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जागरूकता से ही एड्स का बचाव संभव है: कमिश्नर डॉ.भार्गव

रीवा में एड्स दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें कमिश्नर डॉ. भार्गव ने लोगों में जागरुकता लाने की बात कही है.

event organized on the occasion of AIDS Day in Rewa
एड्स दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन
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Published : Dec 1, 2019, 9:40 PM IST

रीवा। जिले के विंध्यांचल कॉलेज ऑफ नर्सिंग में विश्व एड्स दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया, साथ ही रैली भी लिकाली गई. इस मौके पर कमिश्नर डॉ. भार्गव मुख्य अतिथि के रुप में मौजूद रहे, उन्होंने कहा है कि एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति के साथ रहने से एड्स नहीं होता है. और एड्स के प्रति ज्यादा से ज्यादा जागरूकता बढ़ाना जरूरी है.

एड्स दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन

कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि एड्स महाघातक और लाइलाज बीमारी है. ये एचआईवी वायरस के कारण फैलती है. जो हमारी नैसर्गिक प्रतिरोधक क्षमता को धीरे-धीरे कमजोर करता है. इससे बचने के लिए समाज में सकारात्मक माहौल बनाना और जागरूकता बढ़ाना जरूरी है.

रीवा। जिले के विंध्यांचल कॉलेज ऑफ नर्सिंग में विश्व एड्स दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया, साथ ही रैली भी लिकाली गई. इस मौके पर कमिश्नर डॉ. भार्गव मुख्य अतिथि के रुप में मौजूद रहे, उन्होंने कहा है कि एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति के साथ रहने से एड्स नहीं होता है. और एड्स के प्रति ज्यादा से ज्यादा जागरूकता बढ़ाना जरूरी है.

एड्स दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन

कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि एड्स महाघातक और लाइलाज बीमारी है. ये एचआईवी वायरस के कारण फैलती है. जो हमारी नैसर्गिक प्रतिरोधक क्षमता को धीरे-धीरे कमजोर करता है. इससे बचने के लिए समाज में सकारात्मक माहौल बनाना और जागरूकता बढ़ाना जरूरी है.

Intro:कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव के मुख्य आतिथ्य में विंध्यांचल कॉलेज ऑफ नर्सिंग में विश्व एड्स दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कमिश्नर डॉ. भार्गव ने उपस्थित जन समुदाय के समक्ष अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि एड्स महाघातक और लाइलाज बीमारी है। यह एचआईवी वायरस के कारण फैसली है जो हमारी नैसर्गिक प्रतिरोधक क्षमता को धीरे-धीरे कमजोर करता है। इससे बचने के लिए समाज में सकारात्मक माहौल बनाना और जागरूकता बढ़ाना जरूरी है। Body:कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि एचआईवी वायरस हमारे खून में उपस्थित श्वेत रक्त कणिकाओं को धीरे-धीरे कमजोर करता है जिससे लाल रक्त कणिकाओं का संतुलन बिगड़ने से खून का भी संतुलन बिगड़ जाता है। एड्स की बीमारी चार कारणों से फैलती है जिसमें एचआईवी संक्रमित महिला या पुरूष के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाने, एचआईवी संक्रमित सुई के साझा उपयोग, एचआईवी संक्रमित खून और खून के उत्पादों के उपयोग एवं एचआईवी संक्रमित गर्भवती महिला के जन्म देने से बच्चे में एड्स की बीमारी हो सकती है। इससे बचने के लिए यौन संबंध के दौरान सुरक्षा का ध्यान रखना, हर बार नई सुई का उपयोग, रजिस्टर्ड ब्लड बैंक से सुरक्षित ब्लड लेने से एवं गर्भावस्था के प्रथम तिमाही में ही एचआईवी की जांच कराना जरूरी है।



कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि एचआईवी का वायरस हमारे शरीर की कोशिकाओं में पनपता है एड्स की बीमारी ने दुनिया में भय, दहशत और मिथ्या भावनाओं को जन्म दिया है जिसके प्रति कोई व्यक्ति खुलकर बहस नहीं करना चाहता है। अत: इसके संबंध में ज्यादा से ज्यादा जागरूकता बढ़ाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति के साथ रहने से एड्स नहीं होता है लोगों को यह समझाना हम सभी का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि विवाह के पूर्व एचआईवी टेस्ट करा लेने से जीवन सुखद होता है।
         

Byte- डॉ अशोक कुमार भार्गव, रीवा कमिश्नर.Conclusion:....
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