. आपकी नौकरी में पदोन्नति और आपके व्यवसाय में अच्छे लाभ की भी संभावना है. बृहस्पति के छठे भाव में स्थित होने के कारण, इसकी दृष्टि आपके दसवें, बारहवें और दूसरे भाव पर पड़ेगी.

कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए 2025 में बृहस्पति का गोचर महत्वपूर्ण आर्थिक समृद्धि, प्रयासों में सफलता, इच्छाओं की पूर्ति और आय में पर्याप्त वृद्धि लेकर आएगा. कुंभ राशि के लिए दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी के रूप में, 14 मई, 2025 को आपकी राशि से पांचवें भाव में बृहस्पति का गोचर विशेष महत्व रखता है. ज्योतिष में पांचवां भाव ज्ञान, संतान और समग्र सुख से जुड़ा होता है. यह गोचर नौकरीपेशा लोगों के लिए सकारात्मक है. अपने करियर में पदोन्नति, प्रतिष्ठा में वृद्धि और वेतन वृद्धि सहित अनुकूल विकास होगा. पांचवें भाव में बृहस्पति का स्थान आपकी राशि से नौवें, ग्यारहवें और पहले भाव पर अपनी शुभ दृष्टि डालेगा.

मीन राशि
साल 2025 में गुरु का गोचर मीन राशि वालों के लिए काफी अहम रहने वाला होगा. देवगुरु बृहस्पति आपकी राशि के स्वामी होने के साथ-साथ दशम भाव के स्वामी होते हैं और इनका गोचर साल 2025 में आपकी राशि से चौथे भाव में होने जा रहा है. यह गोचर आपके जीवन में उतार-चढ़ाव को देखने को मिलेगा. कार्यक्षेत्र में आपको अपने वरिष्ठ अधिकारियों संग सामंजस्य बनाना होगा. कार्य में अच्छा परिणाम प्राप्त करने के लिए आपको ज्यादा मेहनत करने की जररूत होगी. देवगुरु बृहस्पति आपके चौथे भाव में विराजमान होकर आपके अष्टम भाव, दशम और द्वादश भाव पर अपनी द्दष्टि डालेंगे. यहां से गुरु आपके खर्चों में वृद्धि, आयु में वृद्धि और दांपत्य जीवन में अच्छा परिणाम देंगे.

यह भी पढ़ें- आज का राशिफल: मिथुन राशि के जातकों को मिलेगी हर कार्य में सफलता, किसी प्रिय से होगी मुलाकात

हैदराबाद: वैदिक ज्योतिष शास्त्र में गुरु ग्रह का विशेष महत्व है. गुरु को शुभ, अच्छा फल देने वाला और सौम्य ग्रह माना जाता है. ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र के अनुसार, देवगुरु बृहस्पति को धनु और मीन राशियों का स्वामित्व प्राप्त है, जबकि कर्क राशि में वे उच्च के होते हैं. गुरु ग्रह जातक के जीवन में विवाह, शिक्षा, संतान, धन, धर्म और करियर जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को प्रभावित करते हैं.

ज्योतिषाचार्य के अनुसार, शनिदेव के बाद गुरु ग्रह दूसरे ऐसे ग्रह हैं जिनकी चाल सबसे धीमी होती है. गुरु ग्रह प्रत्येक राशि में लगभग 13 महीनों तक रहते हैं, जिसके बाद वे दूसरी राशि में गोचर करते हैं. देवगुरु बृहस्पति कर्क राशि में उच्च के और मकर राशि में नीच के माने जाते हैं. साल 2025 में गुरु ग्रह राशि परिवर्तन करने वाले हैं.

वर्ष 2025 में गुरु ग्रह की चाल इस प्रकार रहेगी

  • 15 मई, 2025: गुरु ग्रह मिथुन राशि में गोचर करेंगे.
  • 19 अक्टूबर, 2025: गुरु ग्रह कर्क राशि में गोचर करेंगे और अपनी उच्च अवस्था में होंगे.
  • 11 नवंबर, 2025: गुरु ग्रह कर्क राशि में वक्री हो जाएंगे.
  • 04 दिसंबर, 2025: गुरु ग्रह वक्री अवस्था में ही मिथुन राशि में पुनः गोचर करेंगे.
  • 09 जून, 2025: गुरु अस्त हो जाएंगे.
  • 09 जुलाई, 2025: गुरु उदय हो जाएंगे.

गुरु के गोचर का राशियों पर प्रभाव
साल 2025 में गुरु के गोचर का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा. गुरु के कर्क राशि में उच्च के होने से कुछ राशियों को विशेष लाभ मिलेगा. गुरु के गोचर का सभी राशियों पर किस प्रकार प्रभाव पड़ेगा, इसका ज्योतिषीय विश्लेषण नीचे दिया गया है.

मेष राशि
मेष राशि, जो कि राशिचक्र की प्रथम राशि है, के लिए गुरु नवम (भाग्य और धर्म का भाव) और द्वादश (व्यय का भाव) भावों के स्वामी होते हैं. वर्ष 2025 में गुरु का गोचर आपकी राशि से तृतीय भाव में होगा, जो कि साहस और पराक्रम का प्रतिनिधित्व करता है. इस गोचर के दौरान, बृहस्पति तृतीय भाव में स्थित होकर सप्तम, नवम और एकादश भावों पर अपनी शुभ दृष्टि डालेंगे. वर्ष 2025 में गुरु के इस राशि परिवर्तन का मेष राशि के जातकों पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा. आपके भाग्य में वृद्धि की प्रबल संभावना है और धार्मिक यात्राओं की संख्या बढ़ेगी. व्यापार में उन्नति और धन लाभ के भी शुभ संकेत हैं. देवगुरु बृहस्पति की शुभ दृष्टि से व्यापार में प्रगति, वैवाहिक जीवन में सुख-शांति, कार्यों में सफलता और आय में वृद्धि के योग बनेंगे. समाज में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा. इसके अतिरिक्त, अविवाहित लोगों के लिए 2025 में विवाह होने की संभावना है.

वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए 2025 में बृहस्पति का गोचर उल्लेखनीय प्रगति प्राप्त करने में सहायक होगा. नौकरी और व्यवसाय में उन्नति के अवसर मिलने की उम्मीद है, साथ ही वित्तीय लाभ भी होगा. वृषभ राशि के लिए 8वें और 11वें भाव पर शासन करने वाला बृहस्पति 2025 में मिथुन राशि में प्रवेश करेगा और आपके दूसरे भाव (धन का भाव) में प्रवेश करेगा. दूसरा भाव वित्त, वाणी, परिवार और संचित धन से संबंधित है. 2025 में मिथुन राशि में बृहस्पति के प्रवेश के साथ, यह वृषभ राशि के लिए दूसरे भाव में स्थित होगा और अपनी दृष्टि से 6वें, 8वें और 10वें भाव को प्रभावित करेगा. यह गोचर पैतृक संपत्ति, अचानक वित्तीय लाभ और व्यवसाय में अच्छा मुनाफा ला सकता है. वैवाहिक जीवन में खुशी और बच्चों की खुशी की उम्मीद करें. हालांकि, 2025 में, आपको धन संचय करने में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.

मिथुन राशि
साल 2025 मिथुन राशि वालों के लिए देवगुरु बृहस्पति के गोचर के कारण अत्यंत शुभ रहने की संभावना है. गुरु का यह गोचर मिथुन राशि के जातकों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा. जो दंपति संतान प्राप्ति की कामना कर रहे हैं, उनकी इच्छा पूरी हो सकती है. लग्न भाव में गुरु का गोचर आपके विचारों और व्यक्तित्व को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा. गुरु की दृष्टि पंचम भाव पर होने से छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलता मिलेगी. सप्तम भाव पर गुरु की दृष्टि दांपत्य जीवन में खुशियां लाएगी. पूरे वर्ष भाग्य आपके साथ रहेगा, जिससे रुके हुए काम पूरे होंगे. विवाह इच्छुक जातकों के लिए 2025 में विवाह होने की प्रबल संभावना है. धन संबंधी परेशानियां दूर होंगी. नौकरी के अच्छे अवसर मिलेंगे और व्यापार में लाभ और तरक्की के योग बनेंगे.

कर्क राशि
साल 2025 में गुरु ग्रह का गोचर कर्क राशि के जातकों के लिए बारहवें भाव में होगा. वैदिक ज्योतिष के अनुसार, गुरु कर्क राशि के लिए छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं. कुंडली का बारहवां भाव व्यय, हानि और आध्यात्मिकता को दर्शाता है. जब देवगुरु बृहस्पति मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे, तो उनकी शुभ दृष्टि आपके चौथे, छठे और आठवें भाव पर पड़ेगी. साल 2025 में गुरु के बारहवें भाव में गोचर के कारण धर्म और कर्म के प्रति आपकी रुचि बढ़ेगी. आप धार्मिक गतिविधियों में खुलकर दान करेंगे और धार्मिक यात्राएं करने की भी संभावना है. इसके अतिरिक्त, परिवार में सुख-सुविधाएं बढ़ेंगी और आपको शुभ समाचार प्राप्त हो सकते हैं. भाग्य का साथ मिलेगा, शिक्षा अच्छी रहेगी, घर में शांति बनी रहेगी और वैवाहिक जीवन सुखमय रहेगा.

सिंह राशि
सिंह राशि, जो राशिचक्र की पांचवीं राशि है, के जातकों के लिए गुरु, पंचम और अष्टम भाव के स्वामी हैं. साल 2025 में गुरु का मिथुन राशि में गोचर होने से यह सिंह राशि के एकादश भाव में प्रवेश करेंगे. एकादश भाव इच्छापूर्ति और आय का प्रतिनिधित्व करता है. इस गोचर के परिणामस्वरूप, सिंह राशि वालों के लिए जीवन में सफलता मिलने की प्रबल संभावना है.

कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए साल 2025 कार्यक्षेत्र में चतुराई से काम लेने का समय है. कन्या राशि के लिए गुरु चौथे और सप्तम भाव के स्वामी हैं. साल 2025 में मिथुन राशि में गोचर करते हुए गुरु कन्या राशि के दशम भाव में प्रवेश करेंगे. दशम भाव कर्म का प्रतीक है, इसलिए कन्या राशि के जातकों को अपने कार्यक्षेत्र में कुछ छोटी-मोटी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.

तुला राशि
2025 में गुरु का मिथुन राशि में गोचर आपके नवम भाव (भाग्य भाव) में होगा. तुला राशि के लोगों के लिए, गुरु तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं. गुरु का नवम भाव में गोचर भाग्य में वृद्धि करेगा और आपको धार्मिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित करेगा. आपको अपने प्रयासों में अच्छी सफलता मिलने की संभावना है.

वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों के लिए वर्ष 2025 में गुरु का गोचर अनुकूल नहीं रहने की संभावना है. कार्यस्थल पर कुछ बाधाएं आ सकती हैं. वृश्चिक राशि के लिए गुरु दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं, और 2025 में मिथुन राशि में गोचर करते हुए यह आपके आठवें भाव में स्थित होंगे. यह गोचर आपके लिए शुभ फलदायी नहीं कहा जा सकता है. संभावित है कि बने बनाए काम भी अटक जाएं या बिगड़ जाएं.

धनु राशि
धनु राशि में जन्म लेने वालों के लिए, देव गुरु बृहस्पति पहले और चौथे भाव पर शासन करते हैं. 2025 में, बृहस्पति मिथुन राशि में गोचर करेगा और आपके सातवें भाव में विराजमान होगा. इस स्थिति से, बृहस्पति आपके ग्यारहवें, पहले और तीसरे भाव पर अपनी शुभ दृष्टि डालेगा. बृहस्पति का सातवें भाव में गोचर धनु राशि वालों के लिए सौभाग्य की अवधि का संकेत देता है. जन्म कुंडली का सातवां भाव साझेदारी और जीवनसाथी का प्रतिनिधित्व करता है. इसलिए, संयुक्त व्यवसाय में शामिल लोग 2025 में बृहस्पति से महत्वपूर्ण लाभ की उम्मीद कर सकते हैं. इसके अलावा, अविवाहित व्यक्ति खुद को विवाह के बंधन में बंधते हुए पा सकते हैं. 2025 में बृहस्पति का गोचर धनु राशि के जातकों के जीवन में मिठास और समृद्धि लाएगा. आय में वृद्धि के संकेत हैं. कुल मिलाकर, बृहस्पति का प्रभाव धनु राशि वालों के लिए अत्यधिक शुभ साबित होगा.

मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए, वर्ष 2025 में बृहस्पति का गोचर मिश्रित परिणाम लेकर आएगा. तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी बृहस्पति, जिन्हें देवगुरु बृहस्पति के नाम से भी जाना जाता है, आपकी राशि से छठे भाव में गोचर करेंगे. छठे भाव में यह गोचर आपके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, जिससे वर्ष के कुछ महीनों में स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां हो सकती हैं. हालांकि, सकारात्मक पक्ष यह है कि आपको अनुकूल नौकरी के प्रस्ताव मिल सकते हैं. खर्चों में भी वृद्धि होने की संभावना है. आप अपने जीवनसाथी से मजबूत सहयोग की उम्मीद कर सकते हैं. अविवाहित व्यक्तियों को विवाह के अवसर मिल सकते हैं. आपकी नौकरी में पदोन्नति और आपके व्यवसाय में अच्छे लाभ की भी संभावना है. बृहस्पति के छठे भाव में स्थित होने के कारण, इसकी दृष्टि आपके दसवें, बारहवें और दूसरे भाव पर पड़ेगी.

कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए 2025 में बृहस्पति का गोचर महत्वपूर्ण आर्थिक समृद्धि, प्रयासों में सफलता, इच्छाओं की पूर्ति और आय में पर्याप्त वृद्धि लेकर आएगा. कुंभ राशि के लिए दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी के रूप में, 14 मई, 2025 को आपकी राशि से पांचवें भाव में बृहस्पति का गोचर विशेष महत्व रखता है. ज्योतिष में पांचवां भाव ज्ञान, संतान और समग्र सुख से जुड़ा होता है. यह गोचर नौकरीपेशा लोगों के लिए सकारात्मक है. अपने करियर में पदोन्नति, प्रतिष्ठा में वृद्धि और वेतन वृद्धि सहित अनुकूल विकास होगा. पांचवें भाव में बृहस्पति का स्थान आपकी राशि से नौवें, ग्यारहवें और पहले भाव पर अपनी शुभ दृष्टि डालेगा.

मीन राशि
साल 2025 में गुरु का गोचर मीन राशि वालों के लिए काफी अहम रहने वाला होगा. देवगुरु बृहस्पति आपकी राशि के स्वामी होने के साथ-साथ दशम भाव के स्वामी होते हैं और इनका गोचर साल 2025 में आपकी राशि से चौथे भाव में होने जा रहा है. यह गोचर आपके जीवन में उतार-चढ़ाव को देखने को मिलेगा. कार्यक्षेत्र में आपको अपने वरिष्ठ अधिकारियों संग सामंजस्य बनाना होगा. कार्य में अच्छा परिणाम प्राप्त करने के लिए आपको ज्यादा मेहनत करने की जररूत होगी. देवगुरु बृहस्पति आपके चौथे भाव में विराजमान होकर आपके अष्टम भाव, दशम और द्वादश भाव पर अपनी द्दष्टि डालेंगे. यहां से गुरु आपके खर्चों में वृद्धि, आयु में वृद्धि और दांपत्य जीवन में अच्छा परिणाम देंगे.

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