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हुबहू स्कॉटलैंड के चर्च की तरह है सीहोर का ऑल सेंट चर्च, 27 साल में बनकर हुआ था तैयार - All Saints Church Sehore

सीहोर का ऑल सेंट्स चर्च अपने आप में अनोखा है, लाल पत्थरों से बना ये चर्च हमेशा लोगों के आकर्षण का केंद्र रहता है. इस बार भी इस चर्च में क्रिसमस की तैयारियां शुरू हो गई हैं, जानिए ऑल सेंट्स चर्च के बारे में खास बातें.

Sehore
ऑल सेंट चर्च सीहोर
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Published : Dec 21, 2020, 1:45 PM IST

सीहोर। प्रदेश के सीहोर जिले में पुराने स्टेट हाइवे किनारे स्थित ऑल सेंट चर्च एशिया का दूसरा सबसे सुंदर चर्च माना जाता है. यह चर्च 27 साल में बनकर तैयार हुआ है, ये चर्च स्कॉटलैंड की ऐतिहासिक चर्च की कॉपी कहा जाता है, जो अब क्रिसमस के लिए तैयार किया जा रहा है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बड़े स्तर पर प्रोग्राम नहीं होंगे, लेकिन हर साल होने वाली परंपराओं को पूरा किए जाने की तैयारियां यहां शुरू हो गई हैं.

ऑल सेंट चर्च सीहोर

चर्च के फादर रोहित चौहान ने बताया कि इस बार संक्रमण को देखते हुए क्रिसमस पर भीड़ इकठ्ठी नहीं होने देने के आदेश शासन द्वारा दिए गए हैं, उसी को ध्यान में रखते हुए इस कार्यक्रम को विस्तार में न करके सूक्ष्म तरीके से तैयारी की जा रही है. वहीं इसमें ज्यादा लोगों को नहीं बुलाया गया है. साथ ही इस मौके पर चर्च में समाज से कुछ बुजुर्ग और सम्मानीय लोगों को सम्मानित भी किया जाएगा. हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस पर यहां पर विशेष आयोजन होते हैं तभी से यहां मसीही परिवार प्रार्थना करते आ रहे हैं.

27 साल में बनकर तैयार हुआ था चर्च

शहर के ऑल सेंट्स चर्च 27 साल में बनकर तैयार हुआ था. इस चर्च को स्कॉटलैंड की ऐतिहासिक चर्च की कॉपी कहा जाता है, इसे एशिया का दूसरा सबसे सुंदर चर्च भी कहा जाता है. जानकारी के मुताबिक यह चर्च 185 साल पुराना है. ऑल सेंट्स चर्च का निर्माण 1868 में अंग्रेजी हुकूमत के पहले पोलिटिकल एजेंट जे डब्ल्यू ओसवार्न ने अपने भाई की याद में करवाया था. इस तरह का चर्च अभी स्कॉटलैंड में होना बताया जाता है, इस चर्च के आसपास बांसों के झुरमुट लगाए गए हैं, जिससे हरियाली के भरपूर वातावरण मिल सके.

लाल पत्थर से बनी हैं चर्च की दीवारें

इस चर्च की खास बात ये है कि यहां की दीवारें लाल पत्थर से बनाई गई हैं. नक्काशी भी उसी तरह की की गई है, जिस तरह कि स्कॉटलैंड चर्च में की गई. इस चर्च को बनवाने वाले जे डब्ल्यू ओसवार्न स्कॉटलैंड के रहने वाले थे, जहां बहने वाले टेमस नदी के किनारे भी ऐसा ही लाल पत्थरों का चर्च था, बिलकुल उसी चर्च की तरह इस चर्च को बनाया गया है, जो बहुत आकर्षित है. इस चर्च के आसपास बांसों के झुरमुट लगाए गए हैं, जिससे हरियाली के भरपूर वातावरण मिल सकें.

भोपाल रियासत का पहला चर्च

ऑल सेंट्स चर्च भोपाल रियासत का पहला चर्च था, इसीलिए इस चर्च में भोपाल और उसके आसपास रहने वाले अंग्रेज अधिकारी अक्सर प्रार्थना के लिए आया जाया करते थे. तब से लगातार यहां प्रत्येक रविवार को क्रिश्चन समुदाय के लोग प्रार्थना करते हैैं.

ये भी पढ़ें-Christmas Special: सेंटा कैप, क्रिसमस ट्री और चमकते स्टार से बाजार हुआ गुलजार

इस बार भी 25 दिसंबर को क्रिसमस के मौके पर चर्च में आयोजन किया जा रहा है, वहीं ये आयोजन कोरोना की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा साथ ही इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग पर भी चर्च प्रबंधन द्वारा विशेष ध्यान दिए जाने की बात कही जा रही है.

सीहोर। प्रदेश के सीहोर जिले में पुराने स्टेट हाइवे किनारे स्थित ऑल सेंट चर्च एशिया का दूसरा सबसे सुंदर चर्च माना जाता है. यह चर्च 27 साल में बनकर तैयार हुआ है, ये चर्च स्कॉटलैंड की ऐतिहासिक चर्च की कॉपी कहा जाता है, जो अब क्रिसमस के लिए तैयार किया जा रहा है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बड़े स्तर पर प्रोग्राम नहीं होंगे, लेकिन हर साल होने वाली परंपराओं को पूरा किए जाने की तैयारियां यहां शुरू हो गई हैं.

ऑल सेंट चर्च सीहोर

चर्च के फादर रोहित चौहान ने बताया कि इस बार संक्रमण को देखते हुए क्रिसमस पर भीड़ इकठ्ठी नहीं होने देने के आदेश शासन द्वारा दिए गए हैं, उसी को ध्यान में रखते हुए इस कार्यक्रम को विस्तार में न करके सूक्ष्म तरीके से तैयारी की जा रही है. वहीं इसमें ज्यादा लोगों को नहीं बुलाया गया है. साथ ही इस मौके पर चर्च में समाज से कुछ बुजुर्ग और सम्मानीय लोगों को सम्मानित भी किया जाएगा. हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस पर यहां पर विशेष आयोजन होते हैं तभी से यहां मसीही परिवार प्रार्थना करते आ रहे हैं.

27 साल में बनकर तैयार हुआ था चर्च

शहर के ऑल सेंट्स चर्च 27 साल में बनकर तैयार हुआ था. इस चर्च को स्कॉटलैंड की ऐतिहासिक चर्च की कॉपी कहा जाता है, इसे एशिया का दूसरा सबसे सुंदर चर्च भी कहा जाता है. जानकारी के मुताबिक यह चर्च 185 साल पुराना है. ऑल सेंट्स चर्च का निर्माण 1868 में अंग्रेजी हुकूमत के पहले पोलिटिकल एजेंट जे डब्ल्यू ओसवार्न ने अपने भाई की याद में करवाया था. इस तरह का चर्च अभी स्कॉटलैंड में होना बताया जाता है, इस चर्च के आसपास बांसों के झुरमुट लगाए गए हैं, जिससे हरियाली के भरपूर वातावरण मिल सके.

लाल पत्थर से बनी हैं चर्च की दीवारें

इस चर्च की खास बात ये है कि यहां की दीवारें लाल पत्थर से बनाई गई हैं. नक्काशी भी उसी तरह की की गई है, जिस तरह कि स्कॉटलैंड चर्च में की गई. इस चर्च को बनवाने वाले जे डब्ल्यू ओसवार्न स्कॉटलैंड के रहने वाले थे, जहां बहने वाले टेमस नदी के किनारे भी ऐसा ही लाल पत्थरों का चर्च था, बिलकुल उसी चर्च की तरह इस चर्च को बनाया गया है, जो बहुत आकर्षित है. इस चर्च के आसपास बांसों के झुरमुट लगाए गए हैं, जिससे हरियाली के भरपूर वातावरण मिल सकें.

भोपाल रियासत का पहला चर्च

ऑल सेंट्स चर्च भोपाल रियासत का पहला चर्च था, इसीलिए इस चर्च में भोपाल और उसके आसपास रहने वाले अंग्रेज अधिकारी अक्सर प्रार्थना के लिए आया जाया करते थे. तब से लगातार यहां प्रत्येक रविवार को क्रिश्चन समुदाय के लोग प्रार्थना करते हैैं.

ये भी पढ़ें-Christmas Special: सेंटा कैप, क्रिसमस ट्री और चमकते स्टार से बाजार हुआ गुलजार

इस बार भी 25 दिसंबर को क्रिसमस के मौके पर चर्च में आयोजन किया जा रहा है, वहीं ये आयोजन कोरोना की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा साथ ही इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग पर भी चर्च प्रबंधन द्वारा विशेष ध्यान दिए जाने की बात कही जा रही है.

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