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'साइबर सिक्योरिटी और डीपफेक से संबंधित चिंताओं को...' AI एक्शन शिखर सम्मेलन में बोले पीएम मोदी - PM MODI

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक्शन समिट को संबोधित करते हुए कहा कि हमें पक्षपात रहित क्वालिटी डेटा सेंटर बनाने चाहिए.

PM Modi
AI एक्शन शिखर सम्मेलन को संबोधित करते पीएम मोदी (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 11, 2025, 3:19 PM IST

पेरिस: फ्रांस की राजधानी पेरिस स्थित ग्रैंड पैलेस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक्शन समिट को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कि हमें इनोवेशन और गवर्नेंस के बारे में गहराई से सोचना चाहिए और इस पर खुलकर चर्चा करनी चाहिए.

पीएम मोदी ने कहा, "एआई तेजी से विकसित हो रहा है और इसे और भी तेजी से अपनाया और लागू किया जा रहा है. सीमाओं के पार भी गहरी निर्भरता है. इसलिए, गवर्नेंस और स्टैंडर्ड को स्थापित करने के लिए सामूहिक वैश्विक प्रयासों की आवश्यकता है जो हमारे साझा मूल्यों को अपलोड करते हैं, जोखिमों को संबोधित करते हैं और विश्वास का निर्माण करते हैं."

उन्होंने कहा कि गवर्नेंस केवल दरार और प्रतिद्वंद्विता को मैनेज करने के लिए नहीं है. यह इनोवेशन को बढ़ावा देने और वैश्विक भलाई के लिए इसे लागू करने के लिए है. इसलिए हमें इनोवेशन और शासन के बारे में गहराई से सोचना चाहिए और खुलकर चर्चा करनी चाहिए.

डीपफेक से संबंधित चिंताओं को दूर करना
प्रधानमंत्री ने कहा, "हमें ओपन सोर्स सिस्टम विकसित करना चाहिए जो विश्वास और पारदर्शिता को बढ़ाए. हमें पक्षपात रहित क्वालिटी डेटा सेंटर बनाने चाहिए, हमें टेक्नोलॉजी का डेमोक्रेटाइज करना चाहिए और लोगों को केन्द्रित करने वाले अनुप्रयोग बनाने चाहिए. हमें साइबर सिक्योरिटी, गलत सूचना और डीपफेक से संबंधित चिंताओं को दूर करना चाहिए."

उन्होंने आगे कहा कि हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि टेक्नोलॉजी प्रभावी और उपयोगी होने के लिए लोकल इकोसिस्टम में निहित हो. नौकरियों का नुकसान एआई का सबसे भयावह व्यवधान है, लेकिन इतिहास ने दिखाया है कि टेक्नोलॉजी के कारण काम खत्म नहीं होता है, केवल इसका नेचर बदल जाता है. हमें एआई-संचालित भविष्य के लिए अपने लोगों को कौशल और रीस्किल प्रदान करने में निवेश करने की आवश्यकता है.

'लोगों का जीवन में बदल में मदद कर सकता है AI'
पेरिस के ग्रैंड पैलेस में एआई एक्शन समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "शासन का मतलब सभी के लिए एक्सेस सुनिश्चित करना भी है, खास तौर पर ग्लोबल साउथ में. यह वह जगह है जहां क्षमताओं की सबसे ज़्यादा कमी है, चाहे वह शक्ति हो, प्रतिभा हो या वित्तीय संसाधनों के लिए डेटा."

उन्होंने कहा कि एआई हेल्थ, ऐजुकेशन, एग्रीकल्चर और बहुत कुछ बेहतर करके लाखों लोगों के जीवन को बदलने में मदद कर सकता है. यह एक ऐसी दुनिया बनाने में मदद कर सकता है, जिसमें सतत विकास लक्ष्यों की यात्रा आसान और तेज हो जाए. ऐसा करने के लिए, हमें संसाधनों और प्रतिभाओं को एक साथ लाना होगा. हमें ओपन-सोर्स सिस्टम विकसित करना होगा जो विश्वास और पारदर्शिता को बढ़ाए. हमें पूर्वाग्रहों से मुक्त गुणवत्तापूर्ण डेटा सेट बनाना होगा.

यह भी पढ़ें- पेरिस पहुंचे पीएम मोदी, एलिसी पैलेस में राष्ट्रपति मैक्रों ने किया जोरदार स्वागत, एआई समिट में होंगे शामिल

पेरिस: फ्रांस की राजधानी पेरिस स्थित ग्रैंड पैलेस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक्शन समिट को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कि हमें इनोवेशन और गवर्नेंस के बारे में गहराई से सोचना चाहिए और इस पर खुलकर चर्चा करनी चाहिए.

पीएम मोदी ने कहा, "एआई तेजी से विकसित हो रहा है और इसे और भी तेजी से अपनाया और लागू किया जा रहा है. सीमाओं के पार भी गहरी निर्भरता है. इसलिए, गवर्नेंस और स्टैंडर्ड को स्थापित करने के लिए सामूहिक वैश्विक प्रयासों की आवश्यकता है जो हमारे साझा मूल्यों को अपलोड करते हैं, जोखिमों को संबोधित करते हैं और विश्वास का निर्माण करते हैं."

उन्होंने कहा कि गवर्नेंस केवल दरार और प्रतिद्वंद्विता को मैनेज करने के लिए नहीं है. यह इनोवेशन को बढ़ावा देने और वैश्विक भलाई के लिए इसे लागू करने के लिए है. इसलिए हमें इनोवेशन और शासन के बारे में गहराई से सोचना चाहिए और खुलकर चर्चा करनी चाहिए.

डीपफेक से संबंधित चिंताओं को दूर करना
प्रधानमंत्री ने कहा, "हमें ओपन सोर्स सिस्टम विकसित करना चाहिए जो विश्वास और पारदर्शिता को बढ़ाए. हमें पक्षपात रहित क्वालिटी डेटा सेंटर बनाने चाहिए, हमें टेक्नोलॉजी का डेमोक्रेटाइज करना चाहिए और लोगों को केन्द्रित करने वाले अनुप्रयोग बनाने चाहिए. हमें साइबर सिक्योरिटी, गलत सूचना और डीपफेक से संबंधित चिंताओं को दूर करना चाहिए."

उन्होंने आगे कहा कि हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि टेक्नोलॉजी प्रभावी और उपयोगी होने के लिए लोकल इकोसिस्टम में निहित हो. नौकरियों का नुकसान एआई का सबसे भयावह व्यवधान है, लेकिन इतिहास ने दिखाया है कि टेक्नोलॉजी के कारण काम खत्म नहीं होता है, केवल इसका नेचर बदल जाता है. हमें एआई-संचालित भविष्य के लिए अपने लोगों को कौशल और रीस्किल प्रदान करने में निवेश करने की आवश्यकता है.

'लोगों का जीवन में बदल में मदद कर सकता है AI'
पेरिस के ग्रैंड पैलेस में एआई एक्शन समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "शासन का मतलब सभी के लिए एक्सेस सुनिश्चित करना भी है, खास तौर पर ग्लोबल साउथ में. यह वह जगह है जहां क्षमताओं की सबसे ज़्यादा कमी है, चाहे वह शक्ति हो, प्रतिभा हो या वित्तीय संसाधनों के लिए डेटा."

उन्होंने कहा कि एआई हेल्थ, ऐजुकेशन, एग्रीकल्चर और बहुत कुछ बेहतर करके लाखों लोगों के जीवन को बदलने में मदद कर सकता है. यह एक ऐसी दुनिया बनाने में मदद कर सकता है, जिसमें सतत विकास लक्ष्यों की यात्रा आसान और तेज हो जाए. ऐसा करने के लिए, हमें संसाधनों और प्रतिभाओं को एक साथ लाना होगा. हमें ओपन-सोर्स सिस्टम विकसित करना होगा जो विश्वास और पारदर्शिता को बढ़ाए. हमें पूर्वाग्रहों से मुक्त गुणवत्तापूर्ण डेटा सेट बनाना होगा.

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