वीरांगना रानी चेन्नम्मा की वीरगाथा का मंचन
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भोपाल। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दौरान शुरू हुए महिला सशक्तिकरण पर आधारित वीरांगना नाट्य समारोह के अंतर्गत शहीद भवन के मंच पर रानी चेन्नम्मा का मंचन हुआ, जिसे जबलपुर की पूज केवट ने निर्देशित किया. 1857 से 33 वर्ष पहले रानी चेन्नम्मा ने पहला स्वतंत्रता संग्राम लड़ा गया था. रानी चेन्नम्मा ने शिवलिंगप्पा को गोद लेकर अपना उत्तराधिकारी बनाया. अंग्रेजों ने रानी के इस कदम को स्वीकार नहीं किया. शिवलिंगप्पा को पद से हटाने का आदेश दिया गया, जिसके बाद अंग्रेजों से टकराव शुरू हुआ. अंग्रेजों के अनुसार दत्तक पुत्र को राज करने का अधिकार नहीं था, ऐसी स्थिति आने पर अंग्रेज उस राज्य को अपना को अपने साम्राज्य में मिला लेते थे. इसे अंग्रेजों की हड़प नीति कहा गया. इस नीति के विरुद्ध यह लड़ाई लड़ी गई. इस बात को महारानी बखूबी जानती थी, तब परियों के खिलाफ एक सेना का गठन किया गया. दोनों सेनाओं का आमना-सामना हुआ, जिसमें अक्टूबर 1824 में फिरंगी उनकी हार हुई. इस नाटक पर मंच पर राजकुमारी चेन्नम्मा की भूमिका अनुभूति कुंदन दुलअप्पा देसाई सहित अन्य कलाकारों ने निभाई.