मंदसौर। प्रदेश के कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों को अब नई शिक्षा नीति के तहत फैकल्टी के विषयों के साथ-साथ अनिवार्य शिक्षा भी लेनी होगी. साइबर सिक्योरिटी डिजिटल एजुकेशन के अलावा छात्रों को अब धार्मिक शिक्षा भी दी जाएगी. प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि "स्नातक स्तर की पढ़ाई में अब देश में योगदान देने वाले महापुरुषों के जीवन परिचय के साथ-साथ धार्मिक ग्रंथों की शिक्षा जैसे विषयों की पढ़ाई भी इसी साल से लागू होगी. छात्रों को अब ई-लाइब्रेरी का भी लाभ मिलेगा."
छात्रों को ई-लाइब्रेरी मुहैया कराने की योजना: मंदसौर जिले के दलोदा तहसील में कॉलेज के नवीन भवन का लोकार्पण करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि "प्रदेश सरकार ने नई शिक्षा नीति में छात्रों को ई-लाइब्रेरी मुहैया कराने की भी योजना बनाई है. उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद नौकरियों में कंम्पीटीशन के मद्देनजर सरकार छात्रों की सुविधा के लिए कंप्यूटर का बेसिक ज्ञान और डिजिटल शिक्षा के अलावा साइबर सिक्योरिटी जैसे विषयों पर भी फोकस करेगी."
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कोर्स में महापुरुषों का जीवन परिचय: यूजीसी के नियमों के मद्देनजर प्रदेश सरकार ने इसी साल बीए, बीएससी और बीकॉम के कोर्स में इन दो विषयों को जरूरी तौर पर शामिल किया है. उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि "वर्तमान कोर्सेज में कई विदेशी लोगों का जीवन परिचय शामिल है, जिसे हटाकर नई शिक्षा नीति के मुताबिक देश निर्माण में योगदान देने वाले महापुरुषों के जीवन परिचय को जोड़ा जाएगा. रामायण और गीता जैसे जीवन दर्शन देने वाले धार्मिक ग्रंथों की पढ़ाई भी अब छात्रों को अपने कोर्स में पढ़ाई जाएगी."