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GREF जवान सुल्तान सिंह का बनेगा स्मारक, रींगस थाने पर धरने के बाद बनी बात, जानें पूरा मामला - GREF JAWAN FAMILY DEMAND

सीकर निवासी जवान सुल्तान सिंह की पार्थिव देह सोमवार शाम को उनके घर पहुंची, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया.

Jawan Sultan Singh
जवान सुल्तान सिंह का बनेगा स्मारक (ETV Bharat Sikar)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 6, 2025, 7:10 PM IST

सीकर: जिले के लाखनी में GREF जवान सुल्तान सिंह बाजिया की सोमवार शाम को अंत्येष्टि की गई. ASI महेश यादव के नेतृत्व में पुलिस ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया. जवान के पिता हरफूल सिंह और पुत्र साहिल को वर्दी और तिरंगा सौंपा गया. इस दौरान 12 वर्षीय पुत्र साहिल ने नम आंखों से मृतक जवान को मुखाग्नि दी. सुल्तान सिंह बाजिया का हिमाचल प्रदेश में हिमस्खलन से निधन हो गया था.

सुल्तान सिंह सीमा सड़क संगठन की जनरल रिजर्व इंजीनियर फोर्स में तैनात थे. उनके अंतिम संस्कार के मौके पर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों सहित सैंकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौजूद थे. वहीं, जवान सुल्तान सिंह बाजिया के पिता हरफूल सिंह के मुताबिक अधिकारियों से फोन पर बातचीत में सीमा सड़क संगठन के अधिकारियों ने उन्हें 60 लाख रुपए के परिलाभ के साथ उनके पुत्र का स्मारक बनाए जाने पर सहमति दी है. जिसके बाद धरना समाप्त किया गया. हालांकि, सुल्तान सिंह को शहीद का दर्जा नहीं मिला है.

Protest in Sikar
रींगस थाने पर धरने के बाद बनी बात (ETV Bharat Sikar)

परिजनों ने जताया था विरोध : हिमाचल प्रदेश में बीते दिनों हिमस्खलन से जवान के निधन के मामले में सोमवार दिनभर गहमागहमी का माहौल देखने को मिला. परिजनों ने मृतक जवान को शहीद का दर्जा देने की मांग को लेकर पार्थिव देह लेने से इनकार कर दिया. इस दौरान जनप्रतिनिधियों के साथ रींगस थाने पर धरना दिया गया. गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में हिमस्खलन से लाखनी निवासी सुल्तान सिंह बाजिया का निधन हुआ था.

सुल्तान सिंह बाजिया मामले में सीमा सड़क संगठन ने मृतक के परिजनों की कुछ मांगें मानी, जिसके बाद पिछले 7 घंटों से रींगस पुलिस थाने पर चल रहा धरना समाप्त हो गया. जवान के परिवार को करीब 60 लाख के परिलाभ के साथ ही उनका स्मारक बनाया जाएगा. इसके बाद तिरंगा रैली के साथ जवान की पार्थिव देह उनके गांव में सैन्य सम्मान से अंत्येष्टि की गई.

पढ़ें : शहीद का दर्जा देने की मांग : जिला मुख्यालय पर धरने बैठे दाऊराम के परिजन, बोले- न्याय के बिना नहीं लौटेंगे घर - DEMANDING MARTYR STATUS

7 घंटे थाने पर चला धरना : लाखनी गांव के जवान सुल्तान सिंह बाजिया के परिवार और बड़ी संख्या में ग्रामीण उन्हें शहीद का दर्जा देने की मांग कर रहे थे. उन्होंने शहीद का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर जयपुर-सीकर राष्ट्रीय राजमार्ग NH-52 पर जाम लगा दिया. इसके बाद रींगस पुलिस थाने पर धरना दिया गया. इस दौरान सांसद अमराराम, विधायक सुभाष मील और पूर्व मंत्री बंशीधर बाजिया सहित ग्रामीण मौजूद रहे.

होली पर लौटने का किया वादा : सुल्तान सिंह बाजिया जनरल रिजर्व इंजीनियर फोर्स में तैनात थे. उनका छोटा भाई भंवर सिंह प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है. सुल्तान सिंह के 12 साल का बेटा साहिल 7वीं कक्षा में पढ़ाई करता है, जबकि पत्नी सुमन देवी घरेलू और खेती का कार्य करती हैं. वहीं, पिता हरफूल सिंह बाजिया खेती करते हैं. सुल्तान सिंह छुट्टी पूरी कर 8 दिसंबर को ड्यूटी पर हिमाचल गए थे. उन्होंने कहा था कि वे होली पर आएंगे.

सुल्तान सिंह के भतीजे राजेंद्र ने बताया कि 31 दिसंबर को उनके पुत्र साहिल का जन्मदिन था, तब फोन कर उन्होंने कहा था कि साहिल को जो सामान मांगे, वह जन्मदिन पर उसे दिलवा देना. इसके बाद नववर्ष पर परिजनों से बात हुई थी. 3 जनवरी को उनका फोन नहीं आया, तो परिजनों ने किया. इस पर अधिकारियों ने बताया कि सुल्तान बर्फबारी में जख्मी हो गए हैं.

सीकर: जिले के लाखनी में GREF जवान सुल्तान सिंह बाजिया की सोमवार शाम को अंत्येष्टि की गई. ASI महेश यादव के नेतृत्व में पुलिस ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया. जवान के पिता हरफूल सिंह और पुत्र साहिल को वर्दी और तिरंगा सौंपा गया. इस दौरान 12 वर्षीय पुत्र साहिल ने नम आंखों से मृतक जवान को मुखाग्नि दी. सुल्तान सिंह बाजिया का हिमाचल प्रदेश में हिमस्खलन से निधन हो गया था.

सुल्तान सिंह सीमा सड़क संगठन की जनरल रिजर्व इंजीनियर फोर्स में तैनात थे. उनके अंतिम संस्कार के मौके पर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों सहित सैंकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौजूद थे. वहीं, जवान सुल्तान सिंह बाजिया के पिता हरफूल सिंह के मुताबिक अधिकारियों से फोन पर बातचीत में सीमा सड़क संगठन के अधिकारियों ने उन्हें 60 लाख रुपए के परिलाभ के साथ उनके पुत्र का स्मारक बनाए जाने पर सहमति दी है. जिसके बाद धरना समाप्त किया गया. हालांकि, सुल्तान सिंह को शहीद का दर्जा नहीं मिला है.

Protest in Sikar
रींगस थाने पर धरने के बाद बनी बात (ETV Bharat Sikar)

परिजनों ने जताया था विरोध : हिमाचल प्रदेश में बीते दिनों हिमस्खलन से जवान के निधन के मामले में सोमवार दिनभर गहमागहमी का माहौल देखने को मिला. परिजनों ने मृतक जवान को शहीद का दर्जा देने की मांग को लेकर पार्थिव देह लेने से इनकार कर दिया. इस दौरान जनप्रतिनिधियों के साथ रींगस थाने पर धरना दिया गया. गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में हिमस्खलन से लाखनी निवासी सुल्तान सिंह बाजिया का निधन हुआ था.

सुल्तान सिंह बाजिया मामले में सीमा सड़क संगठन ने मृतक के परिजनों की कुछ मांगें मानी, जिसके बाद पिछले 7 घंटों से रींगस पुलिस थाने पर चल रहा धरना समाप्त हो गया. जवान के परिवार को करीब 60 लाख के परिलाभ के साथ ही उनका स्मारक बनाया जाएगा. इसके बाद तिरंगा रैली के साथ जवान की पार्थिव देह उनके गांव में सैन्य सम्मान से अंत्येष्टि की गई.

पढ़ें : शहीद का दर्जा देने की मांग : जिला मुख्यालय पर धरने बैठे दाऊराम के परिजन, बोले- न्याय के बिना नहीं लौटेंगे घर - DEMANDING MARTYR STATUS

7 घंटे थाने पर चला धरना : लाखनी गांव के जवान सुल्तान सिंह बाजिया के परिवार और बड़ी संख्या में ग्रामीण उन्हें शहीद का दर्जा देने की मांग कर रहे थे. उन्होंने शहीद का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर जयपुर-सीकर राष्ट्रीय राजमार्ग NH-52 पर जाम लगा दिया. इसके बाद रींगस पुलिस थाने पर धरना दिया गया. इस दौरान सांसद अमराराम, विधायक सुभाष मील और पूर्व मंत्री बंशीधर बाजिया सहित ग्रामीण मौजूद रहे.

होली पर लौटने का किया वादा : सुल्तान सिंह बाजिया जनरल रिजर्व इंजीनियर फोर्स में तैनात थे. उनका छोटा भाई भंवर सिंह प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है. सुल्तान सिंह के 12 साल का बेटा साहिल 7वीं कक्षा में पढ़ाई करता है, जबकि पत्नी सुमन देवी घरेलू और खेती का कार्य करती हैं. वहीं, पिता हरफूल सिंह बाजिया खेती करते हैं. सुल्तान सिंह छुट्टी पूरी कर 8 दिसंबर को ड्यूटी पर हिमाचल गए थे. उन्होंने कहा था कि वे होली पर आएंगे.

सुल्तान सिंह के भतीजे राजेंद्र ने बताया कि 31 दिसंबर को उनके पुत्र साहिल का जन्मदिन था, तब फोन कर उन्होंने कहा था कि साहिल को जो सामान मांगे, वह जन्मदिन पर उसे दिलवा देना. इसके बाद नववर्ष पर परिजनों से बात हुई थी. 3 जनवरी को उनका फोन नहीं आया, तो परिजनों ने किया. इस पर अधिकारियों ने बताया कि सुल्तान बर्फबारी में जख्मी हो गए हैं.

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