शिवपुरी। जिले के कोलारस की तहसीलदार ज्योति लक्षकार का कलेक्ट्रेट कार्यालय में स्थानांतरण कर दिया गया है. जिले के प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया 22 जनवरी को जिले के एक दिवसीय दौरे पर आए थे. इस दौरान कुछ भाजापाइयों ने तहसीलदार ज्योति लाक्षाकार पर मुरम से भरी ट्रैक्टर ट्राली छोड़ने के एवज में 30 हजार रुपए रिश्वत लेने की शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत के बाद प्रभारी मंत्री ने तहसीलदार को निलंबित करने की बात कही थी. लेकिन जिला कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने एक पत्र जारी करते हुए कोलारस तहसीलदार ज्योति लाक्षाकार को कलेक्टर कार्यालय में अटैच कर दिया है.
ये है मामला : दअरसल, 21 जनवरी शनिवार को कोलारस के खरई रोड पर रहने वाले विक्रम राजावत ने कोलारस तहसीलदार ज्योति लक्षकार पर मुरम से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली को छोड़ने के एवज में 30 हजार रुपए की रिश्वत लेने का आरोप लगाया था. विक्रम ने इस मामले में पेट्रोल पंप सहित बाजार के सीसीटीवी फुटेज भी उपलब्ध कराए थे, जिसमें तहसीलदार का वाहन और मुरम से भरा ट्रैक्टर ट्रॉली दोनों दिखाई दे रहे हैं. पीड़ित ने इसकी शिकायत कोलारस एसडीएम सहित बीजेपी नेता हरिओम रघुवंशी को दर्ज कराई थी.
तहसीलदार ने सोशल मीडिया पर की पोस्ट : इसके बाद बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया था. बीजेपी नेता हरिओम रघुवंशी ने इसकी शिकायत प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया से की. जिसके बाद मंत्री ने कोलारस तहसीलदार को सस्पेंड करने के आदेश दिए थे. इसके कुछ घंटों बाद ही कोलारस तहसीलदार ज्योति लाक्षाकार द्वारा सोशल साइट्स पर डाला गया एक स्टेटस वायरल हो गया. स्टेटस में लिखा था " सतर्क हो जाओ अवैध उत्खनन करने वाले माफिया, जब तक तोड़ेंगे नहीं तब तक छोड़ेंगे नहीं". तहसीलदार के तोड़ने और न छोड़ने का स्टेटस खूब सुर्खियों में रहा.
सस्पेंड नहीं, ट्रांसफर किया : इसके बाद कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने कोलारस तहसीलदार ज्योति लाक्षाकार को कलेक्ट्रेट कार्यालय में पेंडिंग पड़े भूअभिलेख कार्यों को निपटाने के लिए अटैच कर दिया है. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि प्रभारी मंत्री द्वारा मीडिया के समक्ष कोलारस तहसीलदार ज्योति लक्षकार को निलंबन करने की बात कही थी पर उनका तो स्थानांतरण किया गया है. इससे राजनीतिक खींचतान दिखाई देने लगी है. प्रशासनिक हल्कों में इस मामले की चर्चा दो दिन से लगातार जारी है.