भोपाल : मध्यप्रदेश के अधिकारी-कर्मचारी एक बार फिर सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी करने जा रहे हैं. डीए-डीआर के बाद अब कर्मचारी सालों से लंबित मांगों को लेकर एकजुट हो रहे हैं. अपने अधिकारों के लिए प्रदेश के कर्मचारी एक महीने तक सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन की तैयारी कर चुके हैं. इसकी शुरुआत 16 जनवरी से होगी, जबकि समापन 16 फरवरी को किया जाएगा.
कर्मचारी नेताओं ने बताया कि 12 जनवरी को जिला स्तर पर संगठन के प्रतिनिधियों की बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें आगामी एक महीने तक चलने वाले आंदोलन की रुप रेखा तैयार की गई है.
जिला से लेकर संभाग स्तर तक होगा प्रदर्शन
मध्यप्रदेश अधिकारी-कर्मचारी सयुंक्त मोर्चा के अध्यक्ष एमपी द्विवेदी ने बताया, '' पदोन्नति शुरु करने, पुरानी पेंशन बहाली, लिपिकों को राज्य मंत्रालय के समान ग्रेड पे, सीधी भर्ती के रिक्त पदों को समयबद्ध तरीके से भरने और पेंशनर्स को कर्मचारियों की तरह जनवरी 2024 से डीए प्रदान करने समेत अन्य 46 मांगों को लेकर हम सरकार के प्रतिनिधियों के साथ निरंतर बात कर रहे हैं. लेकिन अब तक इसका समाधान नहीं हुआ. ऐसे में अब सरकारी कर्मचारियों को सड़कों पर उतरना पड़ रहा है. इसके लिए कर्मचारियों ने रणनीति बना ली है. जिला से लेकर संभाग स्तर पर राजधानी भोपाल में भी मांगों को पूरी कराने के लिए प्रदर्शन किया जाएगा.''
16 जनवरी को सभी जिलों में निकालेंगे रैली
अधिकारी-कर्मचारी सयुंक्त मोर्चा के अध्यक्ष एमपी द्विवेदी ने कहा, '' 16 जनवरी को आंदोलन के पहले दिन अधिकारी-कर्मचारी सयुंक्त मोर्चा सभी जिलों में प्रमुख स्थानों से होकर कलेक्ट्रेट तक रैली निकालेंगे. इस दौरान मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के नाम कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा जाएगा. यदि फिर भी राज्य सरकार कर्मचारियों की मांगों पर विचार नहीं करती, तो 24 जनवरी को यह ज्ञापन विधायकों और सांसदों को सौंपा जाएगा.
इसके बाद 7 फरवरी को सभी जिला मुख्यालयों में धरना प्रदर्शन होगा. इस दौरान राजधानी में सतपुड़ा भवन के सामने भी सांकेतिक प्रदर्शन करेंगे. इसके बाद भी सरकार कर्मचारियों की लंबित मांगों पर अमल नहीं करती, तो 16 फरवरी को ब्लॉक, जिला और संभाग स्तर पर आंदोलन करेंगे. ''
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