अजमेर. राजस्व मामलों की सबसे बड़ी अदालत रेवेन्यू बोर्ड में अभिभाषक संघ के सदस्य दो दिन तक न्यायिक कार्य का बहिष्कार करेंगे. अभिभाषक संघ इस विरोध को राज्यव्यापी बनाने की तैयारी में जुटा गया है. संघ के सदस्य अपनी मांगों को लेकर सभी 200 विधायकों से संपर्क कर रहे हैं. अभिभाषक संघ की ओर से बुधवार यानी 24 जुलाई से यह विरोध शुरू होगा.
बता दें कि राजस्थान सरकार के मौजूदा बजट के पैरा संख्या 169 का विरोध किया जा रहा है. इस पैरा में जिले में राजस्व अधिकारी से अपील का अधिकार लेकर संभागीय आयुक्त को देने का प्रावधान है. जिसका रेवेन्यू बोर्ड का अभिभाषक संघ विरोध कर रहा है. रेवेन्यू बोर्ड के अभिभाषक संघ के सदस्यों का कहना है कि अजमेर में राजस्व मंडल में वकीलों की हड़ताल से पक्ष कार काश्तकारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हड़ताल से अनजान काश्तकार दूरदराज से रेवेन्यू बोर्ड पहुंच रहे हैं लेकिन हड़ताल की वजह से उनके काम अटक गए हैं. रेवेन्यू बोर्ड में राजस्थान अभिभाषक संघ अपनी मांगों को लेकर अधिक है. राजस्थान बजट के बाद से ही अभिभाषक संघ आंदोलनरत है. वहीं पिछले 6 दिन से न्यायिक कार्य का बहिष्कार कर रहा है.
बताया जा रहा है कि 25 जुलाई तक राजस्थान अभिभाषक संघ न्यायिक कार्य का बहिष्कार करेगा. अभिभाषक संघ के अध्यक्ष वीपी सिंह राजावत ने बताया कि प्रदेश में 7 संभागी आयुक्त हैं. जबकि 22 से अधिक राजस्व अधिकारी हैं 22 जनों का कार्य 7 जने कैसे कर सकते हैं. इसमें मामले और ज्यादा लंबित होंगे. जिससे की पक्षकार काश्तकारों को नुकसान होगा.
राजावत ने बताया कि आंदोलन के तहत सभी जिलों की बार एसोसिएशन से संपर्क किया गया है. 24 और 25 जुलाई को राजस्थान में सभी जिलों की बार न्यायिक कार्य का बहिष्कार करेंगे. फिलहाल उनसे बातचीत की जा रही है. इसके अलावा राजस्थान के सभी 200 विधायकों से संपर्क साधा जा रहा है. उन्हें बजट घोषणा के पैरा 169 के बारे में सही तथ्य बताए जा रहे हैं, ताकि विधायक सरकार से पहले की भांति जिला स्तर पर राजस्व अधिकारी के पास अपील किए जाने की व्यवस्था को कायम करवा सके. अभिभाषक संघ ने अपनी मांग उपमुख्यमंत्री और राजस्व मंत्री के समक्ष भी रख चुके हैं, लेकिन कोई सकारात्मक पहल नहीं होती देख अब आंदोलन को तेज करने का मन बना रहे हैं.