जयपुर. प्रदेश में अभी तक बारिश औसत से कम हुई है और अगर यही हाल रहा तो प्रदेशवासियों को पानी की भीषण किल्लत का सामना करना पड़ सकता है. जलदाय मंत्री बी डी कल्ला ने गुरुवार को विधानसभा में वक्तव्य के जरिये प्रदेश में पानी की वस्तुस्थिति साफ करते हुये कहा कि बांधों में जल की आवक नहीं होने से जलदाय विभाग सजग और मुस्तैद है.
जिसके चलते अधिकारियों को जहां 3 चरणों में आकस्मिक कार्य योजना बनाने के निर्देश दिये गये हैं. वहीं आम लोगों की समस्याओं के निस्तारण के लिये राज्यस्तरीय टोल फ्री नम्बर के साथ ही सभी फील्ड कार्यालयों में कंट्रोल रुम स्थापित किये गये हैं.
कल्ला ने कहा कि -
- इंदिरा गांधी नहर सिस्टम आधारित जिलों में पेयजल आपूर्ति संतोषप्रद रहेगी.
- चम्बल नदी आधारित जिलों में भी चम्बल नदी से आपूर्ति संतोषप्रद रहेगी.
- आवश्यकतानुसार नये जल स्रोतों और परिहवन के माध्यम से कमी पूरी होगी.
- नर्मदा नहर आधारित जिलों में नये जल स्रोतों और परिहवन के माध्यम से कमी पूरी होगी.
- उदयपुर संभाग के जिलों में सामान्य से 20 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है.
- लेकिन क्षेत्र के बांधों में पेयजल की आवक नगण्य होगी.
- नाथद्वारा के लिये नंदसमंद में अनुमानित 15 दिन का पानी है.
- बीसलपुर बांध से पेयजल उपलब्धता 31 अगस्त तक रहने की संभावना है.
- पेयजल उपलब्ध करवाने के लिये अन्य स्रोतों पर निर्भर होना पड़ेगा.
- इसके लिये आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं.
- जयपुर शहर में 115 करोड़ के कार्य आवश्यकता पड़ने पर हाथ में लिये जायेंगे.
- अजमेर जिले के जरुरुत पड़ने पर 180 करोड़ के कार्य हाथ में लिये जायेंगे.
- दौसा मे बाणगंगा नदी क्षेत्र में 10 अतिरिक्त नलकूप बनाये जा रहे हैं.
- जवाई बांध से प्रतिदिन 6 एमसीएफटी पानी उठाया जा रहा है.
- बांध में 20 अगस्त 2019 तक पानी उपलब्ध रहेगा.
- डेड स्टोरेज से पम्पिंग शुरु कर दी गई है.
- जोधपुर जिले से रेल परिवहन कर पाली को अतिरिक्त जल उपलब्ध करवाया गया है.
कल्ला ने कहा कि लोगों को पानी उपलब्ध करवाने के लिये धन की कमी नहीं आने दी जायेगी, लेकिन समस्या को विकराल होने से बचाने के लिये एक-एक बूंद को सहेजा जाना जरुरी है.
सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए कल्ला ने कहा कि
- जनवरी 2019 से अब तक 4420 नये हैण्डपम्प चालू किये गये हैं.
- 1907 नये नलकूपों का निर्माण करवाया गया है.
- 1 अप्रेल 2019 से 43वां हैण्डपम्प अभियान शुरु हुआ है.
- अभियान के तहत 13 हजार 155 हैण्डपम्प शहरी क्षेत्र में चालू किये जा चुके हैं.
- ग्रामीण क्षेत्र में 81 हजार 258 हैण्डपम्प चालू किये जा चुके हैं.
- पेयजल परिवहन के लिये शहरी क्षेत्र में 33.25 करोड़ स्वीकृत किए.
- ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल परिवहन के लिये 48.14 करोड़ स्वीकृत किए.
- 3797 गांव-ढाणियों में 1110 टैंकरों के माध्यम से पेयजल परिवहन हो रहा है.
- 46 शहरों में 542 टैंकरों के माध्यम से पेयजल परिवहन हो रहा है.
- शहरी क्षेत्र में 184.34 करोड़ के 361 कार्य स्वीकृत किए.
- ग्रामीण क्षेत्र में 197.62 करोड़ के 1364 कार्य स्वीकृत किए.
- इनमें से करीब 85 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुके हैं.
सदन को जानकारी देते हुये कल्ला ने कहा कि अब तक प्रदेश में 187.53 मिलीमीटर बारिश ही हुई है, जबकि सामान्य तौर पर 209.94 एमएम बारिश होनी चाहिये थी. बता दें कि प्रदेश के 15 जिलों में 20 से 60 फीसदी तक बारिश कम हुई है.