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क्या नीम की पत्तियां खाने से कंट्रोल हो सकती है डायबिटीज? जानें इसके सेवन का सही तरीका क्या है? - EATING NEEM LEAVES DAILY BENEFITS

विशेषज्ञों का कहना है कि ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने में नीम एक चमत्कारिक औषधि की तरह काम करता है, जानें कैसे...

Can diabetes be controlled by eating neem leaves? Know the correct way to consume it?
क्या नीम की पत्तियां खाने से कंट्रोल हो सकती है डायबिटीज? जानें इसके सेवन का सही तरीका क्या है? (FREEPIK)
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By ETV Bharat Health Team

Published : Feb 11, 2025, 2:41 PM IST

खराब जीवनशैली, खान-पान, स्ट्रेस जैसे कई कारणों से आजकल हेल्थ प्रोब्लेम्स बढ़ती जा रही हैं. लोगों रेगुलर लाइफस्टाइल के चलते कई तरह की बीमारियां हो रही है. इन बीमारियों में डायबिटीज, हाइपरटेंशन, दिल की बीमारियां, गठिया, ऑटोइम्यून डिजीज, चयापचय संबंधी रोग, जोड़ों और हड्डियों की समस्याएं, एसिड रिफ्लक्स और हार्टबर्न शामिल है, ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि नीम की पत्तियां इन बीमारियों में औषधि की तरह काम करती है. नीम में कई औषधीय गुण होते हैं. इसका इस्तेमाल सदियों से किया जा रहा है.

विशेषज्ञों का कहना है कि नीम में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक, एंटी-अल्सर, एंटी-मलेरिया, एंटी-फंगल, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-म्यूटाजेनिक, एंटी-कार्सिनोजेनिक गुण होते हैं. नीम में विटामिन ए, सी, कैरोटीनॉयड, ओलिक, लिनोलिक जैसे यौगिक होते हैं. डायबिटीज पेशेंट के लिए नीम की पत्तियों का सेवन बेहद फायदेमंद होता है.

शुगर कंट्रोल में मददगार: विशेषज्ञों का कहना है कि ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने में नीम एक चमत्कारिक औषधि की तरह काम करता है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर डायबिटीज मरीज रोजाना नीम की पत्तियों का सेवन और नीम की पत्तियों का पाउडर डाइट में शामिल करते हैं यी नीम की पत्तियों का काढ़ा बनाकर पीते हैं तो ब्लड शुगर का लेवल कम हो सकता है. 2009 में "फाइटोथेरेपी रिसर्च" पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि डायबिटीज से पीड़ित लोग, जिन्होंने 12 सप्ताह तक प्रतिदिन 2 ग्राम नीम पाउडर लिया, उनके ब्लड शुगर (एफबीएस), एचबीए1सी लेवल और ट्राइग्लिसराइड लेवल में काफी कमी आई थी. इस शोध में राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज, बेंगलुरु में फार्माकोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. सी.के. राज ने भाग लिया था.

नीम के सेवन के और भी कई फायदे हैं, इनमें...

लीवर हेल्थ और कब्ज की समस्या : विशेषज्ञों का कहना है कि सुबह नीम की पत्तियां खाने से लीवर स्वस्थ रहता है. कहा जाता है कि नीम के सूजन-रोधी गुण मुक्त कणों के कारण होने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करते हैं और लीवर को स्वस्थ रखते हैं. इसके अलावा, नीम की पत्तियां रक्त को शुद्ध करने, रक्त से अशुद्धियों को दूर करती हैं. खराब जीवनशैली व खान-पान के कारण कब्ज से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है. लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इस समस्या से पीड़ित लोगों के लिए नीम एक औषधि की तरह काम करता है. ऐसा कहा जाता है कि नीम की पत्तियों में मौजूद फाइबर मल त्याग को बेहतर बनाता है और पेट फूलने की समस्या से भी राहत दिलाता है.

आंतों के संक्रमण को रोकता है : विशेषज्ञों का कहना है कि यदि आप खाली पेट नीम खाते हैं, तो आंतों की प्रणाली स्वस्थ रहेगी और आहार नली रोगजनकों से सुरक्षित रहेगी. बदलती जीवनशैली, खान-पान की आदतों के कारण कई लोग आंतों के संक्रमण से पीड़ित हो रहे हैं. अगर वे खाली पेट नीम की पत्तियां खाते हैं.. तो उन्हें इस समस्या से राहत और सुरक्षा मिल सकती है.

मसूड़ों की समस्या के लिए : विशेषज्ञों का कहना है कि मसूड़ों में सूजन, मसूड़ों से खून आना और सांसों की दुर्गंध से पीड़ित लोगों को नीम चबाने से फायदा हो सकता है. 2015 में "जर्नल ऑफ क्लिनिकल पेरियोडोंटोलॉजी" में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, शोधकर्ताओं ने पाया कि नीम चबाने वालों में मसूड़ों की सूजन और रक्तस्राव काफी कम हो गया था.

रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि : विशेषज्ञों का कहना है कि नीम का जूस पीने व नियमित सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि हो सकती है. ऐसा भी कहा जाता है कि इनमें मौजूद पोषक तत्व सर्दी-खांसी जैसी बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं.

हो सकते हैं दुष्प्रभाव : लेकिन यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि विशेषज्ञों का कहना है कि नीम अच्छा है लेकिन अगर आप इसे अधिक मात्रा में खाते हैं तो इसके दुष्प्रभाव हो सकते हैं. यह सुनिश्चित करें कि वे प्रति दिन 5 से 6 अधिक पत्तियां न हों.

(डिस्क्लेमर: यह सामान्य जानकारी केवल पढ़ने के उद्देश्य से प्रदान की गई है. ईटीवी भारत इस जानकारी की वैज्ञानिक वैधता के बारे में कोई दावा नहीं करता है. अधिक जानकारी के लिए कृपया डॉक्टर से परामर्श लें.)

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खराब जीवनशैली, खान-पान, स्ट्रेस जैसे कई कारणों से आजकल हेल्थ प्रोब्लेम्स बढ़ती जा रही हैं. लोगों रेगुलर लाइफस्टाइल के चलते कई तरह की बीमारियां हो रही है. इन बीमारियों में डायबिटीज, हाइपरटेंशन, दिल की बीमारियां, गठिया, ऑटोइम्यून डिजीज, चयापचय संबंधी रोग, जोड़ों और हड्डियों की समस्याएं, एसिड रिफ्लक्स और हार्टबर्न शामिल है, ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि नीम की पत्तियां इन बीमारियों में औषधि की तरह काम करती है. नीम में कई औषधीय गुण होते हैं. इसका इस्तेमाल सदियों से किया जा रहा है.

विशेषज्ञों का कहना है कि नीम में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक, एंटी-अल्सर, एंटी-मलेरिया, एंटी-फंगल, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-म्यूटाजेनिक, एंटी-कार्सिनोजेनिक गुण होते हैं. नीम में विटामिन ए, सी, कैरोटीनॉयड, ओलिक, लिनोलिक जैसे यौगिक होते हैं. डायबिटीज पेशेंट के लिए नीम की पत्तियों का सेवन बेहद फायदेमंद होता है.

शुगर कंट्रोल में मददगार: विशेषज्ञों का कहना है कि ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने में नीम एक चमत्कारिक औषधि की तरह काम करता है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर डायबिटीज मरीज रोजाना नीम की पत्तियों का सेवन और नीम की पत्तियों का पाउडर डाइट में शामिल करते हैं यी नीम की पत्तियों का काढ़ा बनाकर पीते हैं तो ब्लड शुगर का लेवल कम हो सकता है. 2009 में "फाइटोथेरेपी रिसर्च" पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि डायबिटीज से पीड़ित लोग, जिन्होंने 12 सप्ताह तक प्रतिदिन 2 ग्राम नीम पाउडर लिया, उनके ब्लड शुगर (एफबीएस), एचबीए1सी लेवल और ट्राइग्लिसराइड लेवल में काफी कमी आई थी. इस शोध में राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज, बेंगलुरु में फार्माकोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. सी.के. राज ने भाग लिया था.

नीम के सेवन के और भी कई फायदे हैं, इनमें...

लीवर हेल्थ और कब्ज की समस्या : विशेषज्ञों का कहना है कि सुबह नीम की पत्तियां खाने से लीवर स्वस्थ रहता है. कहा जाता है कि नीम के सूजन-रोधी गुण मुक्त कणों के कारण होने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करते हैं और लीवर को स्वस्थ रखते हैं. इसके अलावा, नीम की पत्तियां रक्त को शुद्ध करने, रक्त से अशुद्धियों को दूर करती हैं. खराब जीवनशैली व खान-पान के कारण कब्ज से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है. लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इस समस्या से पीड़ित लोगों के लिए नीम एक औषधि की तरह काम करता है. ऐसा कहा जाता है कि नीम की पत्तियों में मौजूद फाइबर मल त्याग को बेहतर बनाता है और पेट फूलने की समस्या से भी राहत दिलाता है.

आंतों के संक्रमण को रोकता है : विशेषज्ञों का कहना है कि यदि आप खाली पेट नीम खाते हैं, तो आंतों की प्रणाली स्वस्थ रहेगी और आहार नली रोगजनकों से सुरक्षित रहेगी. बदलती जीवनशैली, खान-पान की आदतों के कारण कई लोग आंतों के संक्रमण से पीड़ित हो रहे हैं. अगर वे खाली पेट नीम की पत्तियां खाते हैं.. तो उन्हें इस समस्या से राहत और सुरक्षा मिल सकती है.

मसूड़ों की समस्या के लिए : विशेषज्ञों का कहना है कि मसूड़ों में सूजन, मसूड़ों से खून आना और सांसों की दुर्गंध से पीड़ित लोगों को नीम चबाने से फायदा हो सकता है. 2015 में "जर्नल ऑफ क्लिनिकल पेरियोडोंटोलॉजी" में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, शोधकर्ताओं ने पाया कि नीम चबाने वालों में मसूड़ों की सूजन और रक्तस्राव काफी कम हो गया था.

रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि : विशेषज्ञों का कहना है कि नीम का जूस पीने व नियमित सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि हो सकती है. ऐसा भी कहा जाता है कि इनमें मौजूद पोषक तत्व सर्दी-खांसी जैसी बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं.

हो सकते हैं दुष्प्रभाव : लेकिन यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि विशेषज्ञों का कहना है कि नीम अच्छा है लेकिन अगर आप इसे अधिक मात्रा में खाते हैं तो इसके दुष्प्रभाव हो सकते हैं. यह सुनिश्चित करें कि वे प्रति दिन 5 से 6 अधिक पत्तियां न हों.

(डिस्क्लेमर: यह सामान्य जानकारी केवल पढ़ने के उद्देश्य से प्रदान की गई है. ईटीवी भारत इस जानकारी की वैज्ञानिक वैधता के बारे में कोई दावा नहीं करता है. अधिक जानकारी के लिए कृपया डॉक्टर से परामर्श लें.)

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