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बिना नोटिस तोड़े दुकान और मकान, ग्रामीणों ने SDM पर लगाया भेदभाव का आरोप - श्योपुर में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई

श्योपुर में अतिक्रमण हटाए जाने को लेकर ग्रामीणों ने एसडीएम पर भेदभाव करने का गंभीर आरोप लगाया है, जिसकी तत्काल जांच की मांग की जा रही है. हालांकि इस लॉकडाउन में दुकानें और मकान तुड़वाने की कार्रवाई से कस्बे के लोगों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.

villagers accused sdm for removing encroachment
बिना नोटिस तोड़ा दुकान-मकान
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Published : Jun 2, 2020, 12:12 PM IST

श्योपुर। राजस्व और पुलिस टीमों द्वारा विजयपुर तहसील क्षेत्र के गसवानी कस्बे में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई, जिसके बाद कस्बे के लोगों ने सवाल खड़े करते हुए एसडीएम त्रिलोचन गौड़ पर बिना नोटिस दिए उनकी दुकानें तोड़ने और कार्रवाई में भेदभाव करने के गंभीर आरोप लगाए हैं.

बिना नोटिस तोड़ा दुकान-मकान

ग्रामीणों का आरोप है कि एसडीएम त्रिलोचन गौड़ ने कस्बे के गरीब तबके के लोगों की दुकानें तो जेसीबी चलवाकर तुड़वा दीं, लेकिन उसी जगह पर बने रसूखदार, बीजेपी नेताओं की दुकान पर उनके द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे वह नाराज हैं. एसडीएम की इस कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं. एसडीएम द्वारा अतिक्रमण के नाम पर जिन लोगों की दुकानें और मकान तुड़वाए गए हैं, उन्हें इस कार्रवाई से लॉकडाउन के दौरान भारी नुकसान उठाना पड़ा है, जिससे वह बेहद परेशान हैं.

ग्रामीणों द्वारा एसडीएम पर यह भी आरोप लगाए जा रहे हैं कि जिन लोगों ने मोबाइल से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के वीडियो बनाए थे, उन्हें भी एसडीएम द्वारा छीनकर डिलीट कर दिया गया और सजा भी दी गई. अब ग्रामीण कार्रवाई में भेदभाव करने के मामले में एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें नोटिस दिए बिना ही एसडीएम ने उनकी दुकान तोड़ दी, जिससे उन्हें भारी नुकसान हुआ है, जबकि रसूखदारों पर एसडीएम द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है. एसडीएम द्वारा अतिक्रमण हटाए जाने की कार्रवाई तक तो ठीक है, लेकिन उनके द्वारा इस कार्रवाई में भेदभाव किया गया है.

श्योपुर। राजस्व और पुलिस टीमों द्वारा विजयपुर तहसील क्षेत्र के गसवानी कस्बे में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई, जिसके बाद कस्बे के लोगों ने सवाल खड़े करते हुए एसडीएम त्रिलोचन गौड़ पर बिना नोटिस दिए उनकी दुकानें तोड़ने और कार्रवाई में भेदभाव करने के गंभीर आरोप लगाए हैं.

बिना नोटिस तोड़ा दुकान-मकान

ग्रामीणों का आरोप है कि एसडीएम त्रिलोचन गौड़ ने कस्बे के गरीब तबके के लोगों की दुकानें तो जेसीबी चलवाकर तुड़वा दीं, लेकिन उसी जगह पर बने रसूखदार, बीजेपी नेताओं की दुकान पर उनके द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे वह नाराज हैं. एसडीएम की इस कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं. एसडीएम द्वारा अतिक्रमण के नाम पर जिन लोगों की दुकानें और मकान तुड़वाए गए हैं, उन्हें इस कार्रवाई से लॉकडाउन के दौरान भारी नुकसान उठाना पड़ा है, जिससे वह बेहद परेशान हैं.

ग्रामीणों द्वारा एसडीएम पर यह भी आरोप लगाए जा रहे हैं कि जिन लोगों ने मोबाइल से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के वीडियो बनाए थे, उन्हें भी एसडीएम द्वारा छीनकर डिलीट कर दिया गया और सजा भी दी गई. अब ग्रामीण कार्रवाई में भेदभाव करने के मामले में एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें नोटिस दिए बिना ही एसडीएम ने उनकी दुकान तोड़ दी, जिससे उन्हें भारी नुकसान हुआ है, जबकि रसूखदारों पर एसडीएम द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है. एसडीएम द्वारा अतिक्रमण हटाए जाने की कार्रवाई तक तो ठीक है, लेकिन उनके द्वारा इस कार्रवाई में भेदभाव किया गया है.

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