अजमेर. जिले की शहरी सीमा से सटे विनायक नगर के बाशिंदे मूलभूत विकास कार्यों को तरस रहे हैं. यह अजमेर विकास प्राधिकरण के अंतर्गत आता है, लेकिन घुघरा पंचायत का भी हिस्सा है. ग्राम पंचायत और एडीए के बीच विनायक नगर में रहने वाले लोग चक्की के 2 पाटों के बीच घुन की तरह पीस रहे हैं.
विनायक नगर के निवासियों के लिए क्षेत्र का विकास सपना बनकर रह गया है. क्षेत्र में तीन माह पहले नालियां बनना शुरू हुई थी. मगर ठेकेदार की लापरवाही की वजह से नालियां से पानी क्षेत्र से बाहर जाने की बजाय उल्टा कॉलोनी में घुस जाता है. ठेकेदार नालियां का अधूरा काम छोड़कर गायब हो गया. क्षेत्र की मुख्य सड़क जयपुर हाइवे से जुड़ती है. लेकिन यहां सड़क कम गड्ढे ज्यादा नजर आते है.
बरसात में गड्डो में पानी भर जाता है. ऐसे में आए दिन दुर्घटनाएं होती है. क्षेत्र में कही भी स्ट्रीट लाइट नहीं है. शाम अंधेरा होने पर कोई पैदल टहलने भी निकले तो जहरीले कीड़ों और सांपो का खतरा मंडराता रहता है. क्षेत्र में सफाई कभी नहीं होती. यही वजह है कि रोड के किनारे गंदगी का अंबार लगा रहता है. पानी की निकासी नही होने से पानी भरा रहता है. इस कारण मच्छर मखियों से बीमारियां फैलने की संभावना है. क्षेत्र के लोग बताते है कि उन्हें विनायक नगर में बसे हुए डेढ़ दशक हो चुका है, लेकिन क्षेत्र में कुछ भी विकास कार्य नहीं हुआ.
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क्षेत्र के लोग बताते हैं कि अजमेर विकास प्राधिकरण से कई मकानों का नियमन हो चुका है. बावजूद इसके डीडीए क्षेत्र में कोई विकास कार्य नहीं करवाता है. उन्होंने बताया कि सड़क इतनी जर्जर हो चुकी है कि आए दिन लोग हादसे का शिकार होते हैं. लापरवाही पूर्वक नालियां बनाने से क्षेत्र के लोगों को फायदा होने की बजाय नुकसान हो रहा है.
बरसात का पानी लोगों के घरों में घुस जाता है. कई बार ग्राम पंचायत घुघरा और अजमेर विकास प्राधिकरण से क्षेत्र में मूलभूत विकास के लिए क्षेत्रवासी लिखित में मांग कर चुके हैं. अधिकारी मौके पर आते हैं, लेकिन हालात जस के तस बने रहते हैं. विकास से अछूते विनायक नगर के लोगो के हालात कब बदलेंगे यह तो भविष्य बताएगा. फिलहाल क्षेत्र के लोगों की स्थित बीच की रह गई है ना शहर में ना वो गांव में है.