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बीकानेर में दवा विक्रेताओं ने डॉक्टरों के खिलाफ खोला मोर्चा, दुकानें बंद रख जताया विरोध

बीकानेर दवा विक्रेता संघ के आह्वान पर शुक्रवार को बीकानेर के दवा विक्रेताओं ने अपनी दुकानें बंद रखकर विरोध जताया. दवा विक्रेताओं का कहना रहा कि जिले के सरकारी अस्पताल में नियुक्त डॉक्टरों की ओर से अपने घर में ही दवा की दुकान खोले जाने को लेकर उनमें आक्रोश व्याप्त है. साथ ही मरीजों के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है.

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बीकानेर में दवा विक्रेताओं ने दुकानें बंद रख किया प्रदर्शन
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Published : Dec 28, 2019, 4:11 AM IST

बीकानेर. सरकारी अस्पताल के कई चिकित्सकों की ओर से अपने घर में ही दवाई की दुकानें खोलकर और मरीजों को वहीं से ही दवा देने के लिए मजबूर करने वाले कई चिकित्सकों के खिलाफ विरोध का मोर्चा खोलते हुए बीकानेर दवा विक्रेता संघ के आह्वान पर दवा विक्रेताओं ने अपने मेडिकल स्टोर बंद रखकर शुक्रवार को विरोध जताया. दवा विक्रेताओं ने इस दौरान पीबीएम अस्पताल रोड के साथ ही शहर के सभी मेडिकल स्टोर्स को पूरी तरह से दिनभर बंद रखा और पीबीएम अस्पताल रोड पर एकत्रित होकर नारेबाजी कर अपना विरोध जताया.

बीकानेर में दवा विक्रेताओं ने दुकानें बंद रख किया प्रदर्शन

दवा विक्रेताओं का आरोप था कि सरकारी अस्पताल में नियुक्त अनेक चिकित्सक गलत ढंग से अपने घर में ही दवाई की दुकानें खोले हुए हैं और मरीजों को जो दवाई लिखते हैं, वह केवल उनकी दुकान पर ही मिलती है. जिससे आम केमिस्ट का व्यवसाय भी पूरी तरह से ठप हो गया है. साथ ही मरीजों के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें : बीकानेर का पीबीएम हॉस्पिटल बना अखाड़ा, आपस में भिड़े रेजिडेंट डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ

दवा विक्रेता संघ के पदाधिकारी आशाराम जोशी का कहना रहा कि बिना जरूरत के भी कई बार चिकित्सक मरीजों को दवाई लिख देते हैं और उसकी एमआरपी बहुत ज्यादा होती है और बाजार में मिलती नहीं है. ऐसे में मजबूरन मरीज को वह दवाई उस दुकान से खरीदनी पड़ती है, जो डॉक्टर के घर में ही स्थित दुकान पर ही मिलती है. जिससे डॉक्टर को दोहरा फायदा हो रहा है तो मरीजों को नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि सरकारी स्तर पर ऐसे डॉक्टरों पर अंकुश नहीं लगने से मरीजों के साथ खिलवाड़ हो रहा है. जिसके विरोध में आज संघ ने दवा की दुकानें बंद रखकर अपना विरोध जताया है और आगे भी विरोध को जारी रखेंगे.

बीकानेर. सरकारी अस्पताल के कई चिकित्सकों की ओर से अपने घर में ही दवाई की दुकानें खोलकर और मरीजों को वहीं से ही दवा देने के लिए मजबूर करने वाले कई चिकित्सकों के खिलाफ विरोध का मोर्चा खोलते हुए बीकानेर दवा विक्रेता संघ के आह्वान पर दवा विक्रेताओं ने अपने मेडिकल स्टोर बंद रखकर शुक्रवार को विरोध जताया. दवा विक्रेताओं ने इस दौरान पीबीएम अस्पताल रोड के साथ ही शहर के सभी मेडिकल स्टोर्स को पूरी तरह से दिनभर बंद रखा और पीबीएम अस्पताल रोड पर एकत्रित होकर नारेबाजी कर अपना विरोध जताया.

बीकानेर में दवा विक्रेताओं ने दुकानें बंद रख किया प्रदर्शन

दवा विक्रेताओं का आरोप था कि सरकारी अस्पताल में नियुक्त अनेक चिकित्सक गलत ढंग से अपने घर में ही दवाई की दुकानें खोले हुए हैं और मरीजों को जो दवाई लिखते हैं, वह केवल उनकी दुकान पर ही मिलती है. जिससे आम केमिस्ट का व्यवसाय भी पूरी तरह से ठप हो गया है. साथ ही मरीजों के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें : बीकानेर का पीबीएम हॉस्पिटल बना अखाड़ा, आपस में भिड़े रेजिडेंट डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ

दवा विक्रेता संघ के पदाधिकारी आशाराम जोशी का कहना रहा कि बिना जरूरत के भी कई बार चिकित्सक मरीजों को दवाई लिख देते हैं और उसकी एमआरपी बहुत ज्यादा होती है और बाजार में मिलती नहीं है. ऐसे में मजबूरन मरीज को वह दवाई उस दुकान से खरीदनी पड़ती है, जो डॉक्टर के घर में ही स्थित दुकान पर ही मिलती है. जिससे डॉक्टर को दोहरा फायदा हो रहा है तो मरीजों को नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि सरकारी स्तर पर ऐसे डॉक्टरों पर अंकुश नहीं लगने से मरीजों के साथ खिलवाड़ हो रहा है. जिसके विरोध में आज संघ ने दवा की दुकानें बंद रखकर अपना विरोध जताया है और आगे भी विरोध को जारी रखेंगे.

Intro:बीकानेर के दवा विक्रेता संघ के आह्वान पर शुक्रवार को बीकानेर की दवा विक्रेताओं ने अपनी दुकानें बंद रखकर विरोध जताया। जिले के सरकारी अस्पताल में नियुक्त डॉक्टरों की ओर से अपने घर में ही दवा की दुकान खोले जाने को लेकर दवा विक्रेता विरोध में है।


Body:बीकानेर सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों की और चाहिए अपने घर में ही दवाई की दुकान खोलकर मरीजों को वहीं से ही दवाई देने के लिए मजबूर करने वाले चिकित्सकों के खिलाफ विरोध का मोर्चा खोलते हुए बीकानेर के दवा विक्रेता संघ के आह्वान पर दवा विक्रेताओं ने अपने मेडिकल स्टोर बंद रखकर शुक्रवार को विरोध जताया। दवा विक्रेताओं ने इस दौरान पीबीएम अस्पताल रोड के साथ ही शहर की सभी मेडिकल स्टोर्स को पूरी तरह से दिनभर बंद रखा और पीबीएम अस्पताल रोड पर एकत्रित होकर नारेबाजी कर अपना विरोध जताया।


Conclusion:दवा विक्रेताओं का आरोप था कि सरकारी अस्पताल में नियुक्त चिकित्सक गलत ढंग से अपने घर में ही दवाई की दुकान खोले हुए हैं और मरीजों को जो दवाई लिखते हैं वह केवल उनकी दुकान पर ही मिलती है जिससे आम केमिस्ट का व्यवसाय भी पूरी तरह से ठप हो गया है साथ ही मरीजों के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है। दवा विक्रेता संघ के पदाधिकारी आसाराम जोशी का कहना था कि बिना जरूरत के भी कई बार चिकित्सक मरीजों को दवाई लिख देते हैं और वह एमआरपी बहुत ज्यादा होती है और बाजार में मिलती नहीं है ऐसे में मजबूरन मरीज को वह दवाई उस दुकान से खरीदनी पड़ती है जो डॉक्टर के घर में ही बनी हुई है। जिसे डॉक्टर को दोहरा फायदा हो रहा है तो मरीजों को नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्तर पर ऐसे डॉक्टरों पर अंकुश नहीं लगने से मरीजों के साथ खिलवाड़ हो रहा है जिसके विरोध में आज हमने दुकानें बंद रखकर अपना विरोध जताया है और आगे भी हमने विरोध को तेज करेंगे।

बाइट आशाराम जोशी, दवा विक्रेता
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