जयपुर. जनजातीय क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा अनुसूचित क्षेत्र के कुल 13 खेल छात्रावास संचालित हैं. इनमें 875 बालक-बालिकाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इन छात्रावासों में संपूर्ण राज्य के कक्षा 6 से 12 तक के जनजातीय समुदाय के खिलाड़ियों को प्रवेश दिया जाता है. छात्रावासों में छात्र का चयन विशिष्ट प्रकार की बैटरी टेस्ट यानि संपूर्ण शारीरिक क्षमता के मापदंड परीक्षा और खेल कौशल के आधार पर किया जाता है. कोरोना संक्रमण के कारण साल 2020 में टेस्ट नहीं लिया गया. सीधे ही खेल प्रमाण पत्र की वरीयता के आधार पर प्रवेश दिया जा रहा है.
अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश्वर सिंह ने बताया कि खेल छात्रावास बांसवाड़ा जिले के लोधा, तलवाड़ा और घाटोल, उदयपुर जिले के खेरवाड़ा, सरदारपुरा, मधुबन और खेल गांव, डूंगरपुर जिले के टीजवड और पुनाली, सिरोही जिले के आबूरोड और सातपुर प्रतापगढ़ जिले मुख्यालय पर संचालित किए जा रहे हैं. प्रवेशित छात्रों को अनुमोदित पैटर्न के अनुसार भोजन, आवास, पोशाक और अन्य खेल सामग्री आदि निःशुल्क विभाग द्वारा प्रदान की जाती है. इन छात्रावासों में प्रवेश के लिए छात्र को निकटतम विद्यालय में नियमित अध्ययन के साथ-साथ खेलकूद का गहन प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है.
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राजेश्वर सिंह ने बताया कि सभी छात्रावासों का संचालन साल भर किया जाता है. अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी, राष्ट्रीय पदक विजेता, राष्ट्रीय खेल संस्थान द्वारा प्रशिक्षित खिलाड़ी द्वारा सुबह और शाम एथलेटिक्स, तीरंदाजी, कबड्डी, खो-खो, वॉलीबॉल, फुटबॉल, हॉकी, हैंडबॉल और बैडमिंटन आदि खेलों का नियमित प्रशिक्षण दिया जा रहा है. अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि जनजाति अंचल की खेल प्रतिभाओं की पहचान कर खेल छात्रावासों के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें निखार और परिष्कार व खेल इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए विभाग प्रभाव भूमिका निभा रहा है.
सिंह ने बताया कि विभाग द्वारा अनुसूचित क्षेत्र के सभी जिला स्टेडियम में तीरंदाजी और अन्य खेलों की आधुनिक उपकरण खिलाड़ियों के अभ्यास से तो उपलब्ध कराए गए हैं, जिसकी वजह से छात्रावासों में निवासरत खिलाड़ियों को द्वारा विभिन्न राष्ट्रीय प्रतियोगिता में सहभागिता की गई है और पदक प्राप्त किए गए हैं.